Bihar Assembly elections 2025: बिहार के भागलपुर में गेम चेंजर बनेंगे बुजुर्ग मतदाता! आंकड़ों से समझे पूरा माजरा
Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 में भागलपुर जिले की सातों सीटों पर अनुभव और युवा जोश का टकराव देखने को मिलेगा। जानिए कहलगांव, सुल्तानगंज, पीरपैंती और अन्य क्षेत्रों की मतदाता स्थिति।

Bihar Assembly elections 2025: बिहार विधानसभा चुनाव 2025 का माहौल अब पूरी तरह गर्म हो गया है। जन सुराज पार्टी को छोड़ किसी बड़े दल ने अभी प्रत्याशियों की घोषणा नहीं की है, लेकिन राजनीतिक हलचल तेज हो चुकी है। भागलपुर जिले की सातों विधानसभा सीटों — भागलपुर, कहलगांव, सुल्तानगंज, नवगछिया, बिहपुर, गोपालपुर और पीरपैंती — पर दूसरे चरण में 11 नवंबर को मतदान होगा। इस बार जिले में एक अलग ही तस्वीर देखने को मिल रही है। कुछ क्षेत्रों में अनुभवी और बुजुर्ग मतदाता अपनी भूमिका निभाने के लिए तैयार हैं, तो कुछ सीटों पर जोशीले युवा चुनावी समीकरण बदलने वाले हैं।
भागलपुर शहर में बुजुर्ग मतदाताओं की मजबूत उपस्थिति
भागलपुर शहरी विधानसभा क्षेत्र में 40 से 89 वर्ष के मतदाता सबसे अधिक हैं। इस वर्ग में कुल 81,293 मतदाता शामिल हैं। इनमें 50 से 59 वर्ष के 51,253, 60 से 69 वर्ष के 32,877, 70 से 79 वर्ष के 16,503 और 80 से 89 वर्ष के 5,161 मतदाता हैं।
राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि यह वर्ग कई दशकों से चुनावी उठापटक देखता आया है और इस बार उनका अनुभव निर्णायक साबित हो सकता है। भागलपुर में नए मतदाताओं की संख्या 7,798 है जबकि 20–29 वर्ष के 61,744 और 30–39 वर्ष के 86,982 मतदाता हैं। सबसे दिलचस्प बात यह है कि यहां 100 वर्ष से अधिक आयु वाले 48 मतदाता भी लोकतंत्र में अपनी भागीदारी निभा रहे हैं।
कहलगांव में युवा मतदाता तय करेंगे जीत-हार
कहलगांव विधानसभा सीट इस बार युवा मतदाताओं के प्रभाव में रहेगी। यहां 18–19 वर्ष के 7,842 और 20–29 वर्ष के 80,012 मतदाता हैं। यानी हर तीसरा वोटर युवा है। इसके अलावा 30–39 वर्ष के 92,875 और 40–49 वर्ष के 72,829 मतदाता भी सक्रिय हैं। राजनीतिक समीक्षकों का कहना है कि कहलगांव में युवा मतदाता इस बार चुनावी मुकाबले का रुख बदल सकते हैं। उनकी भागीदारी और ऊर्जा से चुनाव का माहौल बेहद रोमांचक बनने की उम्मीद है।
पीरपैंती में 30–39 वर्ष के मतदाता सबसे आगे
पीरपैंती विधानसभा में 30–39 वर्ष आयु वर्ग के 1,05,770 मतदाता हैं, जो पूरे भागलपुर जिले में सबसे अधिक हैं। इसके बाद 40–49 वर्ष के 75,925 और 20–29 वर्ष के 75,892 मतदाता हैं। यहां एक और रोचक तथ्य सामने आया है — इस क्षेत्र में 120 वर्ष के एक मतदाता दर्ज हैं, जो अब भी लोकतंत्र की ताकत पर भरोसा जताते हैं। पीरपैंती में युवा और मध्य आयु वर्ग का बड़ा वोट बैंक उम्मीदवारों की तकदीर लिखेगा।
सुल्तानगंज में आजादी के गवाह अब भी सक्रिय
सुल्तानगंज विधानसभा क्षेत्र में आजादी के दौर को देखने वाले मतदाता अब भी सक्रिय हैं। यहां 90–99 वर्ष के 693 और 100–109 वर्ष के 99 मतदाता हैं। इन बुजुर्गों ने भारत के लोकतंत्र की यात्रा को शुरू से देखा है और आज भी वोट डालने के लिए उतने ही उत्साहित हैं। सुल्तानगंज में 18–19 वर्ष के 6,683, 20–29 वर्ष के 65,395 और 30–39 वर्ष के 82,553 मतदाता हैं, जिससे यह क्षेत्र अनुभव और नई सोच दोनों का संगम बन गया है।
अनुभव बनाम युवा जोश की जंग
भागलपुर जिले की मतदाता संरचना यह साफ दिखा रही है कि 2025 का चुनाव बुजुर्ग अनुभव बनाम युवा जोश की जंग होगी। भागलपुर, सुल्तानगंज और पीरपैंती जैसे क्षेत्रों में अनुभवी मतदाता निर्णायक भूमिका में हैं, जबकि कहलगांव और नवगछिया में युवा मतदाता पूरे राजनीतिक परिदृश्य को बदल सकते हैं।राजनीतिक दलों के लिए इस बार बड़ी चुनौती होगी कि वे दोनों वर्गों का भरोसा जीत सकें। बुजुर्ग मतदाताओं के अनुभव का सम्मान और युवाओं की आकांक्षाओं का ध्यान यही इस चुनाव में जीत की असली चाबी साबित होगी।