Bihar Crime News : भागलपुर में रात के अँधेरे में होता है बालू का अवैध कारोबार, मूक दर्शक बनी पुलिस, डीएसपी बोले-जांच के बाद होगी कार्रवाई

Bihar Crime News : भागलपुर में रात के अँधेरे में होता है बाल

BHAGALPUR : जगदीशपुर प्रखंड क्षेत्र में बालू का अवैध कारोबार रूकने का नाम नहीं ले रहा है। क्षेत्र में बालू माफिया के साथ-साथ वर्तमान में पासर गिरोह भी सक्रिय हैं, जिनकी मोटी कमाई अवैध बालू की बिक्री है, जो रात के अंधेरे में अवैध रूप से क्षेत्र के सैदपुर, टहसुर सहित अन्य जगहों से बालू का अवैध उत्खनन कर रहे हैं। माफिया सरकार के राजस्व को हर दिन चूना लगा लाखों का नुकसान पहुंचा रहे हैं। मालूम हो कि क्षेत्र के सैदपुर, टहसुर, रामपुर आदि प्रतिबंधित घाटों से जगदीशपुर प्रखंड के माफियाओं के द्वारा खुलेआम अवैध रूप से बालू का उत्खनन कर बेचा जा रहा है। साथ ही घाट किनारे जाने वाली सड़क मार्ग में शाम होते ही डंपिंग का कार्य शुरू हो जाता है। इतना ही नहीं मध्य रात्रि के बाद माफिया द्वारा ट्रक के सहारे डंप बालू को लोड कर अन्यत्र जगह ले जाकर बेचा भी जाता है। इस खेल में जुगाड़ गाड़ी, ट्रैक्टर व ट्रक आदि वाहनों का इस्तेमाल होता है, जिसके कारण क्षेत्र के सैदपुर, चांदपुर, बादे, टहसुर और रूपोली मार्ग में शाम होने के बाद आम लोग जाने से भी डरते हैं। इलाके में स्थिति काफी दयनीय हो गई है। 

रात में ये रास्ता माफियाओं के कब्जे में आ जाता है। इस रास्ते से गुजरने वाले कोई भी राहगीर को माफियाओं को हिसाब देना पड़ता है कि वह कहां और क्यों जा रहे हैं ? अवैध बालू के इस खेल से माफियाओं की कारगुजारी ने क्षेत्र की सड़कों पर बालू की मोटी परतें बिछा दी है, जिसकी शिकायत भी करने से क्षेत्र के ग्रामीण भयभीत हैं। ग्रामीणों ने नाम नहीं छापने की शर्त पर बताया कि बालू उत्खनन कार्य को अंजाम देने में इलाके के एक लग्जरी चार चक्का पर घूमने वाले पासर की भूमिका भी अहम है। वह क्षेत्रीय लोगों को डराते हुए कहते हैं कि आपको पता नहीं, बालू का घाट मेरी देखरेख में चलता है। रात के अंधेरे में पुलिस की सारी जिम्मेदारी यही लेते हैं। कौन सी गाड़ी पकड़नी है, छोड़नी है किसे चलानी है यह भी जिम्मेदारी इसी की रहती है। और यही पासर ट्रैक्टर चालकों को गंतव्य स्थान के लिए पास कराते हैं। बड़ा सवाल है कि अगर बालू का उठाव नहीं होता है तो इन प्रतिबंधित घाटों के मुख्य मार्गों पर बालू की मोटी परत कैसे बिछ गयी है ? इस बाबत ग्रामीणों ने रात के अंधेरे की जीपीएस तस्वीर भी उपलब्ध कराई है, जिसमें दिन और तारीख स्पष्ट है की आखिर रात में ट्रैक्टर नदी में क्यों जाता है ? साथ ही सड़क किनारे डंपिंग बालू किसकी है ? उधर कुछ बालू माफिया के विरूद्ध खनन व पुलिस विभाग के द्वारा कार्रवाई भी की जा रही है ताकि पुलिस प्रशासन के वरीय अधिकारियों की आंखों में धूल झोंक सके और खुद को उनकी नजर में साफ सुथरा साबित कर सके। लोग दबी जुबान में यह भी कहते हैं कि इन सारे बालू के अवैध कारोबार में पुलिस का भरपूर सहयोग है। बालू उठाव को लेकर प्रतिबंधित घाट के किसान व ग्रामीण में खासे रोष में हैं। किसानों की मानें तो उनका कहना है कि बालू के उठाव हो जाने से पानी का जलस्तर लगातार नीचे गिर रहा है, जिससे किसानी कार्य दूभर होते जा रहा है। इसके लिए स्थानीय किसानों ने आंदोलन की चेतावनी भी दी है। उधर पुलिस की मानें तो क्षेत्र में बालू का उठाव पूर्णत: बंद है। पुलिस लगातार कार्रवाई कर रही है। मालूम हो कि पूर्व में बालू के इस खेल में कई थानोंदारों पर कार्रवाई हुई है। साथ ही जगदीशपुर थाना के कथित चालक व चौकीदार तक पर कार्रवाई भी हो चुकी है। मामले में थानाध्यक्ष अभय शंकर  ने कहा कि क्षेत्र में अवैध रूप से बालू का उत्खनन नहीं हो रहा है, हमारे क्षेत्र में बालू है ही नहीं, जहां से उठाव हो रहा है वहां का लोकेशन भेजिए, मुझे भी गिरफ्तारी दिखानी है।

पूरे मामले में क्षेत्र के डीएसपी विधि व्यवस्था ने बताया कि मामले की जांच करायी जायेगी। किसी भी कीमत पर अवैध रूप से बालू खनन नहीं होने दिया जायेगा। बहरहाल बात जो भी हो यहां यह कहना गलत नहीं होगा कि क्षेत्र के थानेदार को बतौर जिम्मेदारी थानेदारी दी गयी है। लेकिन उन्हें कई माह बाद भी क्षेत्र के परिसीमन और बालू घाटों की भी जानकारी नहीं है। जब पत्रकार ने उनसे अवैध उत्खनन की जानकारी दी तो उन्होंने पत्रकार को ही लोकेशन भेजने की जिम्मेदारी व कार्यवाही रूपेण गिरफ्तारी भी बता दी। 

भागलपुर से बालमुकुन्द की रिपोर्ट