Chhapra kidnapping case: छपरा में डॉक्टर के अपहरण की साजिश का सनसनीखेज खुलासा, क्लीनिक का ही डॉक्टर निकला मास्टरमाइंड
Chhapra kidnapping case: छपरा में चर्चित चिकित्सक डॉ. सजल कुमार के अपहरण की साजिश उनके ही क्लीनिक में काम करने वाले डॉक्टर ने रची थी। पुलिस ने हरियाणा कनेक्शन के साथ 6 आरोपियों को गिरफ्तार किया है।
Chhapra kidnapping case: बिहार के छपरा में मशहूर चिकित्सक डॉ. सजल कुमार के अपहरण की कोशिश ने पूरे इलाके को हिला कर रख दिया था। अब इस मामले में पुलिस की जांच के बाद जो सच सामने आया है, वह और भी हैरान करने वाला है। यह साजिश किसी पेशेवर बाहरी अपराधी ने नहीं, बल्कि डॉ. सजल के अपने ही क्लीनिक में काम करने वाले एक डॉक्टर ने रची थी। पुलिस के अनुसार, योजना सिर्फ अपहरण तक सीमित नहीं थी, बल्कि फिरौती वसूलने के बाद हत्या करने का भी इरादा था।
भरोसेमंद डॉक्टर बना साजिशकर्ता
सारण के वरीय पुलिस अधीक्षक डॉ. कुमार आशीष ने बताया कि इस पूरे मामले का मास्टरमाइंड डॉ. शिव नारायण है, जो पहले डॉ. सजल कुमार के क्लीनिक में एनेस्थीसिया विशेषज्ञ के तौर पर काम करता था। उसे हर महीने अच्छी तनख्वाह मिलती थी, इसके बावजूद पैसों के लालच में उसने यह खौफनाक साजिश रची। पुलिस रिकॉर्ड के मुताबिक, डॉ. शिव नारायण का आपराधिक इतिहास भी रहा है और उस पर पहले से फर्जीवाड़े के कई मामले दर्ज हैं।
हरियाणा से जुड़े तार, बाहुबलियों की एंट्री
जांच में यह भी सामने आया कि इस साजिश को अंजाम देने के लिए हरियाणा के फरीदाबाद-बल्लभगढ़ से मान्टी भारती को जोड़ा गया था। पुलिस के अनुसार, मान्टी भारती डॉ. शिव नारायण का करीबी था और उसी के जरिए स्थानीय अपराधियों को इस योजना में शामिल किया गया। इसी नेटवर्क ने अपहरण की पूरी रूपरेखा तैयार की।
अपहरण की रात क्या हुआ था
घटना 17 दिसंबर की रात की है, जब डॉ. सजल कुमार अपने क्लीनिक से काम खत्म कर घर लौट रहे थे। घर के पास पहले से घात लगाए बदमाशों ने उन्हें, उनके ड्राइवर और एक केयरटेकर को जबरन कार में बैठा लिया। बदमाश शहर में गाड़ी घुमाते रहे और सही मौके की तलाश करते रहे।
कुहासे ने बचाई डॉक्टर की जान
रात के समय घने कुहासे की वजह से नगर पालिका चौक के पास गाड़ी की रफ्तार धीमी हो गई। इसी अफरातफरी के बीच डॉ. सजल कुमार ने साहस दिखाया और चलती कार से छलांग लगा दी। उनकी हिम्मत और मौके की समझदारी से उनकी जान बच गई। इसके बाद बदमाश घबरा गए और मौके से फरार हो गए।
SIT की जांच और गिरफ्तारी
घटना के बाद पुलिस ने विशेष जांच टीम का गठन किया और सीसीटीवी फुटेज, मोबाइल कॉल रिकॉर्ड और लोकेशन डेटा के आधार पर जांच शुरू की। इसी तकनीकी जांच में पूरे गिरोह का पर्दाफाश हुआ और एक डॉक्टर समेत कुल छह लोगों को गिरफ्तार किया गया।
हथियार बरामदगी के दौरान मुठभेड़
पुलिस जब हथियार बरामद करने इनई इलाके में पहुंची तो दो आरोपियों ने फायरिंग कर दी। जवाबी कार्रवाई में दोनों आरोपियों के पैरों में गोली लगी और उन्हें मौके पर ही पकड़ लिया गया। फिलहाल उनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।
पूरी साजिश क्यों हुई नाकाम
पुलिस के मुताबिक कुहासे और रास्ता भटकने की वजह से बदमाश गलत दिशा में चले गए। निर्माण कार्य के कारण सड़क बंद मिली और गाड़ी को पीछे करना पड़ा। इसी दौरान हालात बिगड़े और डॉ. सजल कुमार भागने में सफल रहे। अगर यह चूक न होती तो साजिश कहीं ज्यादा खतरनाक रूप ले सकती थी।
न्यायिक प्रक्रिया जारी
पुलिस ने सभी गिरफ्तार आरोपियों को न्यायिक हिरासत में भेजने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। इस मामले ने एक बार फिर यह सवाल खड़ा कर दिया है कि भरोसे के रिश्तों में छिपा लालच कितना खतरनाक साबित हो सकता है।