Bihar year ending 2024: साल 2024 का साल बिहार के लिए आपराधिक घटनाओं और हत्याओं के लिहाज से चिंताजनक रहा। कई वारदातों ने न केवल राज्य बल्कि पूरे देश में सुर्खियां बटोरीं। इनमें पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता की हत्या से लेकर छोटे बच्चों की निर्मम हत्याएं शामिल हैं।
जीतन सहनी हत्याकांड (दरभंगा)
15 जुलाई 2024 को दरभंगा में पूर्व मंत्री मुकेश सहनी के पिता जीतन सहनी की हत्या कर दी गई। इसकी वजह पैसे के लेन-देन और जमीन गिरवी रखने का विवाद। आरोपी काजिम अंसारी ने 1.5 लाख रुपये का कर्ज लिया था और कर्ज चुकाने में असमर्थ था।
हत्या का तरीका
आरोपी और उसके साथियों ने जीतन सहनी पर 23 बार चाकू से वार किए।हत्या के बाद कागजात वाली अलमारी को पानी में फेंक दिया गया। मामले में 5 आरोपी गिरफ्तार, जिनमें काजिम अंसारी, मोहम्मद सितारे, मोहम्मद छोटे, मोहम्मद आजाद, और मोहम्मद मंजूर शामिल हैं। 13 अक्टूबर 2024 को पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। मुख्य आरोपी के नाखून और कपड़ों से खून के निशान पाए गए। हालांकि, अभी मामला कोर्ट में लंबित है।
RPF जवान प्रमोद सिंह हत्याकांड (शराब तस्करों द्वारा हत्या)
20 अगस्त 2024 को बाड़मेर-गुवाहाटी एक्सप्रेस में शराब तस्करों ने आरपीएफ जवान प्रमोद सिंह और उनके साथी को मारपीट के बाद चलती ट्रेन से फेंक दिया। मामले में मोहम्मद जाहिद उर्फ सोनू (एनकाउंटर में मारा गया)। अन्य 7 आरोपी गिरफ्तार है और एक फरार। हालांकि, प्रमोद सिंह की पत्नी सीमा देवी को बिहार सरकार से कोई मदद नहीं मिली। वहीं उत्तर प्रदेश सरकार ने सहायता दी। प्रमोद की 8 वर्षीय बेटी शिवन्या अब तक अपने पिता की वापसी की उम्मीद लगाए बैठी है। पुलिस ने चार्जशीट दाखिल की। मुख्य आरोपी अभी फरार।
हर्ष राज हत्याकांड (वैशाली)
27 मई 2024 को पटना के बीएन कॉलेज में छात्र नेता हर्ष राज की हत्या कर दी गई। ये घटना डांडिया नाइट कार्यक्रम को लेकर 2023 में हुए विवाद का परिणाम था। हालांकि, सभी आरोपियों की बेल लोअर कोर्ट ने खारिज कर दी। वहीं हाईकोर्ट में बेल की अपील की गई है। मामले की सुनवाई जारी।
नर्सरी के छात्र आयुष की हत्या (पटना)
17 मई 2024 को 4 वर्षीय आयुष का शव स्कूल के सेप्टिक टैंक में मिला।स्कूल की प्रिंसिपल वीणा झा और उसके बेटे धनराज झा पर हत्या का आरोप। शिक्षक मनीष पर भी संलिप्तता का शक। पुलिस की कार्रवाई में मां-बेटा जेल में है. वहीं शिक्षक बेल पर रिहा है।मामले में टिनी टॉट एकेडमी स्कूल को सील कर दिया गया
पुलिस और न्याय प्रणाली की भूमिका
पुलिस ने चार्जशीट दाखिल करने और आरोपियों को पकड़ने में तत्परता दिखाई।लेकिन न्याय मिलने में देरी ने पीड़ित परिवारों की पीड़ा को और बढ़ा दिया। कई पीड़ित परिवारों को बिहार सरकार से सहायता नहीं मिली। प्रमोद सिंह जैसे मामलों में उत्तर प्रदेश सरकार ने समर्थन दिया, लेकिन बिहार सरकार का रवैया सवालों के घेरे में रहा।
बिहार की कानून-व्यवस्था:
2024 की घटनाओं ने राज्य की कानून-व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े किए। 2024 में हुई हत्याओं और हिंसक घटनाओं ने न केवल बिहार के लोगों की सुरक्षा पर सवाल खड़े किए, बल्कि सरकार की जवाबदेही पर भी उंगली उठाई। यह आवश्यक है कि पुलिस और प्रशासनिक तंत्र पारदर्शिता और त्वरित कार्रवाई के साथ पीड़ित परिवारों को न्याय दिलाने का काम करें।