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Bihar Cader IAS Sanjeev Hans: 'हंस' से पहले एक और IAS अधिकारी को 'करप्शन' के आरोप में किया गया था गिरफ्तार...तब आइएएस बिरादरी में उबाल आ गया था

IAS अफसर संजीव हंस की गिरफ्तारी से पहले 2013 बैच के बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी जितेन्द्र गुप्ता को निगरानी ने किया था गिरफ्तार. तब वे मोहनिया SDM के पद पर पदस्थापित थे. करप्शन के आरोप में उनकी गिरफ्तारी हुई थी.

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Bihar Cader IAS Sanjeev Hans:  बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी व कुछ समय पहले तक उर्जा विभाग के प्रधान सचिव रहे संजीव हंस हवालात पहुंच गए। मनी लॉन्ड्रिंग केस में शुक्रवार की देर रात ईडी ने IAS अधिकारी संजीव हंस को गिरफ्तार कर लिया. हंस को उनके पटना स्थित सरकारी आवास से गिरफ्तार किया गया है. इसके पहले 2016 और 2017 में एक-एक आईएएस अधिकारी की गिरफ्तारी हुई थी. ईडी से पहले पटना पुलिस और बिहार की निगरानी ब्यूरो अधिकारियों को गिरफ्तार कर चुकी है. आईएएस अधिकारियों की गिरफ्तारी के बाद तब काफी हाई वोल्टेज ड्रामा हुआ था.आईएएस एसोसिएशन ने इस पर कड़ी नाराजगी दर्ज की थी .2016 में जिस आईएएस अधिकारी को करप्शन के केस में निगरानी ने गिरफ्तार किया था, उस मामले में भारी बवाल मचा था.आईएएस संघ ने बिना सबूत के गिरफ्तारी की बात कही थी. फिर भी उक्त अधिकारी को जेल भेज दिया गया था. हालांकि संजीव हंस की गिरफ्तारी के बाद आईएएस एसोसिएशन की कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है. 

80 हजार घूस मांगने के आरोप में आईएएस अधिकारी की हुई थी गिरफ्तारी 

2013 बैच के आईएएस अधिकारी डॉ. जितेन्द्र गुप्ता की जुलाई 2016 में गिरफ्तारी हुई थी. तब वे मोहनिया के एसडीएम थे. ट्रेनिंग के बाद डाॅ जितेंद्र गुप्ता की एसडीओ के पद पर पोस्टिंग हुई थी. इसी दौरान वे निगरानी ब्यूरो की गिरफ्त में आ गए थे। 2016 में जब वे मोहनिया में एसडीएम के पद पर तैनात थे तब उनपर 80 हजार रिश्वत के आरोप लगे थे और विजिलेंस ब्यूरो ने कांड संख्या 67/2016 दर्ज कर जितेन्द्र गुप्ता को गिरफ्तार कर जेल भेजा था। तब यूपी के लखीमपुर के जसप्रीत सिंह नाम के ट्रक ड्राइवर ने शिकायत दर्ज कराई थी. इसी शिकायत के आधार पर निगरानी टीम ने कार्रवाई की थी. एसडीओ जितेन्द्र गुप्ता की गिरफ्तारी के बाद आइएएस बिरादरी में उबाल आ गया था. इस मुद्दे पर आइएएस एसोसिएशन की आपात बैठक भी हुई थी, जिसमें निगरानी की कार्रवाई पर कड़ा एतराज जताया गया था. एसोसिएशन का कहना था कि बिना किसी सबूत के एसडीएम को निगरानी ने गिरफ्तार किया है. 12 जुलाई 2016 को गिरफ्तार किए गए मोहनिया के तत्कालीन एसडीओ सह आइएएस अधिकारी डॉ.जितेंद्र कु. गुप्ता को हाईकोर्ट से 9 अगस्त 2016 को ही जमानत मिल गई थी. हाईकोर्ट ने जमानत याचिका को स्वीकार कर डॉ.गुप्ता को रिहा करने के आदेश दिए थे. इसके बाद विवादों में फंसे जितेन्द्र गुप्ता ने अपना कैडर चेंज करा लिया था. 

वरिष्ठ आईएएस सुधीर कुमार की हुई थी गिरफ्तारी 

2017 में भी एक वरिष्ठ आईएएस अधिकारी सुधीर कुमार को पेपर लीक के मामले में पटना पुलिस ने गिरफ्तार किया था. 24 फरवरी 2017 को पेपर लीक मामले में पटना पुलिस की एसआईटी ने बिहार कर्मचारी चयन आयोग (बीएसएससी) के चेयरमैन सुधीर कुमार को झारखंड के हजारीबाग से गिरफ्तार किया था. बीएसएससी चेयरमैन सुधीर कुमार के साथ उनके भाई ,भाई की पत्नी, बहू और भांजे को भी गिरफ्तार किया गया था. इनकी गिरफ्तारी के बाद भी आईएएस एसोसिएशन में हलचल तेज हुई थी. गिरफ्तारी के बाद आईएएस अफसरों का संघ तब के मुख्य सचिव अंजनी सिंह के आवास पर पहुंचे थे. वैसे यही दो मामले नहीं हैं. भ्रष्टाचार के मामले में निगरानी ने मधेपुरा के एक जिलाधिकारी (आईएएस अफसर) को भी गिरफ्तार कर चुकी है. 

हंस के साथ गुलाब की भी हुई है गिरफ्तारी 

बता दें, बिहार कैडर के आईएएस अधिकारी संजीव हंस की गिरफ्तारी के साथ-साथ राजद के पूर्व विधायक गुलाब यादव को भी ईडी ने गिरफ्तार किया है. इसी मामले में दिल्ली के एक रिसॉर्ट से पूर्व विधायक गुलाब यादव को गिरफ़्तार किया गया है. गिरफ्तारी के बाद शुक्रवार रात में ही कोर्ट में संजीव हंस की पेशी हुई. कोर्ट ने संजीव हंस को अगले 11 दिनों के लिए न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया है. 29 अक्टूबर तक अब संजीव हंस जेल में ही रहेंगे.

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