Oxygen Man : 'ऑक्सीजन मैन' से बिहार में बदलाव की बयार, 238 सिलाई मशीनें, 307 साइकिलें और 135 स्कूलों में लगाई गयी वेंडिंग मशीनें

Oxygen Man : ऑक्सीजन मैन से बिहार में बदलाव की बयार बह रही है. अबतक 238 सिलाई मशीनों और 307 साइकिल का वितरण किया गया है......पढ़िए आगे

Oxygen Man : 'ऑक्सीजन मैन' से बिहार में बदलाव की बयार, 238 स
बदलाव की बयार - फोटो : PRIYDARSHAN

CHAPRA : छपरा जिला के मशरक प्रखंड मुख्यालय अंतर्गत घोघिया गांव में रविवार को एक प्रेरणादायक पहल के तहत पुतुल कुमारी को स्वरोजगार के लिए सिलाई मशीन प्रदान की गई। यह मशीन पटना से पहुंचे समाजसेवी गौरव राय ने अपने वेतन से खरीद कर भेंट की। कोरोना काल में ऑक्सीजन मैन के नाम से चर्चित गौरव राय अब समाज में एक नई जागरूकता और बदलाव की बयार लेकर आए हैं।

इस अवसर पर गौरव राय ने बताया कि उनके द्वारा शुरू की गई यह समाजसेवी मुहिम अब पूरे बिहार में फैल चुकी है। उन्होंने बताया कि यह पहल पूरी तरह से गैर-सरकारी है और इसमें वे स्वयं, उनके परिजन एवं मित्र शामिल हैं। आज करीब 200 लोगों का एक सक्रिय समूह मिलकर बिहार भर में ज़रूरतमंदों की सहायता कर रहा है। अब तक इस समूह द्वारा 307 साइकिलें, 238 सिलाई मशीनें और 135 विद्यालयों में सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगवाई जा चुकी हैं। गौरव राय ने बताया कि लोगों का सहयोग अब स्वतः मिलने लगा है। कई लोग अपने पारिवारिक उत्सवों जैसे शादी की सालगिरह, पुण्यतिथि या अन्य शुभ अवसरों पर जरूरतमंदों को साइकिल या सिलाई मशीन दान कर रहे हैं।

आगामी योजनाओं की जानकारी देते हुए गौरव राय ने बताया कि इस महीने लखीसराय में एक जिला पार्षद के सहयोग से आठ सैनिटरी पैड वेंडिंग मशीनें लगवाई जाएंगी, वहीं करीब 20 सिलाई मशीनों का वितरण भी लोगों के व्यक्तिगत योगदान से किया जाएगा। इस आयोजन में संजीव भारद्वाज, चंदन कुमार, उज्जवल, रविरंजन, जयप्रकाश चौधरी, कैलाश चौधरी और कई अन्य ग्रामीण जन उपस्थित रहे। लोगों में इस मुहिम को लेकर उत्साह देखा गया और कई ने आगे आकर सहयोग की इच्छा जताई।

बता दें कि गौरव राय सिवान जिले के भगवानपुर हाट प्रखंड स्थित सुघरी गांव के रहने वाले हैं और वर्तमान में एक निजी कंपनी में कार्यरत हैं। अपनी नौकरी के साथ-साथ वे समाज सेवा को भी पूरी निष्ठा से निभा रहे हैं। उन्होंने कहा, "हम अलग-अलग स्थानों पर रहते हैं, कई लोग कभी मिले भी नहीं, पर हमारा उद्देश्य एक है – ज़रूरतमंदों के चेहरे पर मुस्कान लाना।" यह मुहिम न केवल आर्थिक रूप से कमजोर लोगों को आत्मनिर्भर बना रही है, बल्कि समाज में सहयोग और सेवा की एक नई मिसाल भी पेश कर रही है।