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Bihar samastipur News: समस्तीपुर में सरकारी हेडमास्टर छात्राओं के साथ करता था बैड टच, पता चलने पर शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इन मामलों में न्याय सुनिश्चित करना न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए आवश्यक है।

Bihar samastipur News: समस्तीपुर में सरकारी हेडमास्टर छात्राओं के साथ करता था बैड टच, पता चलने पर शिक्षा विभाग ने की कार्रवाई
बिहार में सरकारी स्कूल के प्रिंसिपल की गलत हरकत!- फोटो : freepik

Bihar samastipur News: बिहार के समस्तीपुर जिले में एक सरकारी स्कूल के प्रिसिंपल, जिनका नाम असगर कमाल है. उनके खिलाफ छात्राओं के साथ अश्लील हरकत का आरोप लगाया गया है. मामले के सामने आने के बाद उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया गया है। मामले पर जिला कल्याण पदाधिकारी प्रसून प्ररीमल ने घटना की  जांच की पुष्टि की. इसके बाद उन्होंने विभागिय कार्रवाई करते हुए सस्पेंड कर दिया। वहीं पुलिस ने पीड़ित छात्राओं का मंगलवार (10 दिसंबर) को मेडिकल कराया। छात्राओं ने अपने बयान में HM पर गलत तरीके से छूने का आरोप लगाया था।

सरकारी स्कूल के प्रधानाध्यापक असगर कमाल पर छात्राओं के साथ अश्लील हरकत के आरोप साबित हुए। जिला कल्याण पदाधिकारी ने इस मामले की जांच के बाद आरोपी को सस्पेंड कर दिया। पुलिस ने भी त्वरित कार्रवाई करते हुए उन्हें गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।

मेडिकल जांच: पीड़ित छात्राओं का मेडिकल परीक्षण उनके परिवार की सहमति से कराया गया।

पुलिस कार्रवाई: थानाध्यक्ष और जिला कल्याण पदाधिकारी ने आरोपों की पुष्टि के बाद मामला SC-ST थाने में दर्ज करवाया।

रोहतास की घटना

एक किशोरी के साथ छेड़खानी के मामले में जयनाथ पाठक को तीन साल की जेल और पांच हजार रुपये जुर्माने की सजा मिली।

घटना का विवरण: अभियुक्त ने किशोरी के अकेलेपन का फायदा उठाते हुए अश्लील हरकत की।

न्यायिक प्रक्रिया: आठ गवाहों के बयानों और सबूतों के आधार पर POCSO एक्ट की धारा 8 के तहत दोषी ठहराया गया।

मुख्य बिंदु

सुरक्षा उपाय: स्कूलों में छात्राओं की सुरक्षा के लिए कड़े उपाय अपनाने की जरूरत है, जैसे सीसीटीवी और शिकायत तंत्र।

कानूनी सख्ती: दोषियों को सख्त सजा देना एक निवारक कदम है।

समाज में जागरूकता: बच्चों को उनके अधिकारों और सुरक्षा उपायों के प्रति शिक्षित करना जरूरी है।

परिवार और प्रशासन की भूमिका: ऐसे मामलों में पीड़ितों का साथ देने और उन्हें न्याय दिलाने में परिवार और प्रशासन की अहम भूमिका है।

इन घटनाओं ने यह स्पष्ट कर दिया है कि बच्चों की सुरक्षा को प्राथमिकता दी जानी चाहिए। इन मामलों में न्याय सुनिश्चित करना न केवल पीड़ितों के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए आवश्यक है।

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