Bihar News: धरती के भगवान बने हैवान , क्लिनिक में दलाल संग मरीज की पिटाई, वीडियो वायरल, सुनिए सरकार
Bihar News:भगवान के दर्जे वाले चिकित्सक का चेहरा हैवानियत के नक़ाब में नज़र आ रहा है।...

Bihar News:भगवान के दर्जे वाले चिकित्सक का चेहरा यहां हैवानियत के नक़ाब में नज़र आ रहा है। सोशल मीडिया पर तेजी से वायरल इस वीडियो में एक डॉक्टर अपने निजी क्लिनिक में इलाज के लिए आए मरीज की बेरहमी से पिटाई करते दिख रहा है और यह सब एक दलाल की मिलीभगत से हो रहा है।सारण ज़िले के छपरा शहर से एक ऐसा वीडियो सामने आया है जिसने लोगों को झकझोर दिया है।
कहां और कौन?
वीडियो छपरा शहर के भगवान बाज़ार थाना क्षेत्र का बताया जा रहा है। मारपीट करने वाला डॉक्टर डॉ. पंकज कुमार वर्तमान में छपरा सदर अस्पताल में कार्यरत है, लेकिन यह घटना उनके निजी क्लिनिक में हुई।वीडियो की पुष्टि न्यूज4नेशन नहीं करता है।
दलालों का खेल — अस्पताल से क्लिनिक तक
जानकारी के मुताबिक, सदर अस्पताल में लंबे समय से दलालों का नेटवर्क सक्रिय है। यह दलाल अस्पताल में इलाज के लिए आने वाले मरीजों को तरह-तरह के बहाने देकर निजी क्लिनिकों में भेजते हैं। वहां इलाज के नाम पर मोटी रकम वसूली जाती है। पैसे देने से इंकार करने या पूरी रकम न चुका पाने पर मरीजों और उनके परिजनों के साथ मारपीट की जाती है।
वीडियो में क्या दिखा?
वायरल फुटेज में साफ़ दिखाई दे रहा है कि मरीज किसी बात पर डॉक्टर से बहस करता है, तभी डॉक्टर पंकज कुमार और एक दलाल मिलकर उसे धक्का देते हैं, थप्पड़ मारते हैं और गाली-गलौज करते हैं। आसपास मौजूद लोग भी घटना को रोकने की बजाय मूकदर्शक बने रहते हैं।
प्रशासन की उदासीनता — ‘ढाक के तीन पात’
स्थानीय लोगों का कहना है कि यह पहली बार नहीं है। पहले भी मरीजों के साथ मारपीट की घटनाएं हुई हैं, लेकिन हर बार मामला ठंडा पड़ गया। कार्रवाई की जगह मामला रफ़ा-दफ़ा कर दिया जाता है, और दलालों का खेल जारी रहता है।
लोगों का आक्रोश और सवाल
वीडियो वायरल होने के बाद शहर में गुस्सा फैल गया है। लोग पूछ रहे हैं "क्या छपरा में मरीज को इलाज के लिए अपनी जान का भी सौदा करना पड़ेगा?"स्थानीय नागरिक संगठनों का कहना है कि स्वास्थ्य विभाग और प्रशासन की मिलीभगत के बिना इतने लंबे समय तक यह धंधा संभव नहीं है।
क्या होगी कार्रवाई?
फिलहाल पुलिस और प्रशासन की ओर से कोई आधिकारिक बयान नहीं आया है। सवाल यह है कि क्या इस बार दोषियों पर सख़्त कार्रवाई होगी या फिर यह मामला भी ‘ढाक के तीन पात’ बनकर फाइलों में दफ़न हो जाएगा।
छपरा का यह मामला न सिर्फ़ चिकित्सा जगत में फैली व्यावसायिक लालच की परतें खोलता है, बल्कि यह भी साबित करता है कि जब ‘इंसानियत का पेशा’ मुनाफ़े और ताक़त की भेंट चढ़ जाता है, तो मरीज के लिए अस्पताल भी रणभूमि बन जाता है।
रिपोर्ट- शशिभूषण सिंह