Bihar Development -पीएम मोदी और नीतीश कुमार के काम की कर रहे थे तारीफ, अचानक मंच पर बत्ती गुल, अंधेरे में मंत्रीजी ने दिया भाषण

Bihar Development - मंच से मंत्री जी पीएम मोदी के 11 साल के काम को गिना रहे थे। इसी दौरान मंच पर बिजली गुल हो गई। इसके बाद मंत्री जी ने अंधेरे में भाषण दिया।

Bihar Development -पीएम मोदी और नीतीश कुमार के काम की कर रहे
मंत्री श्रवण कुमार ने अंधेरे में दिया भाषण।- फोटो : Shashi kumar

Chhapra - : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के बिहार से विशेष जुड़ाव का प्रमाण एक बार फिर मिलने जा रहा है, अपने 11 वर्षों के कार्यकाल में प्रधानमंत्री मोदी 52वीं बार बिहार आ रहे हैं,आगामी 20 जून को उनका आगमन सीवान जिले में प्रस्तावित है, जहां वे राज्य को कई नई सौगातें देने वाले हैं 

यह बातें बिहार सरकार के सहकारिता मंत्री डॉ. प्रेम कुमार ने बुधवार को छपरा में आयोजित 'सहकारिता सहकार' सम्मेलन के उपरांत पत्रकारों से बातचीत में कहीं,उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जब भी बिहार आते हैं, तो ऊर्जा, सड़क, आधारभूत संरचना और अन्य क्षेत्रों में विकास की अनेक योजनाओं की सौगात लेकर आते हैं।

पीएम मोदी के 11 साल बेमिसाल

डॉ. प्रेम कुमार ने मोदी सरकार के 11 सालों को बेमिसाल बताते हुए कहा कि इन वर्षों में सबका साथ-सबका विकास की भावना के साथ हर वर्ग और हर क्षेत्र को प्राथमिकता दी गई है। उन्होंने कहा ;आज प्रधानमंत्री मोदी का नेतृत्व भारत को वैश्विक शक्ति बना चुका है। देश अब जापान को पीछे छोड़कर दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है.

कार्यक्रम में बिजली गुल, मंत्री ने अंधेरे में दिया भाषण

गर्मी से बेहाल बिहार में बिजली संकट अब केवल आम लोगों तक सीमित नहीं रह गया है। इसका प्रभाव अब मंत्रियों के कार्यक्रमों में भी दिखने लगा है। बुधवार को छपरा के प्रेक्षागृह में आयोजित 'सहकारिता सहकार' कार्यक्रम के दौरान सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार का भाषण उस वक्त चल रहा था जब अचानक बिजली चली गई। बावजूद इसके मंत्री प्रेम कुमार ने बिना रुके अंधेरे में ही अपना भाषण जारी रखा। इस दृश्य ने यह दिखाया कि बिजली व्यवस्था की बदहाली अब जनप्रतिनिधियों को भी प्रभावित कर रही है।

मंत्री दे रहे थे भाषण, मंच पर अधिकारी मोबाइल में व्यस्त

कार्यक्रम के दौरान एक और दृश्य ने लोगों का ध्यान खींचा,जहां मंच से सहकारिता मंत्री प्रेम कुमार राज्य के विकास की बातें कर रहे थे, वहीं मंच पर बैठे कुछ अधिकारी मोबाइल फोन में व्यस्त नजर आए।

मंचासीन अधिकारियों के इस रवैये को देखकर वहां मौजूद लोगों में तरह-तरह की चर्चाएं शुरू हो गईं। लोगों का कहना था कि जब अधिकारी इस तरह की लापरवाही सार्वजनिक मंच पर दिखाते हैं, तो यह सहकारिता विभाग की कार्यशैली पर सवाल खड़ा करता है.

Report - shashi kumar