Bihar DGP:डिजिटल डकैतों’पर अब चलेगी पुलिस की लाठी, नकेल कसने उतरे DGP, बिहार में साइबर अपराध बना नया गैंगवार

Bihar DGP: बिहार में साइबर क्राइम अब अपराध की सबसे खतरनाक नई शाखा बन चुका है, और खुद राज्य के डीजीपी विनय कुमार ने इसे पुलिस के लिए "बड़ा चैलेंज" माना है।...

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डिजिटल डकैतों’पर अब चलेगी पुलिस की लाठी- फोटो : reporter

Patna: बिहार की गलियों से अब हथियारबंद लुटेरे नहीं, बल्कि कीबोर्ड और कोड से लैस अपराधी निकल रहे हैं , जिनका निशाना आपकी जेब, बैंक और पहचान है। बिहार में साइबर क्राइम अब अपराध की सबसे खतरनाक नई शाखा बन चुका है, और खुद राज्य के डीजीपी विनय कुमार ने इसे पुलिस के लिए "बड़ा चैलेंज" माना है।

ऑनलाइन ठगी से लेकर फर्जीवाड़े तक, डिजिटल गिरोह सक्रिय

बिहार की पुलिस पर अब सिर्फ अपराधियों की गोली से नहीं, बल्कि साइबर ठगों के स्क्रीन से निकल रही चालाकियों से भी वार हो रहा है। मोबाइल कॉल, फर्जी लिंक, QR कोड और क्लोन ऐप्स के जरिए आम आदमी को शिकार बनाया जा रहा है। डीजीपी के अनुसार, साइबर अपराधियों की गिरफ्तारी भले हो रही हो, मगर ठगी का नेटवर्क राज्य के कोने-कोने तक फैला है।

40 जिलों में साइबर थाना, जल्द मिलेगी ताकत

डीजीपी ने अपराधियों के इस नए जाल को काटने के लिए जिला स्तर पर 40 साइबर थानों की तैनाती का ऐलान किया है। हर थाना एक डीएसपी और तीन प्रशिक्षित पुलिस पदाधिकारियों के नेतृत्व में काम करेगा।मुख्यालय से रेंज डीआईजी को सख्त निर्देश दिए गए हैं कि वे सभी साइबर केस की निगरानी खुद करें।डीजीपी विनय कुमार ने कहा कि एक हफ्ते के भीतर साइबर थानों की कमियों को ठीक कर लिया जाएगा।” 

 ADG-IG की कमी, एक विंग पर कई वार

फिलहाल पूरे साइबर क्राइम की निगरानी आर्थिक अपराध इकाई (EOU) के जिम्मे है, जो साइबर, नारकोटिक्स और फाइनेंशियल फ्रॉड तीनों को देख रही है। लेकिन अब साइबर क्राइम के लिए अलग विंग, और नारकोटिक्स के लिए अलग प्रोहिबिशन विंग गठित करने की तैयारी हो चुकी है।

ADG और IG स्तर के अधिकारियों की नियुक्ति जल्द घोषित की जाएगी, ताकि अपराध पर तेज, फोकस्ड और दमदार प्रहार हो सके।

साइबर गैंग अब ‘हाईटेक ठगों’ की नई जमात

ये वे अपराधी हैं जो बिना बंदूक, बिना चाकू — लोगों के बैंक अकाउंट, पहचान पत्र और डिजिटल ट्रांजैक्शन लूट लेते हैं।बिहार में 2023 में साइबर फ्रॉड मामलों में रिकॉर्ड उछाल आया है। ठगी के तरीके तेजी से बदले हैं — KYC अपडेट, बिजली बिल, इनाम जीतने के झांसे, और अब AI आधारित वॉयस क्लोनिंग तक का इस्तेमाल हो रहा है।

 नशे का नेटवर्क, अब होगा सफाया

DGP ने नशे के खिलाफ भी क्राइम मोर्चा खोलने का ऐलान किया है। नारकोटिक्स विंग को प्रोहिबिशन यूनिट के साथ मर्ज कर ADG और IG की निगरानी में लाया जाएगा। 

अब ‘कीबोर्ड माफिया’ पर भी चलेगी पुलिस की लाठी

बिहार पुलिस अब इस बात को समझ चुकी है कि "21वीं सदी के अपराधी हथियार से नहीं, वाई-फाई से मारते हैं।"

रिपोर्ट- अनिल कुमार