Pappu Yadav News: बिहार के पूर्णिया सांसद राजेश रंजन उर्फ पप्पू यादव गुरुवार को गाजीपुर के MP/MLA कोर्ट में 30 साल पुराने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में पेश हुए। अदालत में सुनवाई के दौरान पप्पू यादव और उनके समर्थकों की बड़ी संख्या में उपस्थिति रही। अदालत ने पप्पू यादव को ₹50,000 के मुचलके पर रिहा कर दिया और मामले की अगली सुनवाई के लिए 4 दिसंबर की तारीख तय की।
क्या है मामला?
8 नवंबर 1993 को उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनावों के दौरान, पप्पू यादव और उमेश पासवान का काफिला बक्सर (बिहार) से गाजीपुर (उत्तर प्रदेश) की ओर जा रहा था। उस वक्त मोहम्मदाबाद विधानसभा के शहनिंदा चौकी पर पुलिस ने उनके काफिले को रोका। पुलिस के रोकने पर नोकझोंक और जाम लगाने की स्थिति उत्पन्न हुई। इस पर पुलिस ने चुनाव आचार संहिता का उल्लंघन करने का आरोप लगाया और सरकारी कार्य में बाधा डालना का केस ठोका। पहले इस मामले में सीजेएम कोर्ट, गाजीपुर ने सभी 11 आरोपियों को दोषमुक्त कर दिया था। शासकीय अधिवक्ता ने इस फैसले को चुनौती देते हुए जिला जज के पास अपील दाखिल की। जिला जज ने मामले को ADJ सीनियर डिवीजन MP/MLA कोर्ट में स्थानांतरित कर दिया।
गुरुवार की सुनवाई
गाजीपुर के MP/MLA कोर्ट में 30 साल पुराने आचार संहिता उल्लंघन के मामले में में पप्पू यादव पेश हुए, जहां वो करीब 1 घंटे तक कटघरे में खड़े रहे। उनके वकील ने अदालत में प्रार्थना पत्र दिया, जिसे स्वीकार कर लिया गया। अदालत ने उन्हें ₹50,000 के निजी मुचलके पर रिहा कर दिया।
पप्पू यादव की प्रतिक्रिया
सांसद पप्पू यादव ने मीडिया से बातचीत में कहा कि उन्हें रास्ते में धमकी मिली। धमकी देने वाले ने कहा, "गाजीपुर पहुंच गए हो?" लॉरेंस बिश्नोई गैंग से जुड़े सवाल पर उन्होंने इसे गंभीरता से लिया।