त्योहारी सीजन की दस्तक के साथ ही सोने और चांदी की मांग में जबरदस्त वृद्धि हो रही है, जिससे पटना समेत पूरे देश में इनकी कीमतें आसमान छू रही हैं। धनतेरस और दिवाली जैसे प्रमुख त्योहारों के नजदीक आने से इनकी कीमतों में नया उछाल देखने को मिल रहा है, जिसने बाजार में हलचल मचा दी है।
सोने की कीमतों में ऐतिहासिक उछाल
वर्तमान में सोने की कीमतें अपने अब तक के सबसे ऊंचे स्तर पर पहुंच चुकी हैं। 24 कैरेट सोने की कीमत 77,900 रुपये प्रति 10 ग्राम से बढ़कर 78,500 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है, जो अब तक का सबसे उच्चतम मूल्य है। इसी प्रकार, 22 कैरेट सोने की कीमत भी बढ़कर 73,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गई है। इस तेजी ने न सिर्फ खरीदारों, बल्कि निवेशकों को भी चौंका दिया है। 18 कैरेट सोना, जिसे ज्यादातर आभूषणों के लिए इस्तेमाल किया जाता है, की कीमत भी अब 61,500 रुपये प्रति 10 ग्राम तक पहुंच गई है। यह मूल्यवृद्धि त्योहारों के इस सीजन में उपभोक्ताओं के बजट पर असर डाल रही है, खासकर उन लोगों के लिए जो धनतेरस और दिवाली पर सोने की खरीदारी को शुभ मानते हैं।
चांदी की कीमतें भी रिकॉर्ड ऊंचाई पर
सोने के साथ-साथ चांदी की कीमतों में भी जोरदार वृद्धि दर्ज की गई है। चांदी की कीमत आज 93,000 रुपये प्रति किलोग्राम से बढ़कर 97,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गई है। यह एक ऐतिहासिक आंकड़ा है, और बाजार विशेषज्ञ इसे अंतरराष्ट्रीय बाजार में हुई मांग और आपूर्ति के उतार-चढ़ाव का परिणाम मान रहे हैं। पुराने चांदी के आभूषणों का एक्सचेंज रेट भी अब 90,000 रुपये प्रति किलोग्राम तक पहुंच गया है, जो पहले 86,000 रुपये प्रति किलोग्राम था। इस कीमत वृद्धि ने चांदी बेचने वालों को फायदा पहुंचाया है, लेकिन खरीदारों के लिए स्थिति उलझन भरी है।
पुराने आभूषणों के एक्सचेंज रेट में वृद्धि
त्योहारी सीजन के साथ ही पुराने सोने के आभूषणों के एक्सचेंज रेट में भी बढ़ोतरी देखी जा रही है। 22 कैरेट पुराने सोने के आभूषणों का रेट अब 71,500 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है, जबकि 18 कैरेट सोने के आभूषणों का रेट भी 60,000 रुपये प्रति 10 ग्राम हो गया है। यह वृद्धि उन लोगों के लिए फायदेमंद साबित हो रही है, जो पुराने आभूषणों का एक्सचेंज करना चाहते हैं।
बाजार में उथल-पुथल
सोने और चांदी की कीमतों में इस अप्रत्याशित बढ़ोतरी के कारण बाजार में उथल-पुथल मची हुई है। त्योहारी सीजन में खरीदारी की परंपरा को देखते हुए, आम लोग और निवेशक असमंजस में हैं। कीमतें बढ़ने के बावजूद आभूषणों की मांग बनी हुई है, क्योंकि त्योहारों पर सोने-चांदी की खरीदारी को शुभ माना जाता है। हालांकि, इस मूल्यवृद्धि का सीधा असर मध्यम वर्ग के बजट पर पड़ता दिख रहा है। अधिकतर लोग अब छोटे या हल्के आभूषणों की ओर रुख कर रहे हैं, ताकि परंपराओं का पालन करते हुए भी वे अपने खर्चों को नियंत्रित कर सकें। बाजार विशेषज्ञों का मानना है कि सोने-चांदी की कीमतें और भी बढ़ सकती हैं, खासकर धनतेरस और दिवाली के आसपास।