BPSC Student Protest in Patna: पटना में BPSC परीक्षा को पुनः आयोजित करने की मांग को लेकर छात्रों का आंदोलन और तेज होता जा रहा है।छात्र संगठन BPSC परीक्षा को पुनः आयोजित करने की मांग को लेकर रोड पर आ गए हैं। अभ्यर्थियों नें पटना के सचिवालय हाल्ट पर ट्रेनों को रोकने का प्रयास किया। प्रदर्शन के दौरान पुलिस और छात्रों के बीच टकराव की स्थिति भी देखने को मिली है। पुलिस ने प्रदर्शनकारियों को हटाने के हल्के बल प्रयोग का सहारा लिया है।बिहार लोक सेवा आयोग की परीक्षा रद्द किए जाने की मांग के समर्थन में आज छात्र संगठन युवा शक्ति ने पटना के सचिवालय हाल में जमकर हंगामा किया और ट्रेन को रोक दिया । दौरान उनकी पुलिस के साथ झड़प भी हो गई और जबरदस्ती उन्हें हटाने की कोशिश की गई की गई । पटना के सचिवालय हॉल कहां जमकर हंगामा हो रहा है और रेलवे ट्रैक से इन लोगों को हटाने की कोशिश की जा रही है ।
छात्रों का कहना है कि BPSC परीक्षा को पुनः आयोजित होनी चाहिए। जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होती, तब तक संघर्ष जारी रहेगा। अभ्यर्थियों का कहना है कि परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक और गड़बड़ी की शिकायतों के बावजूद केवल एक केंद्र पर दोबारा परीक्षा कराना पर्याप्त नहीं है। उनका मानना है कि यह छात्रों के साथ धोखा है और पूरी परीक्षा को रद्द कर नए सिरे से आयोजित करना ही समाधान है।
:छात्रों ने कहा कि यदि चक्का जाम के बाद भी सरकार ने छात्रों की समस्याओं का समाधान नहीं किया, तो पूरे बिहार को बंद करने का निर्णय लिया जाएगा। अभ्यर्थियों ने कहा कि यदि सरकार अपनी जिद पर अड़ी रहती है और लाखों छात्रों के भविष्य के साथ हिंसा करती है, तो हमारे पास लोकतांत्रिक मूल्यों की रक्षा के लिए केवल गोली खाने और लाठी खाने का विकल्प रह जाएगा।
बता दें पटना के गर्दनीबाग क्षेत्र में BPSC के छात्र लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। अब तक छात्रों के दो प्रतिनिधिमंडल मुख्य सचिव अमृतलाल मीणा से मुलाकात कर चुके हैं। एक प्रतिनिधिमंडल में सांसद पप्पू यादव भी शामिल थे। हालांकि, इस मुद्दे का समाधान अभी तक नहीं निकला है। छात्रों का आरोप है कि बीपीएससी की 70वीं पीटी परीक्षा में प्रश्न पत्र लीक हुआ है, इसलिए इस परीक्षा को पुनः आयोजित किया जाना चाहिए।
हालांकि, बिहार लोक सेवा आयोग और सरकार ने स्पष्ट किया है कि छात्रों द्वारा पेपर लीक से संबंधित कोई प्रमाण प्रस्तुत नहीं किए गए हैं। आयोग ने यह भी कहा है कि छात्रों की मांग उचित नहीं है, इसलिए परीक्षा पुनः आयोजित करने की मांग भी असंगत है। सरकार ने इस विषय का समाधान आयोग के विवेक पर छोड़ दिया है। इस मुद्दे पर तनाव लगातार बना हुआ है। प्रदर्शनकारी छात्रों पर अब तक दो बार लाठियां चलाई जा चुकी हैं, फिर भी छात्र 15 से अधिक दिनों से धरने पर डटे हुए हैं। इस मामले में मुख्यमंत्री नीतीश और राजभवन भी सक्रिय रूप से शामिल हैं।
रिपोर्ट- नरोत्तम कुमार सिंह