सोनपुर मेले में AK-56, थार और बाबर घोड़ों की धूम
बिहार के विश्व प्रसिद्ध सोनपुर मेले में इस बार तीन शानदार घोड़े आकर्षण का मुख्य केंद्र बने हुए हैं, AK-56, थार और बाबर। ये तीनों घोड़े सिंध नस्ल के हैं और अपनी अद्भुत फुर्ती और खूबसूरती के लिए जाने जाते हैं।
N4N डेस्क: बिहार के विश्व प्रसिद्ध सोनपुर पशु मेला में इस बार AK-56, थार और बाबरनाम के तीन घोड़े लोगों के बीच चर्चा का केंद्र बने हुए हैं। ये तीनों घोड़े सिंध नस्ल के हैं और अपनी फुर्ती तथा खूबसूरती के कारण आकर्षण का विषय बने हुए हैं। पटना सिटी के रहने वाले इनके मालिक, मुखिया रूदल यादव, इन घोड़ों को लेकर घोड़ा बाजार पहुंचे हैं। सोनपुर मेला एशिया के सबसे बड़े पशु मेलों में से एक है, जहाँ प्रदर्शनी और खरीद-बिक्री के लिए तमाम तरह के पशु लाए जाते हैं, लेकिन रूदल यादव के ये घोड़े अपनी खासियतों और जीती गई प्रतियोगिताओं के कारण सबसे अधिक ध्यान खींच रहे हैं।

इन घोड़ों में AK-56 घोड़ा सबसे खास है, जिसकी हाइट 66 इंच है और यह वैशाली, मुजफ्फरपुर तथा समस्तीपुर जिले में आयोजित प्रतियोगिताओं में कुल 5 बार विजेतारह चुका है। इसकी डाइट भी इसे विशेष बनाती है, जिसमें बाजरा, जौ, चना, भूसे के साथ-साथ रोजाना अखरोट-बादाम और 5 लीटर दूध शामिल है। इस दूध के लिए रूदल यादव ने विशेष रूप से साहीवाल और गिर नस्ल की गायें पाल रखी हैं। AK-56 की रफ्तार करीब 42 किलोमीटर प्रति घंटाहै। वहीं, बाबरघोड़ा भी कम नहीं है, जो उत्तर प्रदेश और बिहार का चैंपियन रह चुका है और फैजाबाद में अखिल भारतीय स्तर की घोड़ा दौड़ प्रतियोगिता में दो बार पहला स्थान हासिल कर चुका है। इसकी गति 40 से 45 किलोमीटर प्रति घंटा तक है।

तीसरा घोड़ा, जिसका नामथाररखा गया है, अपनी बहुमुखी दौड़ क्षमता के कारण चर्चा में है। इसके मालिक के अनुसार, थार को आम सड़कों से लेकर टूटी-फूटी और ऊँची-नीची जगहों पर भी आसानी से दौड़ने में महारत हासिल है, इसीलिए इसका नाम 'थार' रखा गया है। थार लगभग 36 किलोमीटर प्रति घंटेकी रफ्तार से दौड़ता है और अगले साल रेस प्रतियोगिताओं के लिए पूरी तरह तैयार हो जाएगा। रूदल यादव इन घोड़ों को बेचने के लिए नहीं लाए हैं, बल्कि शौक से रखते हैं और उन्हें सोनपुर मेला में केवलप्रदर्शनीके लिए लाया गया है।