Bihar politics - बक्सर की ऐतिहासिक और सांस्कृतिक विरासत को बचाने की मुहिम में जुटी विश्वामित्र सेना, संयोजक राज कुमार चौबे का बड़ा बयान
Bihar politics - बक्सर की ऐतिहासिक विरासत को बचाने की मुहिम में जुटी विश्वामित्र सेना लगातार काम कर रही है। संस्था के संयोजक राजकुमार चौबे ने बक्सर को सनातन संस्कृति का आत्मा बताया है।

Buxar - बक्सर में आज विश्वामित्र सेना के राष्ट्रीय संयोजक राज कुमार चौबे ने प्रेस को संबोधित करते हुए जोरदार बयान दिया कि बक्सर केवल एक जिला नहीं, बल्कि भारत की सनातन संस्कृति की आत्मा है। उन्होंने कहा कि बक्सर अयोध्या, काशी, मथुरा, वृंदावन जितना ही पवित्र और ऐतिहासिक है, लेकिन सरकारों ने इसके महत्व को आज तक नहीं पहचाना। विश्वामित्र सेना का गठन इसी उद्देश्य से किया गया है कि बक्सर की सांस्कृतिक और धार्मिक धरोहरों को पहचान मिले और इसका समुचित विकास हो।
राज कुमार चौबे ने बताया कि बक्सर की भूमि वह है, जहां भगवान राम ने अपने गुरु विश्वामित्र से शिक्षा ली, जहां अहिल्या उद्धार हुआ, जहां च्यवन ऋषि ने च्यवनप्राश की खोज की। फिर भी बक्सर को वह सम्मान नहीं मिला, जो उसका हक है। उन्होंने कहा कि आज जब हर राज्य और शहर अपनी धरोहरों को सहेज रहा है, तब बिहार का यह पावन नगर उपेक्षा का शिकार है।
उन्होंने स्पष्ट किया कि विश्वामित्र सेना का उद्देश्य चुनाव लड़ना नहीं है, बल्कि बक्सर की अस्मिता की रक्षा करना है। उन्होंने कहा, “हमने कभी नहीं कहा कि हम चुनाव लड़ेंगे, लेकिन बक्सर की धरती के लिए, यहां के लोगों के सम्मान के लिए अगर हमें किसी भी स्तर तक जाना पड़े, तो हम तैयार हैं। हम जनप्रतिनिधियों की तरह बक्सर को लूटने नहीं, बल्कि उसे संवारने आए हैं।”
राज कुमार चौबे ने कहा कि यदि बक्सर में पर्यटन का समुचित विकास हो जाए, तो यहां हर घर से एक व्यक्ति को रोजगार मिल सकता है। उन्होंने दावा किया कि बक्सर में पर्यटन, धार्मिक आस्था और संस्कृति को केंद्र में रखकर जब विकास होगा, तो राज्य और देश दोनों को इसका लाभ मिलेगा। इसके लिए उन्होंने बक्सर में एयरपोर्ट की भी मांग की और कहा कि गंगा किनारे स्थित इस शहर में हवाई सुविधा मिलनी ही चाहिए।
उन्होंने बक्सर के विकास में सरकारों की बेरुखी पर भी सवाल उठाए और कहा कि किसी नेता ने कभी बक्सर की बात नहीं उठाई। उन्होंने प्रशांत किशोर पर भी तंज कसते हुए कहा कि वे प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री बनाने में सफल रहे, लेकिन बक्सर के लिए एक भी ठोस कार्य नहीं किया। उन्होंने पूछा, “क्या कैबिनेट मंत्री का दर्जा पाने के बाद भी बक्सर में कोई एक स्मारक, विकास योजना या ठोस काम हुआ है?”
चौबे ने कहा कि बक्सर के युवाओं को, किसानों को और आमजन को वह अधिकार मिलना चाहिए जो दूसरे जिलों को मिला है। उन्होंने कहा, “हर बड़ा नेता पहले अपने क्षेत्र को सजाता है, मजबूत करता है, लेकिन बक्सर को आज तक किसी ने आत्मीयता से नहीं अपनाया। बक्सर की जनता को सिर्फ वोट बैंक की तरह देखा गया।”
राज कुमार चौबे ने यह भी चेतावनी दी कि अगर बक्सर की सनातन संस्कृति और उसकी विरासत को दबाने की कोशिश की गई, तो विश्वामित्र सेना शांत नहीं बैठेगी। उन्होंने कहा कि सेना हर गांव, हर गली में जाएगी, लोगों को जागरूक करेगी और जरूरत पड़ी तो सड़कों पर आंदोलन करेगी। उनका स्पष्ट कहना था, “यह लड़ाई अब बक्सर की आत्मा को बचाने की है और यह हर हाल में लड़ी जाएगी।”
अंत में उन्होंने कहा कि बक्सर का इतिहास बदलेगा, इसकी पहचान निखरेगी और इसकी आवाज अब पटना से लेकर दिल्ली तक गूंजेगी। विश्वामित्र सेना का एक ही संकल्प है – बक्सर को उसका हक दिलाना और सनातन संस्कृति को पुनः गौरव दिलाना।
रिपोर्ट – संदीप वर्मा