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Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग का नया फरमान, छात्रों के मेंटॉर बनेंगे शिक्षक, करने होंगे ये काम, आगे की करियर बनाने में भी करेंगे मदद

Bihar Teacher News: शिक्षा विभाग ने नया फरमान जारी किया है। इसके तहत अब तकनीकी संस्थानों के शिक्षक छात्रों के मेंटॉर बनेंगे। शिक्षक छात्रों का करियर बनाने में मदद करेंगे।

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Teachers become mentors- फोटो : Reporter

Bihar Teacher News: बिहार के शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए शिक्षा विभाग के द्वारा कई कदम उठाए जा रहे हैं। आए दिन शिक्षा विभाग नए नए फरमान जारी कर रहा है। इसी कड़ी में शिक्षा विभाग ने नया फरमान जारी किया है। जिसके तहत अब शिक्षक छात्रों को गाइड करेंगे। शिक्षक एक तरह से छात्रों के सलाकार के रुप में काम करेंगे और छात्रों को उनकी करियर संवारने में मदद करेंगे। तकनीकी शिक्षण संस्थानों में छात्र शिक्षक की मार्गदर्शन से काम करेंगे।  

शिक्षकों की भूमिका होगी अहम

दरअसल, इंजीनियरिंग, पॉलिटेक्निक और अन्य तकनीकी शिक्षण संस्थानों के शिक्षक अब छात्रों के सलाहकार (मेंटॉर) की भूमिका निभाएंगे। वे न केवल छात्रों के करियर को संवारने में उनकी मदद करेंगे, बल्कि उन्हें प्रशिक्षण देने और प्लेसमेंट सुनिश्चित करने का कार्य भी करेंगे। इस दिशा में बिहार राज्य तकनीकी शिक्षा बोर्ड (एसबीटीई) ने निर्देश जारी किए हैं। सभी राजकीय और निजी पॉलिटेक्निक संस्थानों के प्राचार्यों को इसे सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए गए हैं। इसके तहत सभी पॉलिटेक्निक कॉलेजों में तैयारियां शुरू हो चुकी हैं।

शिक्षक बनेंगे छात्रों के मेंटॉर

एसबीटीई ने छात्रों की पढ़ाई, प्रशिक्षण, और प्लेसमेंट को बेहतर बनाने के लिए नई पहल की है। अब नामांकन के समय ही हर शिक्षक को 15 से 20 छात्रों का मेंटॉर नियुक्त किया जाएगा। ये शिक्षक छात्रों के पूरे शैक्षणिक सत्र के दौरान उनके साथ जुड़े रहेंगे। इस दौरान वे न केवल अकादमिक मार्गदर्शन देंगे, बल्कि छात्रों को प्रशिक्षण और प्लेसमेंट के लिए भी तैयार करेंगे। 

छात्रों की उपस्थिति और अनुशासन पर निगरानी

शिक्षकों का यह भी दायित्व होगा कि छात्रों की उपस्थिति 75% से कम न हो। वे नियमित रूप से छात्रों और उनके अभिभावकों से संवाद करेंगे। इसके अलावा, कॉलेज का इंटर क्वालिटी ऑडिट सेल (IQAC) हर महीने बैठक करेगा। साथ ही, कॉलेज की सभी गतिविधियों का रिकॉर्ड रखा जाएगा, जिसे बोर्ड के अधिकारी और एआईसीटीई/एनबीए निरीक्षण के दौरान जांचेंगे।

कमजोर छात्रों के लिए विशेष कक्षाएं

छात्रों के संचार कौशल, सॉफ्ट स्किल, प्रेजेंटेशन स्किल, और औद्योगिक अनुभव को बढ़ाने के लिए विशेष कार्यक्रम चलाए जाएंगे। इसके तहत उद्यमशीलता विकास कार्यक्रम, एलुमिनी बैठकें, औद्योगिक भ्रमण, कॅरियर काउंसलिंग और रोजगार मेले जैसे आयोजन होंगे। कमजोर छात्रों के लिए अतिरिक्त कक्षाओं की व्यवस्था की जाएगी, ताकि उनका विकास हो सके। इसके साथ ही, ड्रॉपआउट दर कम करने और उत्तीर्णता का प्रतिशत बढ़ाने के लिए भी रणनीति बनाई जाएगी।

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