Bihar News: भागलपुर में 'मौत का सौदागर' डॉक्टर! घनी आबादी में अस्पताल, मेडिकल कचरे से 'ज़हर' और 'त्राहिमाम' का शोर
डॉक्टर घनी आबादी के बीच एक अस्पताल चलाकर, कॉलोनी को 'शमशान और कब्रिस्तान' में तब्दील कर रहा है। कोरोना के बाद अब नए वायरस के खतरे से लोग भयाक्रांत हैं, लेकिन इस डॉक्टर की 'कारगुजारियां' कॉलोनी वासियों के लिए संक्रमण का 'नया जाल' बुन रही है...

Bihar News: धरती के 'भगवान' कहे जाने वाले एक डॉक्टर को भागलपुर की मधु श्री कॉलोनी के निवासियों ने 'शैतान' का दर्जा दे दिया है! आरोप है कि यह डॉक्टर घनी आबादी के बीच एक अस्पताल चलाकर, कॉलोनी को 'शमशान और कब्रिस्तान' में तब्दील कर रहा है। कोरोना के बाद अब नए वायरस के खतरे से लोग भयाक्रांत हैं, लेकिन इस डॉक्टर की 'कारगुजारियां' कॉलोनी वासियों के लिए संक्रमण और बीमारियों का 'नया जाल' बुन रही हैं।
'जहरीला' अस्पताल: मेडिकल कचरे का 'घिनौना खेल'
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह 'शिव कमल मेमोरियल चिल्ड्रेन हॉस्पिटल होम' उनके लिए 'मौत का घर' बन गया है। अस्पताल से निकलने वाला खतरनाक मेडिकल कचरा सीधे कॉलोनी के ड्रेनेज में फेंका जा रहा है, जिससे संक्रमण का खतरा कई गुना बढ़ गया है। अस्पताल से बहने वाले जहरीले केमिकल और कानफोड़ू आवाज में चलने वाला ऑक्सीजन प्लांट भी लोगों के लिए सिरदर्द बन गया है, खासकर बच्चों और बुजुर्गों पर इसका 'घातक' असर देखा जा रहा है।
'न्याय' की पुकार: शिकायतें बेअसर, अब 'आमरण अनशन' की धमकी
इस भयावह स्थिति को देखते हुए, कॉलोनी के बुजुर्गों ने नीचे से लेकर ऊपर तक तमाम अधिकारियों को लिखित शिकायतें भेजी हैं, लेकिन नतीजा 'ढाक के तीन पात' रहा। कोई सुनवाई नहीं हुई। इसी से आहत 72 वर्षीय वरिष्ठ नागरिक जवाहर मिश्रा ने अपनी कॉलोनी में ही विभिन्न मांगों को लेकर धरना दे दिया है। इस धरने में अधिवक्ता, व्यवसायी और बुद्धिजीवी भी शामिल हैं।
इन लोगों का साफ कहना है कि जब कोई कार्रवाई नहीं हुई, तो उन्होंने राज्य के शहरी विकास एवं भवन मंत्री, बिहार सरकार को अपनी फरियाद लिखित रूप में भेजी है। यदि इस पर भी कोई सुनवाई नहीं हुई, तो यह धरना आमरण अनशन में तब्दील हो जाएगा।
'सबूत' और 'सवालों' के घेरे में डॉक्टर
जब इस मामले में डॉ. आशुतोष रंजन से संपर्क साधा गया, तो उन्होंने टालमटोल करते हुए बात करने से ही मना कर दिया। उन्होंने इसे एक 'छोटा मामला' बताकर पल्ला झाड़ लिया। लेकिन, बड़े सवाल खड़े होते हैं कि घनी आबादी के बीच अस्पताल निर्माण की अनुमति किसने दी?क्या इस अस्पताल के पास लाइसेंस है और क्या यह मानकों को पूरा कर रहा है?मेडिकल कचरा और रासायनिक पदार्थ कॉलोनी वासियों के ड्रेनेज में बहाने की अनुमति किसने दी?
कम समय में डॉक्टर द्वारा कॉलोनी में खरीदी गई भू-संपत्ति, जिस पर अस्पताल का विस्तार किया जा रहा है, वह भी लोगों के लिए चिंता का विषय बन गई है। लोगों ने डॉक्टर द्वारा कम अवधि में अर्जित संपत्ति की जांच कराने की मांग की है।
नगर आयुक्त की गैर-हाजिरी में उपस्थित प्रभारी नगर आयुक्त कुंदन कुमार ने बताया है कि कॉलोनी वासियों की शिकायत मिली है और मामले की सुनवाई चल रही है। आगामी 21 जून को सुनवाई की तारीख तय की गई है।
बहरहाल, डॉक्टर आशुतोष रंजन कॉलोनी वासियों के लिए 'वरदान' हैं या 'शैतान', यह तो आधिकारिक जांच के बाद ही तय हो पाएगा, लेकिन फिलहाल, इस 'जहरीले' खेल में लोगों की जान जोखिम में है।
रिपोर्ट- बालमुकुंद शर्मा