no duty, only salary - तीन साल तक नहीं की ड्यूटी और हर महीने लेती रही सैलरी, बिहार के नर्स ने किया कारनामा, मामला सामने आते ही अधिकारी हो गए हैरान
no duty, only salary - तीन साल तक एक नर्स बिना ड्यूटी हर महीने अपनी सैलरी उठाती रही। जब इस मामले की जानकारी मिली तो हर कोई हैरान रह गया। अब मामले में नर्स पर कार्रवाई की तैयारी की जा रही है.

Bhagalpur – ऐसे कारनामे सिर्फ बिहार में हो सकते हैं, जब बिना ड्यूटी के ही हर महीने की सैलरी खाते में पहुंच जाती है। भागलपुर के जवाहर लाल नेहरू मेडिकल कॉलेज अस्पताल (जेएलएनएमसीएच) के एक नर्स ने तीन साल तक काम नहीं किया, लेकिन हर महीने सैलरी उठाती रही। तीन सालों में उठाई गई सैलरी 28 लाख हो गई, तो अधिकारियों को इसकी जानकारी मिली। अब नर्स के खिलाफ जांच कर रिपोर्ट पटना भेजी जा रही है । माना जा रहा है कि डायरेक्टर आफ नर्सिंग के स्तर से कार्रवाई की जाएगी। नर्स का नाम प्रतिभा बताया गया है।
वहीं अस्पताल के एमएस द्वारा मामले के लिए जांच कमेटी में तीन लोगों की भूमिका सामने आई है। नर्स के लंबे समय तक अनुपस्थित रहने के बाद भी वेतन भुगतान मामले में मेट्रन की भूमिका भी शक के दायरे में है। जांच रिपोर्ट में इन्हें संरक्षक की भूमिका में माना गया है इतने बड़े फर्जीवाड़े का हिस्सा होने के कारण इनलोगों पर मुकदमा दर्ज हो सकता है।
नर्स ने लौटाए 11 लाख रुपए
मामला संज्ञान में आने के बाद नर्स प्रतिमा ने करीब 11 लाख का चेक अस्पताल प्रबंधन को लौटाया था। साथ ही तीन साल बिना काम किए वेतन के रूप में ली गई शेष राशि भी धीरे-धीरे लौटाने की बात कही थी। पर मामला काफी ऊपर तक चले जाने के कारण अस्पताल प्रबंधन ने नर्स द्वारा दिया गया चेक उन्हें बुलाकर लौटा दिया। अब मुख्यालय ने संज्ञान ले लिया है। इस मामले में कैसे वेतन के रूप में दिया गया पैसा वापस लेना है इसका निर्णय मुख्यालय करेगा।
विदित हो कि तीन साल से गायब नर्स प्रतिमा को वेतन के रूप में 28 लाख रुपये का भुगतान कर दिया गया था। इंक्रीमेंट भी दे दिया था। पूरे मामले में नर्स प्रतिमा मामले में मेट्रन की भूमिका भी शक के दायरे में है। जांच के दौरान पूछा गया कि अगर नर्स लंबे समय से अवकाश पर थी तो इसकी जानकारी मेट्रन को कैसे नहीं हुई।
अगर नर्स ने उन्हें दरकिनार कर दिया था तो इसकी जानकारी अस्पताल अधीक्षक को क्यों नहीं दी गई। दरअसल, नर्स की हेड मेट्रन होती है। नर्स को किसी भी जरूरत के लिए इन्हें ही आवेदन करना होता है।