Bihar News: आपदा में भी अवसर! गजब खेला कर दिए DM साहब! ब्लैक लिस्ट को हीं हुजूर ने कर दिया लिस्टेड....

Bihar News:बिहार में बाढ़ की त्रासदी में भी अवसर तलाशने का खेल जारी है! भागलपुर में 30,000 पॉलिथिन शीट्स की निविदा, पर 8,800 ही पहुंचीं, फिर भी लाखों का भुगतान कर दिया गया। एजेंसी पर मेहरबानी, पीड़ितों की अनदेखी आखिर क्यों की गई!

Bhagalpur DM
आखिर मेहरबानी क्यों?- फोटो : social Media

Bihar News: बिहार में लगभग हर साल की तरह इस साल भी बाढ़ की त्रासदी के दस्तक देने की संभावनाएं दिख रही है। मानसूम आने को है। बारिश के कारण नदियां उफ़ानए गी और ज़िलों में हाहाकार मचाए गी। लेकिन बिहार में बाढ़ की विभीषिका रूपी आपदा में भी अवसर तलाशने का खेल बदस्तूर जारी रहेगा। इसकी बानगी अक्सर सूबे में दिखाई देती रहती है। कुछ ऐसा ही हुआ है भागलपुर जिले में जहां विगत वर्ष 2024 में भीषण बाढ़ से प्रभावित लोगों के बीच वितरण खातिर जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा 30,000 पॉलिथिन शीट्स आपूर्ति खातिर निविदा संख्या 02/2024  जारी की गई। इसके लिए सहरसा की आर डी इंटरप्रेन्यूर नामक एजेंसी को चयनित किया गया। यहां तक तो सब ठीक रहा है। 

पर हद तो देखिए बाढ़ आपदा के दौरान महज 8800 पॉलिथिन शीट्स आपूर्ति की गई और 55 लाख 81 हजार 900 रुपए का पेमेंट भी हासिल कर लिया गया निविदा शर्तों के अनुरूप। नदियों का जलस्तर सामान्य हो गया पीड़ितों से जैसे तैसे हालत में बाढ़ की त्रासदी झेल ली पर बाढ़ त्रासदी  के 7 माह बाद भी कुल तीस हजार पॉलिथिन शीट्स आपूर्ति होनी थी में से 21,200 पॉलिथिन शीट्स की आपूर्ति चयनित एजेंसी द्वारा नहीं किया गया। जबकि इस दौरान के बाकि बचे पॉलिथिन शीट्स आपूर्ति खातिर जिला आपदा प्रबंधन शाखा द्वारा एजेंसी से पत्राचार कर आपूर्ति करने को कहा गया. 

22 मई को ब्लैक लिस्ट 

लेकिन आर डी इंटरप्रेन्यूर न तो आपूर्ति की ना ही आपूर्ति किए जाने संबंधी कोई सूचना दी गई। उलटा पत्रांकों के जवाब में गंभीर आरोप चस्पा किए गए। अतः 22 मई 2025 भागलपुर जिलाधिकारी द्वारा सकारण आदेश जारी कर जमानत राशि 50,000 रुपए को जब्त करते हुए आर डी इंटरप्रेन्यूर, सहरसा को काली सूची में दर्ज करने का आदेश निर्गत कर दिया गया।

भागलपुर जिले के बाढ़ पीड़ितों को भले ही आपदा के समय 

पॉलिथिन शीट्स समय पर उपलब्ध न हुए पर आपूर्ति नहीं करने वाली एजेंसी पर गजब की मेहरबानी दिखाई गई और महज एक पखवारे के अन्दर ही 5 जून 2025 को डीएम के आदेश पर महज चेतावनी देकर बजाप्ता काली सूची से बाहर कर दिया गया। वो भी तब जब उसने अपने जवाब के दौरान बेहद गंभीर आरोप लगाते हुए लिखा है कि "विशेष सेवा संभव था" जिसको स्वयं भागलपुर जिला आपदा शाखा द्वारा सकारण आदेश में भी उल्लेखित किया गया है। अब सवाल उठता है आखिर क्यों सहरसा की इस चयनित एजेंसी पर आनन फानन में इतनी मेहरबानी जिलाधिकारी द्वारा की गई?

प्रश्न बड़ा है मौन खड़ा है?

बिहार में बाढ़ हर साल आती है, और हर साल की तरह 2024 में भी भागलपुर में पॉलिथिन शीट्स का ‘महान’ वितरण ड्रामा खेला गया। जिला आपदा प्रबंधन शाखा ने 30,000 शीट्स की आपूर्ति के लिए निविदा (02/2024) निकाली, और सहरसा की ‘महान’ एजेंसी आर डी इंटरप्रेन्यूर को चुना गया। लेकिन ये क्या? बाढ़ के दौरान सिर्फ 8,800 शीट्स की ‘कृपा’ हुई, और 55 लाख 81 हजार रुपये की मोटी रकम हजम कर ली गई। बाकी 21,200 शीट्स? अरे, वो तो सात महीने बाद भी ‘रास्ते में अटकी’ रहीं, जैसे बाढ़ पीड़ितों की उम्मीदें!जिल प्रशासन ने पत्र लिख-लिखकर एजेंसी को ताकीद की, पर जवाब में मिले ‘गंभीर आरोप’ और ‘विशेष सेवा’ के दावे। फिर 22 मई 2025 को डीएम साहब ने बड़ी सख्ती दिखाई 50,000 रुपये की जमानत जब्त की और एजेंसी को काली सूची में डाल दिया। लेकिन रुकिए, ये तो बस नौटंकी थी! महज 15 दिन बाद, 5 जून 2025 को, डीएम साहब का दिल पसीज गया। एक ‘चेतावनी’ देकर एजेंसी को काली सूची से आजाद कर दिया गया, जैसे कोई स्कूली बच्चा हो!

अब सवाल ये है कि ये ‘विशेष सेवा’ क्या थी, जिसने डीएम साहब को इतना नरम कर दिया? बाढ़ पीड़ित भले ही त्रासदी में तड़पते रहे, पर एजेंसी पर मेहरबानी का आलम देखिए! ये है बिहार का आपदा प्रबंधन, जहां राहत का पैसा तो चला जाता है, पर शीट्स ‘विशेष सेवा’ के भरोसे गायब रहती हैं। वाह रे सिस्टम, तेरा जवाब नहीं!