Bihar News: जाको राखे साइयां मार सके न कोई, एकमा स्टेशन पर 25,000 वोल्ट की चपेट में आने के बाद भी युवक जिन्दी बचा

Bihar News: कजाको राखे साइयां मार सके न कोई..अल-सुबह एकमा रेलवे स्टेशन पर एक दिल दहला देने वाला हादसा उस वक़्त घटा जब अमृतसर से सहरसा जा रही जनसेवा एक्सप्रेस प्लेटफ़ॉर्म नंबर 2 पर रुकने ही वाली थी...

Bihar News: जाको राखे साइयां मार सके न कोई,  एकमा स्टेशन पर
जाको राखे साइयां मार सके न कोई- फोटो : reporter

Bihar News: कजाको राखे साइयां मार सके न कोई..अल-सुबह एकमा रेलवे स्टेशन पर एक दिल दहला देने वाला हादसा उस वक़्त घटा जब अमृतसर से सहरसा जा रही जनसेवा एक्सप्रेस प्लेटफ़ॉर्म नंबर 2 पर रुकने ही वाली थी। ट्रेन की बोगी की छत पर सवार एक युवक अचानक ऊपर से गुजर रही हाई-टेंशन लाइन की 25,000 वोल्ट करंट की चपेट में आ गया। नज़ारा देखते ही बनता था  तेज़ आवाज़ और चकाचौंध के साथ ट्रेन कुछ ही क्षणों में रू-इस्तफाँ (खड़ी) हो गई और यात्रियों में हड़कंप मच गया।

मौके पर मौजूद लोगों के मुताबिक़ युवक पहले कुछ देर अचेत पड़ा रहा — उसकी साँसें मंद और शरीर बेरंग सा दिख रहा था। ट्रेन में बैठे मुसाफ़िरों ने घबराकर मदद के लिये आवाज़ें लगाईं। सूचना पाते ही आरपीएफ के जवान और स्टेशन के कर्मचारी फ़ौरन पहुंचे। घायलों को संभालते हुए आरपीएफ वाले युवक को ट्रेन से उतारने की कोशिश कर रहे थे कि तमाम आश्चर्यों के बाद घायल युवक ने ख़ुद ही हिम्मत दिखाते हुए उठ कर बोगी से नीचे उतर गया। यह देख कर हर कोई मोहताज रह गया।

युवक की हालत गंभीर बताई जा रही है  उसकी देह पर जलन के निशान और झटकों के प्रभाव साफ़ दिख रहे थे। मौके पर मौजूद लोगों ने युवक को नज़दीकी अस्पताल की राह दिखाई और एम्बुलेंस बुलवाई गई। अस्पताल पहुँचा कर डॉक्टरों ने प्राथमिक उपचार के बाद युवक को निगरानी में रखा है। जांच में स्टेशन प्रबंधन और रेलवे सुरक्षा तंत्र की लापरवाही के पहलू भी उठ रहे हैं  कि युवक कैसे बोगी की छत पर चढ़ा और सुरक्षा शिल्डिंगों के बावजूद ऊँची लाइन के इतने नज़दीक पहुँच गया।

हादसे के बाद स्टेशन पर अफ़रातफ़री और यात्रियों में भय दिखा, पर वहीं लोग मुँह फेर कर कह रहे थे वही पुरानी कहावत  “जाको राखे साइयां मार सके न कोई”  मानो किसी ने किस्मत का साथ दिया हो। रेलवे प्रशासन ने मामले की रिपोर्ट दर्ज कर आवश्यक पूछताछ शुरू कर दी है तथा यात्रियों से अनुरोध किया है कि वे ट्रेन की छत पर चढ़ने जैसे ख़तरनाक कृत्यों से परहेज़ करें। घटना ने एक बार फिर याद दिला दिया कि सुरक्षा नियमों की अनदेखी इतनी महँगी पड़ती है कि जान पर खेलना क़रीब-करीब वार-ए-नियामत बन जाता है।

रिपोर्ट- शशिभूषण सिंह