Bihar news - लिट्टी-चोखा, चना-सत्तू और बथुआ आम बनेगी बिहार की पहचान, जीआई टैग के लिए भेजा गया प्रस्ताव

Bihar news - बिहार के लोकप्रिय व्यंजन लिट्टी चोखा और चना सत्तु को जीआई टैग का दर्जा दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा है। यह प्रस्ताव बीएयू द्वारा भेजा गया है। इसके साथ ही बथुआ आम को भी जीआई टैग को लिस्ट में शामिल किया गया है।

Bihar news - लिट्टी-चोखा, चना-सत्तू और बथुआ आम बनेगी बिहार क

Bhagalpur - दुनिया के कोने-कोने में लिट्टी चोखा और चना सत्तु का जिक्र होते ही बिहार की चर्चा शुरू हो जाती है। अब इस प्रसिद्ध व्यंजन को बिहार की पहचान बनाने की कवायद शुरू हो गई है। दोनों व्यंजनों को जीआई टैग दिलाने के लिए प्रस्ताव भेजा गया है। इसके साथ ही बिहार के बथुआ आम को भी प्रस्ताव में शामिल किया गया है।

दरअसल, बिहार की पारंपरिक कृषि संपदा को वैश्विक पहचान दिलाने की दिशा में बिहार कृषि विश्वविद्यालय (बीएयू), सबौर द्वारा जीआई (भौगोलिक संकेत) पंजीकरण के लिए लगातार प्रयास किया जा रहा है। विश्वविद्यालय में शनिवार को दसवीं समीक्षा बैठक अनुसंधान निदेशक डॉ. अनिल कुमार सिंह की अध्यक्षता में आयोजित की गई। जिसमें बिहार के लिट्टी-चोखा, बिहार चना-सत्तू और बथुआ आम को जीआई टैग दिलाने के लिए औपचारिक रूप से जीआई कार्यालय, चेन्नई भेजने की स्वीकृति दी गई।

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बीएयू ने 30 उत्पादों के जीआई पंजीकरण के लिए भेजा प्रस्ताव

इस वित्तीय वर्ष में बीएयू, सबौर ने 30 उत्पादों के लिए जी.आई. पंजीकरण की दिशा में कार्य किया, जिसमें से पहले ही आठ उत्पाद– मालभोग चावल, पटना दुधिया मालदा, बिहार सिंघाड़ा, सीता सिंदूर, हाजीपुर का चिनिया केला, मगही ठेकुआ, बिहार तिलौरी और बिहार अधौरी को जीआई टैगिंग हेतु भेजा गया है। अब तीन और उत्पादों लिट्टी-चोखा, बिहार चना-सत्तू और बथुआ आम की स्वीकृति के साथ, बिहार के कुल 11 कृषि उत्पादों को आधिकारिक रूप से जीआई पंजीकरण प्रक्रिया में शामिल कर लिया गया है।

बीएयू के कुलपति डा. डीआर सिंह ने बताया कि जीआई पंजीकरण बिहार के विशिष्ट कृषि उत्पादों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान दिलाने और किसानों की आर्थिक समृद्धि बढ़ाने का एक क्रांतिकारी कदम है। यह पहल हमारी समृद्ध कृषि विरासत की सुरक्षा के साथ-साथ बाजार में उनकी विशिष्टता को भी मजबूत करेगी।