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JEE Main 2025 : रैंक निर्धारण में हुआ बड़ा बदलाव, अब कैसे मिलेगा AIR-1, जानिए नए नियम

जेईई मेन 2025 के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और इस बार रैंक निर्धारण प्रक्रिया में कुछ बदलाव किए गए हैं। इसके अलावा, इस वर्ष अधिकतम अंक प्राप्त करने वाले सभी विद्यार्थियों को समान ऑल इंडिया रैंक-1 दिया जाएगा।

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jee main- फोटो : jee main

JEE Main 2025: जनवरी 2025 में आयोजित होने वाले जेईई मेन के लिए आवेदन प्रक्रिया शुरू हो चुकी है और विद्यार्थियों में खासा उत्साह देखा जा रहा है। आवेदन की अंतिम तिथि 22 नवंबर 2024 निर्धारित की गई है, और पहले ही दिन 20,000 से अधिक विद्यार्थियों ने आवेदन पूरा कर लिया है। इस वर्ष आवेदन के दौरान ओबीसी और ईडब्ल्यूएस वर्ग के विद्यार्थियों को कई कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, जिससे इसे लेकर खास चिंताएं भी सामने आई हैं।


इस वर्ष रैंक निर्धारण के लिए नए बदलाव

जेईई मेन के रैंक निर्धारण में इस बार एक बड़ा बदलाव किया गया है, जो समान एनटीए स्कोर वाले विद्यार्थियों के बीच टाई के मामलों को सुलझाने के लिए लागू होगा। यदि दो विद्यार्थियों का एनटीए स्कोर समान रहता है, तो उनके ऑल इंडिया रैंक निर्धारित करने के लिए विषय-वार एनटीए स्कोर पर ध्यान दिया जाएगा। सबसे पहले गणित के एनटीए स्कोर को देखा जाएगा। यदि गणित में भी समान स्कोर रहता है, तो इसके बाद भौतिकी (फिजिक्स) के एनटीए स्कोर को प्राथमिकता दी जाएगी। इसके बाद भी समानता होने पर रसायन विज्ञान (केमिस्ट्री) का एनटीए स्कोर देखा जाएगा।


ऋणात्मक स्कोर के आधार पर टाई का समाधान

अगर उपरोक्त तीनों विषयों के स्कोर में भी टाई रहती है, तो कम ऋणात्मक (नेगेटिव) स्कोर का मापदंड अपनाया जाएगा। सबसे पहले गणित के ऋणात्मक स्कोर को देखा जाएगा, इसके बाद क्रमशः भौतिकी और रसायन विज्ञान के ऋणात्मक स्कोर को प्राथमिकता दी जाएगी। यदि इन सभी मानदंडों में भी टाई बनी रहती है, तो विद्यार्थियों को समान ऑल इंडिया रैंक और श्रेणी रैंक दे दी जाएगी।


अधिकतम स्कोर वाले विद्यार्थियों के लिए समान रैंक

इस वर्ष के नए नियमों का सबसे बड़ा प्रभाव उन विद्यार्थियों पर पड़ेगा, जो 300 में से 300 स्कोर करने में सफल रहेंगे। ऐसे सभी विद्यार्थियों को समान ऑल इंडिया रैंक-1 (AIR-1) दिया जाएगा, जो इससे पहले 2021 में भी देखने को मिला था। पिछले वर्ष तक यदि सभी मानदंडों में टाई होती थी, तो अधिक उम्र वाले विद्यार्थी को प्राथमिकता दी जाती थी। आयु में भी टाई होने पर एप्लीकेशन नंबर के आधार पर निर्णय लिया जाता था, लेकिन इस बार उम्र को मापदंड से हटा दिया गया है।


इस बार कई विद्यार्थियों को मिलेगी समान रैंक

इन नए बदलावों के बाद, इस वर्ष बड़ी संख्या में विद्यार्थियों के ऑल इंडिया रैंक और श्रेणी रैंक समान आ सकती है। इस नए नियम से विद्यार्थियों के बीच स्वस्थ प्रतिस्पर्धा तो बनी रहेगी, लेकिन साथ ही विद्यार्थियों में अधिक सटीकता के साथ तैयारी करने की प्रेरणा भी मिलेगी। जेईई मेन की इस नई रैंकिंग प्रक्रिया से विद्यार्थियों के बीच रैंक हासिल करने को लेकर खासा उत्साह और जिज्ञासा है।

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