Bhagalpur Molestation case: भागलपुर में घरेलू काम करने महिला के साथ छेड़छाड़, पुलिस ने भी मामले को किया अनदेखा, पैसों का धौंस दिखाकर आरोपी पक्ष ने उल्टा चोरी का लगाया आरोप

Bhagalpur Molestation case: भागलपुर में घरेलू काम करने वाली मीरा देवी के साथ छेड़छाड़ और पुलिसिया दबाव का मामला सामने आया है। पढ़ें पूरी कहानी कि कैसे महिला हिम्मत जुटाकर इंसाफ की लड़ाई लड़ रही है।

Bhagalpur Molestation case
भागलपुर में महिला के साथ छेड़छाड़- फोटो : news4nation

Bhagalpur Molestation case: महिलाओं के साथ छेड़छाड़ ऐसा अपराध है जिसे प्रमाणित करना बेहद मुश्किल है। चूंकि अपराधी अक्सर महिलाओं पर हमले के सरल तरीके ढूंढ़ लेता है। धन- बल के प्रभाव से पुलिस की मुट्ठी गरम कर खुद को बचाने का भरपूर प्रयास भी करता है। ऐसे मामलों में महिलाएं काफी डरी, सहमी व असहज हो जाती हैं और अधिकतर मामले लोक-लाज के कारण भी थानों तक नहीं पहुंच पाते। ऐसा ही एक मामला बिहार के जिला भागलपुर से उस वक्त सामने आया, जब बीते 27 मई को कोतवाली थानाक्षेत्र की 48 वर्षीय महिला मीरा देवी ने अपने साथ हुई छेड़छाड़ की एक लिखित शिकायत महिला थाना को दी है।

मीरा देवी ने दी लिखित शिकायत

मीरा देवी ने लिखित शिकायत में पुलिस को बताया है कि वह जोगसर थानाक्षेत्र, खरमनचक निवासी सज्जन खेतान के पुत्र आशीष खेतान के घर लंबे समय से दाई का काम करती है। लेकिन बीते 24 मई दिन शनिवार की संध्या 7 बजे किचन में काम कर रहीं थी। तभी गृहपति आशीष खेतान ने उसे बेडरूम की सफाई करने को कहा। वह जैसे ही बेडरूम में गयीं तभी आरोपी आशीष ने पीड़िता को पीछे से पकड़ लिया और उसके वक्षस्थल को दबाने लगा। आरोपी की बेजा हरकत पर पीड़िता ने जब विरोध करते हुए शोर मचाया तो आरोपी की पत्नी मासूम खेतान व पिता सज्जन खेतान भी बेडरूम में दाखिल हो गये, जिन्हें महिला ने अपने साथ हुई घटना की आपबीती बताई। लेकिन किसी ने उसकी एक न सुनी और सबों ने मिलकर महिला को ही गंदी-गंदी गालियां देने लगे, और मारपीट कर घर से बाहर निकाल दिया।

झूठे आरोप में फंसाकर जेल भेजने की धमकी

महिला ने पुलिस को बताया कि जब उसने अपने साथ हुई घटना को लेकर पुलिस में शिकायत की बात उन लोगों से की तो सबों ने उसे चोरी के झूठे आरोप में फंसाकर जेल भेजने तक की धमकी दे दी। हालांकि घटना 24 मई की बताई जा रही है और इस बीच महिला काफी डरी-सहमी और लोकलाज के कारण चुप रही। लेकिन दो दिन बाद हिम्मत जुटाते हुए उसने अपने साथ घटित घटना की पूरी जानकारी अपने पति शंकर भटोलिया को बताई। पति के हिम्मत व हौसले के बाद पीड़िता की तरफ से 27 मई को महिला थाना में सभी आरोपितों के खिलाफ एक तहरीर दी गयी, जिस पर महिला थाना की ओर से फिलहाल अनुसंधान जारी है।

