Bhagalpur News: स्मार्ट मीटर को लेकर जारी हुआ नया आदेश, बिजली उपभोक्ताओं का बढ़ने जा रहा है टेंशन

Bhagalpur News:बिहार की धरा पर, जहाँ विकास की बयार बह रही है, वहीं स्मार्ट मीटर की स्थापना का महत्वाकांक्षी अभियान दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी लिमिटेड, के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है।

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स्मार्ट मीटर को लेकर जारी हुआ नया आदेश- फोटो : social Media

Bhagalpur News:बिहार की धरा पर, जहाँ विकास की बयार बह रही है, वहीं स्मार्ट मीटर की स्थापना का महत्वाकांक्षी अभियान दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी लिमिटेड, भागलपुर के लिए किसी अग्निपरीक्षा से कम नहीं है। दो वर्षों से भी अधिक समय से चल रही यह परियोजना, जहाँ आधुनिकता की ओर एक कदम है, वहीं इसे जन-विरोध की अनवरत चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसकी प्रगति धीमी पड़ गई है और कंपनी के माथे पर चिंता की लकीरें स्पष्ट उभर आई हैं। अभी भी 44 हजार मीटर स्थापित किए जाने शेष हैं, जो इस कार्य की विशालता और धीमी गति को दर्शाता है।

विरोध की ज्वाला और कार्य की मंद गति

नाथनगर, चंपानगर जैसे इलाकों में स्मार्ट मीटर लगाने का काम अत्यंत मंद गति से चल रहा है। यहाँ के निवासियों का प्रबल विरोध, बिजली कर्मियों के लिए एक दुर्गम बाधा बन गया है। मिरजानहाट, बरहपुरा, तातारपुर जैसे नगर के कई अन्य क्षेत्रों में भी यही स्थिति है, जहाँ कुछ घरों में मीटर स्थापित करने के पश्चात् कार्य ठप पड़ गया है। स्मरण हो कि सात-आठ माह पूर्व बरहपुरा में मीटर लगाने पहुँचे बिजली कर्मियों को न केवल खदेड़ दिया गया, अपितु उनके साथ मारपीट की दुर्भाग्यपूर्ण घटना भी घटी थी। यह घटना जन-विरोध की तीव्रता को उजागर करती है। बाद में, जिला प्रशासन के हस्तक्षेप और कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के उपरांत ही लगभग दो सौ घरों और दुकानों में मीटर लगाए जा सके। मिरजानहाट, मोजाहिदपुर, गुड़हट्टा, तिलकामांझी, भीखनपुर, इशाकचक जैसे क्षेत्रों में भी कर्मियों को समान विरोध का सामना करना पड़ा है, जो इस कार्य की चुनौतियों को और बढ़ा देता है।

कंपनी का दृष्टिकोण और चुनौतियाँ

दक्षिण बिहार पावर डिस्ट्रीब्यूटर कंपनी लिमिटेड, भागलपुर आपूर्ति क्षेत्र के रेवेन्यू ऑफिसर, अभय कुमार, स्वीकार करते हैं कि स्मार्ट मीटर के प्रति लोगों में विरोध का भाव है, किंतु उनका यह भी कहना है कि समझाने-बुझाने पर स्थिति सुधरती है। उनके अनुसार, शुरुआती दौर में यह समस्या अधिक विकराल थी, परंतु अब विरोध के स्वर कुछ धीमे पड़े हैं। कई घरों में गृहस्वामी के बाहर रहने और घरों में ताले जड़े होने के कारण भी मीटर नहीं लग पाए हैं। यद्यपि नाथनगर में कार्य धीमा है, तिलकामांझी सबडिवीजन के अधिकांश क्षेत्रों में मीटर लगाने का काम लगभग पूर्ण हो चुका है। उन्होंने यह भी स्पष्ट किया है कि अधिकांश सरकारी कार्यालयों, विद्यालयों, महाविद्यालयों और विश्वविद्यालयों में स्मार्ट मीटर लग चुके हैं या लगने हैं, और जो उपभोक्ता मीटर नहीं लगवाएंगे, उनके कनेक्शन काट दिए जाएंगे। यह कंपनी के दृढ़ संकल्प को दर्शाता है, बावजूद इसके कि उन्हें कड़े विरोध का सामना करना पड़ रहा है।

धोखाधड़ी का साया और भविष्य की राह

जीनस प्राइवेट लिमिटेड के प्रोजेक्ट मैनेजर, विकास सिंह, का दावा है कि विगत कुछ दिनों से विरोध का सामना कम करना पड़ रहा है, और लोग समझाने-बुझाने पर मीटर लगवाने को तैयार हो रहे हैं। हालांकि, उन्होंने एक गंभीर समस्या की ओर भी ध्यान दिलाया है – मिरजानहाट, हसनगंज सहित दक्षिणी क्षेत्र में मीटर लगाने का काम धीमा पड़ने का एक कारण यह भी था कि कुछ नियुक्त व्यक्ति मीटर के साथ छेड़छाड़ कर रहे थे। इस धोखाधड़ी का खुलासा होने पर ऐसे व्यक्तियों को हटा दिया गया है, और मीटर के साथ छेड़छाड़ करने तथा तार चोरी करने के आरोप में तीन लोगों के विरुद्ध कानूनी कार्रवाई की गई है, जिनमें गिरफ्तारी और जेल भेजने की प्रक्रिया भी शामिल है। यह घटना इस परियोजना में व्याप्त भ्रष्टाचार और अनैतिक गतिविधियों को भी उजागर करती है। विकास सिंह ने आश्वस्त किया है कि स्टॉक में सदैव एक लाख मीटर उपलब्ध रहते हैं और नाथनगर, चंपानगर सहित अन्य चिन्हित क्षेत्रों में काम निरंतर जारी है।

इस प्रकार, स्मार्ट मीटर लगाने का यह अभियान, जहाँ एक ओर विद्युत वितरण प्रणाली को आधुनिक बनाने का प्रयास है, वहीं दूसरी ओर इसे जन-विरोध, प्रशासनिक बाधाओं और आंतरिक धोखाधड़ी जैसी जटिल चुनौतियों से जूझना पड़ रहा है। यह देखना शेष है कि कंपनी इन अवरोधों को पार कर कब तक इस परियोजना को पूर्णता प्रदान कर पाती है।