PATNA : राजद के राज्यसभा सांसद और तेजस्वी यादव के करीबी नेता संजय यादव से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मांगी गई. व्हाट्सएप पर भेजे गए धमकी भरे संदेश के बाद संजय यादव ने पटना पुलिस को सूचना दी, जिसके बाद सचिवालय थाना में केस दर्ज हुआ है. सचिवालय थाना की पुलिस ने इस मामले की गंभीरता से जांच शुरू कर दी है. लेकिन सवाल उठता है आखिर संजय यादव से 20 करोड़ रुपये की रंगदारी मागने वाला अंतर्राष्ट्रीय कुख्यात अपराधी जोगिंदर ग्योंग उर्फ़ जोगा डॉन कौन है?
हरियाणा के कैथल जिले के गांव ग्योंग का रहने वाला जोगिंदर ग्योंग पुलिस की मोस्ट वांटेड लिस्ट में दूसरे नंबर पर रहा है. इस अपराधी ने 30 दिसंबर 2017 को करनाल के रहड़ा गांव के रहने वाले जयदेव की पानीपत सेक्टर 13-17 में एक रिटायरमेंट पार्टी के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी थी. तब से ये फरार था.कैथल पुलिस ने जोगिंदर के खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाया था. खबर के मुताबिक 9 तारीख २०२४ को फिलिपींस पुलिस ने उसे गिरफ्तार किया.उसे भारत डिपोर्ट करने की कवायद शुरू की गई थी.
कौन है जोगेंद्र ग्योंग?
जोगेंद्र ग्योंग हरियाणा में आतंक का पर्याय बन चुके गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग का सगा छोटा भाई है. सुरेंद्र को 2017 में करनाल पुलिस ने एनकाउंटर में मार गिराया था. बताया जा रहा है कि सुरेंद्र के एनकाउंटर में मुखबिरी का शक करनाल के रहने वाले जयदेव पर था. जयदेव को पुलिस इंस्पेक्टर पद से रिटायर हुए अपनी पत्नी के मौसा जिले सिंह के रिटायरमेंट पार्टी में उस वक्त क़त्ल कर दिया गया जब परिवार के साथ आया था. रिटायरमेंट स्थल पर करीब 150 मीटर दूर बदमाशों ने जयदेव को 13 गोलियां मार कर मौत के घाट उतार दिया था. इस मामले में पुलिस ने जोगेंद्र, लाभ सिंह और उसके भाई सुशील और अन्य चार लोगों पर मामला दर्ज किया था.जयदेव की हत्या के बाद से ही जोगेंद्र फरार चल रहा था. लंबे समय के बाद पुलिस को सूचना मिली थी कि जोगेंद्र फिलीपींस में रह रहा है. जिसके बाद इंटरपोल की मदद से उसके खिलाफ रेड कॉर्नर नोटिस जारी करवाई गई थी.
कौन था जोगेंद्र का भाई सुरेंद्र ग्योंग?
गैंगस्टर सुरेंद्र ग्योंग कैथल का रहने वाला था. ग्योंग उसके गांव का नाम है. वो क्रिकेटर बनना चाहता था. 19 साल उम्र में सुरेंद्र ने पहला मर्डर किया था. सुरेंद्र पर चार राज्यों में लूट, हत्या, फिरौती जैसे 37 से ज्यादा मामले दर्ज थे. सुरेंद्र ने अकेले ही 50 से ज्यादा लोगों से रंगदारी भी वसूल की थी. सुरेंद्र ने 2005 में अंबाला जेल में रहते हुए सरपंची का चुनाव लड़ा और जीत भी गया था. 1999 में सुरेंद्र ने कैथल के पत्रकार परमानंद गोयल की भी हत्या की थी. सुरेंद्र भेष बदलने में बड़ा माहिर था. वह सड़क पर दिल्ली पुलिस की वर्दी में घूमता था. वो भेष बदलने में इतना माहिर था कि फर्जी पासपोर्ट के जरिए साउथ अफ्रीका निकल गया. जब करनाल पुलिस ने सुरेंदर का एनकाउंटर किया था तो वह सरदार की वेशभूषा में था. चर्चा यह थी की राजनीतिक दबाव के चलते सुरेंद्र ग्योंग का एनकाउंटर किया गया था.
कांग्रेस प्रवक्ता भी थे सुरेंद्र के निशाने पर
सुरेंद्र ने कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला को जान से मारने की धमकी तक दे डाली थी. इस पूरे प्रकरण में कैथल पुलिस ने मामला भी दर्ज किया था. धमकी के बाद से ही रणदीप सुरजेवाला को सुरक्षा दी गई थी. शाम ढलते ही सुरेंद्र के नाम का खौफ इतना था कि सड़कों पर लोग निकलने से डरते थे. सुरेंद्र की एनकाउंटर का बदला लेने के लिए ही उसके भाई जोगेंद्र ने जयदेव की हत्या की थी.
रिपोर्ट - कुलदीप भारद्वाज