Bihar news - शहर हुआ पानी-पानी तो निगम कमिश्नर ने काट दिया सफाई एजेंसी का पैसा, नाराज पार्षदों ने आयुक्त के खिलाफ फूंका विरोध का बिगुल

Bihar news - बारिश में हुए जलजमाव के बाद नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसी का पैसा काट दिया। जिसके बाद पार्षदों ने निगम आयुक्त का विरोध शुरू कर दिया।

Bihar news  - शहर हुआ पानी-पानी तो निगम कमिश्नर ने काट दिया

Chhapra - पूरे नगर निगम की सफाई व्यवस्था की स्थिति शहर वासियों से छिपी नहीं है. दो दिनों की बारिश में क्या स्थिति हुई सबने देखी भी. नगर निगम क्षेत्र की खराब सफाई व्यवस्था को लेकर जिलाधिकारी अमन समीर ने बीते 3 जुलाई को नगर आयुक्त को आदेश देते हुए कहा था कि जब तक सफाई की व्यवस्था संतोषप्रद नहीं हो जाती तब तक एजेंसी के भुगतान पर रोक लगाई जाती है. 

डीएम के आदेश के बाद नगर आयुक्त ने सफाई एजेंसी पर कार्रवाई करते हुए पूरे बिल में 12% की कटौती कर दी है. एनजीओ के भुगतान में कटौती किए जाने से पार्षदों में नाराजगी फैल गई है और वे नगर आयुक्त के खिलाफ हो गए हैं. बुधवार को हंगामा किया था.

अब बोर्ड की आपात बैठक बुलाने की मांग महापौर लक्ष्मी नारायण गुप्ता से कर दी है. महापौर ने 2 अगस्त की तिथि निर्धारित करते हुए नगर आयुक्त को पत्र भेज दिया है और नगर आयुक्त ने भी 2 अगस्त की तिथि को बैठक के लिए मुकर्रर कर दिया है.

शहर में चर्चा पार्षद एजेंसी के पक्ष में क्यों?

महापौर के आदेश के बाद नगर आयुक्त ने  2 अगस्त को बोर्ड की स्पेशल बैठक बुला दी  है. ऐसे में पूरे नगर निगम क्षेत्र में चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर में भुगतान के पीछे ऐसी क्या बात है, डीएम के आदेश को दरकिनार करते हुए भुगतान  भी कर दिया गया और जब कार्रवाई की गई तो पूरे पार्षद ही नगर आयुक्त के खिलाफ सड़क पर आ गए हैं। 

अप्रैल और मई महीने की 1.80 करोड़ भुगतान किया गया

नगर निगम सूत्रों के अनुसार मार्च में एजेंसी को एक करोड़ तीन लाख की भुगतान की गई थी. अप्रैल और मई महीने का बकाया है. एजेंसी ने 2 महीने के लिए 2.08 करोड़ों रुपए का बिल नगर आयुक्त को भेजा था. नगर आयुक्त ने 12% की कटौती करते हुए भुगतान की है जो कि लगभग 1.80 करोड़ के लगभग हो रहा है. वास्तविकता तो बिल सार्वजनिक होने के बाद ही सामने आएगा.

क्या था जिलाधिकारी का आदेश

जिलाधिकारी के द्वारा 3 जुलाई को नगर निगम क्षेत्र की सफाई व्यवस्था की समीक्षा की गई थी इस क्रम में उन्होंने आदेश दिया था कि शहर की सफाई व्यवस्था अच्छी नहीं है जहां तहां जल जमाव की समस्या है. 13 स्थान का चयन भी किया गया था जहां सबसे अधिक खराब व्यवस्था है. जिलाधिकारी ने कहा था कि जब तक शहर की सफाई व्यवस्था संतोषप्रद नहीं हो जाती तब तक भुगतान नहीं किया जाए. जिलाधिकारी के द्वारा जो प्रोसिडिंग जारी की गई थी उसमें इस बात की कई जगह चर्चा थी. 

कार्रवाई के जगह इनाम क्यों?

महापौर के द्वारा 2 अगस्त को केवल सफाई एजेंसी को भुगतान के लिए ही चर्चा करने के लिए क्यों आपात बैठक बुलाई गई है? डीएम के आदेश के बाद जहां तक सफाई एजेंसी पर कार्रवाई करनी चाहिए थी. लेकिन यहां तो  भुगतान कर इनाम दे दी गई.  हालांकि खानापूर्ति के लिए एजेंडा में लाइट की व्यवस्था और अन्य मुद्दों पर चर्चा की भी बात कही गई है. 

निगम क्षेत्र के सड़क निर्माण की चिंता बोर्ड को नहीं, एजेंसी के तरफ सबका ध्यान

निगम क्षेत्र की सड़के बारिश में डूब रही है कई सड़क जलजमाव से सालों भर डूबी रही है. सड़कों के निर्माण की जगह सफाई एजेंसी के भुगतान में सबका इंटरेस्ट सामने आ गया है. सड़कों का टेंडर हो चुका है वर्क आर्डर और अन्य कागजी प्रक्रिया के लिए फाइल कार्यालय में धूल फांक रही हैं . जबकि शहर वासी सड़कों के निर्माण के लिए नगर निगम की तरफ टकटकी लगाए हुए हैं.

*क्या बोले नगर आयुक्त

महापौर के तरफ से बोर्ड की बैठक बुलाने के लिए 2 अगस्त की तिथि निर्धारित की गई है उसे लेकर पत्र जारी कर दिया गया है. एजेंसी की साफ सफाई बेहतर नहीं थी ऐसे में जिलाधिकारी के आदेश पर कार्रवाई की गई है. कुल भुगतान में से 12% की कटौती की गई है. बोर्ड में इसे लेकर चर्चा होगी. इससे मुझे कोई लेना देना नहीं है. बोर्ड का काम पॉलिसी बनाना है ना कि वित्तीय कार्य में हस्तक्षेप करना है. वित्तीय कार्य की जिम्मेदारी मेरी है. 

सुनील कुमार पांडे, नगर आयुक्त,नगर निगम छपरा


रिपोर्ट - संजय भारद्वाज