BIHAR NEWS - पति की कमाई पर ताने, सास-ससुरालवालों की प्रताड़ना— किराना दुकानदार ने लिखा 8 पन्नों का दर्द, फिर मौत को गले लगाया

BIHAR NEWS - पत्नी सहित ससुराल के ताने से परेशान होकर किराना व्यवसायी ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली। सुसाइड से पहले उसने डायरी में अपने इस कदम को लेकर पूरी जानकारी दी है। डायरी में पत्नी, सास और साले-साली को जिम्मेदार बताया है।

BIHAR NEWS - पति की कमाई पर ताने, सास-ससुरालवालों की प्रताड़न

BHAGALPUR : प्यार, शादी, सपने— सबकुछ था दीपक की जिंदगी में, लेकिन कमाई की तंगी और ससुरालवालों के तानों ने उसकी दुनिया को अंधेरे में ढकेल दिया। पत्नी से मिला तिरस्कार, सास की प्रताड़ना और साले-साली की मारपीट से टूट चुके किराना दुकानदार ने आठ दिनों तक अपनी पीड़ा डायरी में उकेरी, फिर फंदे से झूलकर खुद की जीवन लीला समाप्त कर ली।

घटना भागलपुर के बबरगंज थाना क्षेत्र के मोइद्दीनगर की है, जहां दीपक ने अपने ही घर में फांसी लगा ली। मौके पर पहुंची पुलिस को एक डायरी मिली, जिसमें 1 मार्च से 9 मार्च तक लिखा गया आठ पन्नों का एक सुसाइड नोट था। अंग्रेजी में लिखे इस नोट में दीपक ने अपनी पत्नी, सास, और साले-साले को अपनी मौत का जिम्मेदार ठहराया है।

एक साल से पत्नी की बेरुखी, सास के ताने और शाले की मारपीट

चार साल पहले झारखंड के साहेबगंज की राखी रॉय से दीपक की शादी हुई थी। शुरुआती साल ठीक-ठाक गुजरे, लेकिन जैसे-जैसे आर्थिक तंगी बढ़ी, रिश्तों में कड़वाहट घुलने लगी। पिछले एक साल से राखी ने दीपक से दूरी बना ली थी। कमाई कम होने की वजह से वह उसे छोड़कर मायके चली गई। दीपक जब उसे वापस लाने गया, तो सास और शाले ने उसके साथ बेरहमी से मारपीट की।

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पत्नी ने उसे शराबी कहकर बदनाम किया, जबकि दीपक शराब नहीं पीता था। तानों और अपमान से टूट चुके दीपक ने कई बार खुदकुशी का मन बनाया। सुसाइड नोट में उसने लिखा कि वह 31 जनवरी को ही आत्महत्या करने वाला था, लेकिन किसी तरह खुद को रोक लिया। मगर इस बार वह जिंदगी की जंग हार गया।

"औकात नहीं है बीवी को रखने की" – सास के इन तानों ने तोड़ दिया दीपक को

सुसाइड नोट के मुताबिक, दीपक की सास बंदना रॉय हमेशा उसे ताने मारती थी— "कमाते नहीं हो, बीवी को रखने की औकात नहीं है।" पत्नी भी उसे बेरोजगार और निकम्मा कहने लगी थी। इन जख्मों के बीच उसकी मां की भी मौत हो गई, जिसका जिम्मेदार उसने अपनी पत्नी और सास को ठहराया। ससुरालवालों की बेरुखी ने उसे इतना तोड़ दिया कि उसने जिंदगी को ही अलविदा कह दिया। आत्महत्या कोई हल नहीं, लेकिन यह घटना समाज को आईना जरूर दिखाती है। अगर दीपक को साथ मिला होता, प्यार और सहारा मिला होता, तो शायद आज वह जिंदा होता।

अब पुलिस इस मामले की जांच में जुटी है। दीपक के परिजनों की मांग है कि उसकी पत्नी, सास, और शाले पर कड़ी कार्रवाई हो। सवाल यह भी है कि क्यों आज भी कई पुरुष घरेलू प्रताड़ना के शिकार होते हैं, लेकिन उनकी तकलीफें समाज में अनसुनी रह जाती हैं?

रिपोर्ट: अंजनी कुमार कश्यप, भागलपुर