US Semi Conductor: ट्रंप का नया टैरिफ धमाका! अमेरिकी सरकार ने फैसले ने चिप इंडस्ट्री में मचाया भूचाल, जानें भारत और वैश्विक सेमीकंडक्टर मार्कट में क्या होगा असर
US Semi Conductor: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सेमीकंडक्टर चिप्स पर 100% टैरिफ लगाने का ऐलान किया है। जानें इससे भारत के तेजी से उभरते सेमीकंडक्टर उद्योग पर क्या प्रभाव पड़ेगा।

US Semi Conductor: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा भारत समेत दुनिया भर के सेमीकंडक्टर उत्पादों पर 100 प्रतिशत आयात शुल्क लगाने का ऐलान वैश्विक प्रौद्योगिकी बाजार में भूचाल लाने वाला निर्णय है। ओवल ऑफिस में हुई प्रेस वार्ता में उन्होंने यह स्पष्ट किया कि यह कदम "घरेलू उत्पादन को बढ़ावा देने" के लिए उठाया जा रहा है।
यह फैसला ऐसे समय पर आया है जब भारत को सेमीकंडक्टर निर्माण का नया वैश्विक केंद्र बनने की दिशा में देखा जा रहा है। सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ और ‘डिजिटल इंडिया’ नीतियों के तहत इस क्षेत्र में अरबों डॉलर का निवेश चल रहा है।
सेमीकंडक्टर: आधुनिक भारत की रीढ़
भारत का बढ़ता चिप बाज़ार
2022: $23 अरब डॉलर
2025 (प्रोजेक्शन): $50+ अरब डॉलर
2030 (प्रोजेक्शन): $100-110 अरब डॉलर
भारत सरकार ने सेमीकंडक्टर नीति के तहत $10 बिलियन (लगभग ₹76,000 करोड़) का विशेष प्रोत्साहन पैकेज घोषित किया है, जिसमें Dholera (गुजरात) और येलहंका (कर्नाटक) जैसे हब्स में चिप निर्माण इकाइयां स्थापित की जा रही हैं।
मुख्य निवेशकर्ता कंपनियां:
Vedanta-Foxconn (भारत-ताइवान साझेदारी)
Micron Technology
ISMC (Israel Semiconductor Consortium)
Tata Elxsi and Tata Electronics
अमेरिकी टैरिफ का भारत पर संभावित असर
1. चिप आयात महंगा, सप्लाई चेन संकट
भारत अपनी सेमीकंडक्टर ज़रूरतों का बड़ा हिस्सा ताइवान, दक्षिण कोरिया, जापान और अमेरिका से आयात करता है। ऐसे में अमेरिकी टैरिफ का असर यह होगा कि:
चिप्स की लागत बढ़ेगी
मोबाइल, लैपटॉप, ऑटोमोबाइल और स्मार्ट डिवाइसेज़ महंगे होंगे
इलेक्ट्रॉनिक मैन्युफैक्चरिंग कंपनियों की प्रॉफिट मार्जिन घटेगी
2. मेक इन इंडिया को झटका या प्रोत्साहन?
हालांकि आयात महंगे होंगे, लेकिन यह एक अवसर भी हो सकता है:
देशी निर्माण को बढ़ावा मिलेगा। भारत को अपनी सप्लाई चेन स्वावलंबी बनाने की प्रेरणा मिलेगी। सेमीकंडक्टर प्लांट लगाने की गति तेज हो सकती है।
3. विनिर्माण लागत बढ़ेगी
भारतीय स्टार्टअप्स और एमएसएमई (MSME) जो अभी-अभी टेक्नोलॉजी आधारित प्रोडक्ट्स बनाना शुरू कर रहे हैं, उन्हें इनपुट कॉस्ट में अप्रत्याशित वृद्धि का सामना करना पड़ सकता है।
वैश्विक प्रभाव: सिर्फ भारत नहीं, पूरी दुनिया प्रभावित
टैरिफ से कौन-कौन प्रभावित होंगे?
ताइवान: TSMC (Taiwan Semiconductor Manufacturing Company) – दुनिया की सबसे बड़ी चिप निर्माता
दक्षिण कोरिया: Samsung Electronics
जापान: Renesas, Toshiba
यूरोप: STMicroelectronics
चीन: SMIC
अमेरिका को फायदा?
घरेलू कंपनियां जैसे Intel, AMD, Micron को फायदा, लेकिन हार्डवेयर लागत बढ़ने से Apple, Nvidia, Qualcomm जैसे अमेरिकी ब्रांड्स भी प्रभावित हो सकते हैं
भारत की रणनीति: आगे क्या?
भारत को इस समय तीन मोर्चों पर काम करना होगा:
1. डोमेस्टिक निर्माण को युद्ध स्तर पर बढ़ावा देना
Dholera और अन्य सेमीकंडक्टर हब को तेज़ी से कार्यान्वित करना
राज्यों को इंसेंटिव पैकेज देना
स्थानीय डिज़ाइन कंपनियों को सपोर्ट
2. नई पॉलिसी का मसौदा बनाना
नई टैरिफ संरचना
चिप डिवेलपमेंट के लिए R&D ग्रांट
Design in India जैसे प्रोत्साहन
3. मल्टी-पार्टी ट्रेड डील्स
अमेरिका के अलावा EU, जापान, ताइवान, दक्षिण कोरिया के साथ द्विपक्षीय समझौते
तटस्थ ट्रेड टैरिफ ज़ोन विकसित करना