Private School: बिहार में निजी स्कूलों पर कार्रवाई तेज हो गई है। जो निजी स्कूल शिक्षा विभाग के ई-संबंधन पोर्टल पर अपना पंजीकरण नहीं कराएंगे हैं। उन पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया जाएगा। साथ ही, नियमों का उल्लंघन करने वाले स्कूलों पर प्रतिदिन दस हजार रुपये का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया जाएगा। विभाग ने स्कूलों पर नकेस कसने की तैयारी शुरु कर दी है। पंजीकरण कराने के आखिरी दिन के बाद यदि बिना पंजीयन कराए विद्यालय संचालित होते हैं तो उनसे प्रतिदिन 10 हजार रुपए जुर्माना किया जाएगा।
क्यों है जरूरी पंजीकरण
मुफ्त और अनिवार्य शिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 के तहत सभी निजी स्कूलों का पंजीकरण अनिवार्य है। इस पंजीकरण के माध्यम से शिक्षा विभाग स्कूलों में बच्चों की संख्या, शिक्षकों की योग्यता और अन्य सुविधाओं की जानकारी प्राप्त करता है।
पटना में स्थिति
पटना जिले में हजारों निजी स्कूल संचालित हैं, लेकिन इनमें से बहुत कम स्कूलों ने ही ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीकरण कराया है। जिला शिक्षा कार्यालय ने रिपोर्ट में कहा है कि पटना जिले में मात्र 1182 स्कूलों ने ही ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीयन कराया है, जो चिंताजनक है। वर्तमान में 195 स्कूलों ने पोर्टल पर पंजीयन के लिए आवेदन किया है, जिनकी जांच चल रही है। जिला शिक्षा कार्यालय ने सभी प्रखंड शिक्षा पदाधिकारियों को निर्देश दिया है कि वे अपने क्षेत्र के सभी निजी स्कूलों की सूची तैयार करें और जिन स्कूलों ने पंजीकरण नहीं कराया है, उनके खिलाफ कार्रवाई करें।
अंतिम तिथि
निजी स्कूलों के लिए ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीकरण कराने की अंतिम तिथि 15 दिसंबर है। जिन निजी स्कूलों का पंजीयन अवधि खत्म हो गया है वे 31 दिसंबर तक अपना नवीनीकरण के लिए आवेदन दे सकते हैं। बता दें कि जो स्कूल ई-संबंधन पोर्टल पर पंजीकरण नहीं कराएंगे वो अधिनियम की धारा 18 (5) एवं 19 (5) के अंतर्गत दोषी पाया जाएंगे। निर्धारित अंतिम तिथि के बाद भी अगर ऐसे विद्यालय संचालित होते हैं तो उनपर प्रतिदिन 10 हजार रुपए जुर्माना किया जाएगा।
कार्रवाई
जो निजी स्कूल निर्धारित तिथि तक पंजीकरण नहीं कराते हैं, उनके खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। इसमें जुर्माना के साथ-साथ स्कूल को बंद करने की कार्रवाई भी शामिल हो सकती है। यह कार्रवाई इसलिए की जा रही है ताकि सभी निजी स्कूलों में बच्चों को गुणवत्तापूर्ण शिक्षा मिल सके। साथ ही, यह सुनिश्चित किया जा सके कि कोई भी स्कूल नियमों का उल्लंघन न करे।