देश में जेईई मेन, नीट यूजी, और सीयूईटी यूजी जैसी बड़ी प्रवेश परीक्षाओं में संभावित गड़बड़ियों और लीक रोकने के लिए अब सरकार ने सख्त कदम उठाए हैं। एनटीए परीक्षा सुधार समिति की सिफारिशों के अनुसार, अब आईआईटी, एनआईटी, ट्रिपल आईटी, नवोदय विद्यालय, केंद्रीय विद्यालय और इंजीनियरिंग कॉलेजों में परीक्षा केंद्र स्थापित किए जाएंगे। इन परीक्षाओं को पूरी तरह से सुरक्षित और फूलप्रूफ बनाने के लिए समिति ने केंद्रों में बड़े बदलाव की आवश्यकता बताई है।
आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस का होगा उपयोग
परीक्षाओं के आयोजन में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस (एआई) का प्रयोग अनिवार्य किया गया है। एनटीए को परीक्षा केंद्रों से लेकर प्रश्न-पत्र और उत्तर पुस्तिकाओं तक, हर पहलू में एआई के इस्तेमाल की सिफारिश की गई है। इसका उद्देश्य परीक्षा प्रक्रिया में पारदर्शिता बनाए रखना और किसी भी प्रकार की गड़बड़ी को रोकना है। एनटीए के सूत्रों के अनुसार, यह बदलाव 2024 में होने वाले नीट यूजी की गड़बड़ियों से प्रेरित है।
सरकारी संस्थानों में परीक्षा केंद्र बनने से बढ़ेगी सुरक्षा
समिति की सिफारिशों में यह स्पष्ट है कि अब सरकारी संस्थानों में परीक्षा केंद्रों को प्राथमिकता दी जाएगी। यहां पहले से ही सीसीटीवी निगरानी और हाइब्रिड सेटअप की सुविधा होती है। इसके अंतर्गत आईआईटी, एनआईटी, एआईसीटीई से मान्यता प्राप्त इंजीनियरिंग कॉलेज, नवोदय विद्यालय और केंद्रीय विद्यालय में परीक्षा केंद्र बनाये जायेंगे, ताकि परीक्षाओं की गोपनीयता बनी रहे और केंद्रों की सुरक्षा में कोई कमी न हो। इससे एनटीए को अलग से सुपरवाइजर और शिक्षक भर्ती करने की आवश्यकता भी नहीं होगी।
जेईई एडवांस्ड मॉडल का अध्ययन करने की सलाह
समिति ने सुझाव दिया है कि एनटीए, आईआईटी के जेईई एडवांस्ड मॉडल का अध्ययन कर सकता है। जेईई एडवांस्ड परीक्षा का आयोजन टीसीएस द्वारा चुने गए केंद्रों पर होता है, जिसमें हर सेंटर में आईआईटी के वरिष्ठ प्रोफेसर ड्यूटी पर रहते हैं। इसी तरह, एनटीए को भी हर सेंटर पर अपने अधिकारी नियुक्त करने की सिफारिश की गई है