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Bihar DGP Order: सभी SP, थानेदार के लिए DGP का नया फरमान,अब करना होगा हर हाल में यह काम,पुलिस मुख्यालय में होगी तीसरी आंख..अब खैर नहीं

नए निर्देशों के अनुसार, पुलिस कर्मियों को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि घटनास्थल, गिरफ्तारी, और जब्ती के साक्ष्यों को सही तरीके से संकलित किया जा सके।

 Bihar DGP Order: सभी SP, थानेदार के लिए DGP का नया फरमान,अब करना होगा हर हाल में यह काम,पुलिस मुख्यालय में होगी तीसरी आंख..अब खैर नहीं
बिहार पुलिस लगाएगी अपराध पर लगाम- फोटो : social media

Bihar DGP Order: बिहार में पुलिस अब आपराधिक वारदातों पर रोकथाम के लिए अधिक सक्रिय रूप से काम कर रही है। नए प्रदेश कप्तान विनय कुमार के आदेश के बाद, एसपी अशोक मिश्रा ने पुलिस कर्मियों को नियमित और सघन गश्त करने के निर्देश दिए हैं। इसके साथ ही, पुलिस मुख्यालय से हर गतिविधि की मॉनिटरिंग की जाएगी। पुलिस कंट्रोल रूम को भी अधिक सशक्त बनाया जा रहा है ताकि किसी भी बड़े आपराधिक घटना के बाद पुलिस तुरंत एक्शन ले सके।

वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी का प्रशिक्षण अनिवार्य

नए निर्देशों के अनुसार, पुलिस कर्मियों को वीडियोग्राफी और फोटोग्राफी में प्रशिक्षित किया जाएगा। इसका उद्देश्य है कि घटनास्थल, गिरफ्तारी, और जब्ती के साक्ष्यों को सही तरीके से संकलित किया जा सके ताकि अदालत में आरोपी के खिलाफ ठोस सबूत पेश किए जा सकें। अब इंस्पेक्टर, दारोगा, और जमादार के लिए यह प्रशिक्षण लेना अनिवार्य कर दिया गया है, ताकि किसी भी स्तर पर कांड के अनुसंधान में कोई कमी न रह जाए।

शस्त्र के प्रदर्शन पर सख्त कार्रवाई

शस्त्र अधिनियम 2016 के नियम 32 के तहत, यदि कोई शस्त्र अनुज्ञप्तिधारी या व्यवसायी सार्वजनिक स्थलों पर हथियार का प्रदर्शन करता है या निजी अंगरक्षक के जरिए डराने-धमकाने का प्रयास करता है, तो उसके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हथियार का लाइसेंस रद्द करने की प्रक्रिया शुरू होगी, और हथियार को जब्त भी किया जा सकता है। इसके अलावा, शादी या अन्य आयोजनों में हथियार का प्रदर्शन करने वालों पर भी कड़ी कार्रवाई होगी।

सोशल मीडिया पर भी नजर

पुलिस अब सिर्फ सड़कों पर ही नहीं, बल्कि सोशल मीडिया पर भी निगरानी रख रही है। पुलिस अपराध रोकने के लिए एक रणनीति तैयार कर रही है, जिसमें सोशल मीडिया के जरिए अपराधियों की गतिविधियों पर नजर रखी जाएगी।

निजी अंगरक्षक रखने के लिए पंजीकरण जरूरी

यदि कोई निजी अंगरक्षक रखता है, तो इसके लिए पहले विभाग से अनुमति लेनी होगी। अंगरक्षक को केवल पंजीकृत संस्था से ही लेना अनिवार्य किया गया है। यदि किसी ने अंगरक्षक या बाउंसर के बल पर किसी को धमकाने की कोशिश की, तो उनके खिलाफ भी कार्रवाई की जाएगी।

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