Woman Return After Cremation: जिसे जलाकर किया श्राद्ध, वो लौट आई जिन्दा, हैरान कर देने वाली घटना, गांव में फैली सनसनी

Woman Return After Cremation:किसी फिल्मी पटकथा-सी प्रतीत होने वाली घटना सामने आई है। यह सत्य घटना न केवल परिजनों को स्तब्ध कर गई, बल्कि पूरे गांव को अवाक कर गई।

Woman Return After Cremation
जिसे जलाकर किया श्राद्ध, वो लौट आई जिन्दा- फोटो : social Media

Saran: छपरा जिले से एक चौंका देने वाली, मानो किसी फिल्मी पटकथा-सी प्रतीत होने वाली घटना सामने आई है। यह सत्य घटना न केवल परिजनों को स्तब्ध कर गई, बल्कि पूरे गांव को अवाक कर गई। रिविलगंज प्रखंड के मोहब्बत परसा पंचायत अंतर्गत भादपा नई बस्ती गांव की निवासी रामा देवी, जिनका अंतिम संस्कार और श्राद्ध कर्म उनके ही परिजनों द्वारा कर दिया गया था, वह एक माह बाद अचानक जीवित अवस्था में अपने घर लौट आईं।

घटना की शुरुआत मई माह में हुई, जब 45 वर्षीय रामा देवी, जो आंशिक रूप से मानसिक रूप से अस्वस्थ थीं, अचानक लापता हो गईं। परिजनों ने उन्हें हरसंभव स्थानों पर खोजा, मगर कोई जानकारी नहीं मिली। इसी बीच 26 मई को सरयू नदी किनारे थाना घाट के पूरब एक महिला का शव बरामद हुआ। सूचना मिलते ही परिजन वहां पहुँचे। शव अत्यधिक सड़-गल चुका था, जिससे उसकी शिनाख्त स्पष्ट रूप से नहीं हो सकी। परंतु हुलिया मिलते-जुलते होने के कारण उसे ही रामा देवी मानकर परिजनों ने शव को स्वीकार कर लिया।

पुलिस द्वारा शव का पोस्टमार्टम कराया गया और शव परिजनों को सौंप दिया गया। रीति-रिवाजों के अनुरूप अंतिम संस्कार किया गया और 11 जून को विधिवत श्राद्ध कर्म भी संपन्न हुआ। पूरा परिवार शोकग्रस्त था और समाज में यह समाचार फैल चुका था कि रामा देवी अब इस दुनिया में नहीं रहीं।

लेकिन 22 जून को जब रामा देवी अचानक दरवाजे पर प्रकट हुईं, तो मानो समय ठहर गया। कुछ पल के लिए सब स्तब्ध रह गए। यह चमत्कारिक दृश्य किसी पुनर्जन्म की अनुभूति करा रहा था। फिर धीरे-धीरे अविश्वास की जगह आश्चर्य और फिर प्रसन्नता ने ले ली।

बाद में पता चला कि रामा देवी मानसिक भ्रम की स्थिति में बिना किसी को कुछ बताए अपने मायके कोलकाता चली गई थीं। वहां एक महीने रहने के पश्चात वह स्वयं अपने प्रयास से घर लौट आईं।अब यह रहस्य बना हुआ है कि अंतिम संस्कार किया गया शव किसका था। पुलिस इस दिशा में दोबारा जांच की तैयारी कर रही है। लेकिन गांव में तो अब एक ही चर्चा है — "जिसे मरा समझ बैठे, वो जिन्दा लौट आई!"