LATEST NEWS

Bihar Teacher News: सेवा से हटाए गए शिक्षकों के लिए बड़ी खबर, सुप्रीमो कोर्ट के आदेश के बाद हरकत में आया शिक्षा विभाग

Bihar Teacher News: सुप्रीम कोर्ट ने बिहार के शिक्षकों को बड़ी राहत दी है। इससे शिक्षकों में खुशी की लहर दौड़ गई है। आइए जानते हैं आखिरी पूरा मामला क्या है....

शिक्षक
TMBU 58 employees services restored- फोटो : प्रतिकात्मक

Bihar Teacher News: टीएमबीयू (तिलका मांझी भागलपुर विश्वविद्यालय) के उन 58 कर्मचारियों की सेवा बहाल की जाएगी, जिन्हें दो साल पहले गलत नियुक्ति का हवाला देकर सेवा से मुक्त कर दिया गया था। जिन शिक्षकों और कर्मचारियों ने इस अवधि में सेवानिवृत्ति ले ली है, उन्हें अब पेंशन प्राप्त होगी। इसके अलावा, हटाए जाने की अवधि से अब तक का बकाया वेतन भी दिया जाएगा। जिन कर्मियों की आयु सेवा के योग्य है, वे पुनः अपनी ड्यूटी जॉइन करेंगे। हालांकि, पुनर्बहाली के लिए उन्हें हाईकोर्ट में एक याचिका दाखिल करनी होगी। यह व्यवस्था सुप्रीम कोर्ट के निर्णय के तहत की गई है।

हरकत में आया शिक्षा विभाग

इस निर्णय के मद्देनज़र टीएमबीयू आगे की तैयारी कर रहा है। बुधवार को शिक्षा विभाग के दो प्रतिनिधि विश्वविद्यालय पहुंचे और इससे जुड़े दस्तावेजों की मांग की। सबौर कॉलेज के प्रतिनिधि आवश्यक दस्तावेज लेकर विश्वविद्यालय आए थे। इस संबंध में टीएमबीयू के रजिस्ट्रार प्रो. रामाशीष पूर्वे ने बताया कि दस्तावेजों का अवलोकन कर जो भी निर्देश प्राप्त होंगे, उनके अनुसार आगे की कार्रवाई की जाएगी।

क्या है पूरा मामला?

जनवरी 2023 में टीएमबीयू ने चौथे चरण में अंगीभूत हुए सबौर कॉलेज, टीएनबी लॉ कॉलेज और एमएएम कॉलेज नवगछिया के 58 कर्मचारियों को यह कहकर सेवा से मुक्त कर दिया था कि उनकी नियुक्ति सही नहीं थी। विश्वविद्यालय ने तब यह दावा किया था कि सरकार के निर्देश पर यह कार्रवाई की गई है। इसी दौरान, उन 35 कर्मियों को भी हटाने की बात कही गई थी, जो पहले टीएमबीयू में कार्यरत थे, लेकिन मार्च 2018 के बाद मुंगेर विश्वविद्यालय में स्थानांतरित हो गए थे।

सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर प्रतिक्रियाएं

सुप्रीम कोर्ट के इस फैसले का स्वागत करते हुए भुस्टा (भूगोल शिक्षक संघ) के पूर्व अध्यक्ष प्रो. डी.एन. राय ने प्रभावित शिक्षकों और कर्मचारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि लगभग 35 साल की सेवा के बाद इस तरह हटाया जाना अन्यायपूर्ण था, लेकिन अब न्याय मिला है। भुस्टा के पूर्व महासचिव और पेंशनर संघर्ष मंच के संयोजक पवन कुमार सिंह ने भी सुप्रीम कोर्ट के फैसले को न्यायसंगत बताया। उन्होंने यह भी आश्चर्य व्यक्त किया कि जिन कर्मियों को सेवा से हटाया गया था, वह निर्णय एक ऐसे व्यक्ति की संलिप्तता से लिया गया, जो स्वयं उसी सेवा का हिस्सा था।

शिक्षकों में खुशी की लहर

प्रभावित कर्मियों ने बताया कि सुप्रीम कोर्ट ने यह निर्णय इसलिए दिया क्योंकि हाईकोर्ट पहले ही उनकी सेवा को वैध ठहरा चुका था। अब सुप्रीम कोर्ट ने निर्देश दिया है कि जो कर्मी अभी रिटायर नहीं हुए हैं, वे हाईकोर्ट में एक याचिका दायर करें। वहीं, जो कर्मचारी पहले ही रिटायर हो चुके हैं, उन्हें पेंशन और बकाया वेतन प्रदान किया जाएगा।

Editor's Picks