पीड़िता काफी डरी-सहमी हुई-महिला थानेदार

मामले की जानकारी के लिए जब महिला थानेदार लूसी से संपर्क साधा तो उन्होंने बताया कि पीड़िता काफी डरी-सहमी हुई थी। वह कुछ भी बोलने के लिए तैयार नहीं थी। पति ने उसे इंसाफ के प्रति आश्वस्त कराते हुए हिम्मत व साहस दिया तो उसने पुलिस के समक्ष अपनी लिखित शिकायत दी है। थानेदार ने अचरज जताते हुए कहा कि घटना का पीओ चूंकि जोगसर थानाक्षेत्र है तो संबंधित थानेदार से संपर्क साधा गया तो जानकारी हुई कि पीड़िता के विरुद्ध भी बीते 28 मई को आरोपी आशीष खेतान की तरफ से चोरी से संबंधित एक मामला रजिस्टर्ड किया गया है। इधर महिला ने मीडिया को बताया कि वह इस घटना के बाद काफी आहत हैं। उसे और उसके पति को घटना के बाद से ही जोगसर थाना की पुलिस हर दिन आरोपी पक्ष के दबाब में आकर घर से थाना ले जा रहीं और केस उठाने के लिए दबाब भी बना रही, जबकि आरोपित पक्षों की ओर से इस बीच क्षेत्रीय थाना को कोई लिखित शिकायत भी नहीं दी गयी है। 

इंसाफ की गुहार लगा रही महिला

वह बार-बार आंसू बहा खुद के लिए इंसाफ की गुहार लगा रही। वहीं इस पूरे मामले में आरोपी आशीष खेतान से जब हमने कोतवाली थानाक्षेत्र स्थित गुरुद्वारा रोड में उसके हार्डवेयर की दुकान पर मुलाकात की तो उन्होंने घटना से संबंधित जानकारी के लिए घटनास्थल यानी अपने आवास पर चलने की बात कहीं और खरमनचक स्थित पिसी ज्वेलर्स के ऊपरी तले पर अपने फ्लैट में ले गए, जहां करीब उन्होंने पत्नी मासूम खेतान, भाई सौरव व मां के समक्ष आधे घंटे तक गोलमटोल बात करते हुए शंकर टाकीज स्थित एक व्यक्ति किशोर से फोन पर सलाह मशविरा किया और किशोर से बात भी करवाई। उक्त कॉल पर किशोर की ओऱ से किसी आशीष नामक व्यक्ति का हवाला देकर मौके पर पहुंचे पत्रकारों को हड़काया भी गया। यानी कुल मिलाकर आरोपित पक्षों की तरफ से मौके पर पहुंचे पत्रकारों को सेवा तक करने की बात कह मामले को ठंडे बस्ते में डालने की बात कही गयी। लेकिन संबंधित घटना को लेकर फ़िलहाल उन्होंने कुछ भी कहने से गुरेज भी किया। 

महिला के केस से जुड़ा बड़ा सवाल

बड़ा सवाल है कि महिला के साथ घटित घटना बीते 24 मई की है अगर महिला ने आरोपी के घर चोरी ही किया तो घटना के चार दिनों तक आरोपी पक्षों ने अपने नजदीकी थाना को इसकी जानकारी क्यों नहीं दी ? पीड़िता बीते पांच सालों से आरोपी के घर दाई का काम करती थी तो इन पांच वर्षों के अंतराल उस पर कितने आरोप लगे ? जब पीड़िता ने अपनी शिकायत महिला थाना में दी तो आरोपी की तरफ से उसकी शिकायत के दूसरे दिन ही मामला कैसे दर्ज कराया गया ? बहरहाल कानून अगर इंसाफ देने के लिए है , तो क्या इस महिला को इंसाफ मिलेगा ? या फिर पैसा ही बोलेगा ? पांच साल बेदाग छवि के साथ किसी के घर में काम करना कम नहीं होता, लेकिन अगर इस क्रम में उसके चरित्र हनन का प्रयास गृहपति ही करने का प्रयास करे और महिला के विरोध पर उसे फंसाने के लिये शुरू हो जाय पैसे का खेल, तो इसे आप क्या कहेंगे ? 

महिला की आंसुओं में भींगी आपबीती

महिला की आंसुओं में भींगी आपबीती अगर सच है तो फिर उस पर लगने वाले आरोप सही कैसे ? ऐसे में पुलिस का उसके पति को थाने ले जा कर प्रताड़ित करना क्या यह जाहिर नहीं करती कि पुलिस की मुट्ठी गरम कर दी गयी है ? फिर कैसे होगा उसके आंसुओं का हिसाब-किताब ?

भागलपुर से balmukund kumar की रिपोर्ट