Bihar Airport: अहमदाबाद विमान हादसे का बिहार के इस एयरपोर्ट पर पड़ा बुरा असर, डर के मारे धड़ाधड़ टिकट कैंसिल करवा रहे पैसेंजर

Bihar Airport: अहमदाबाद विमान हादसे के बाद दरभंगा एयरपोर्ट से यात्रियों की संख्या में भारी गिरावट दर्ज की गई है। जानिए इस हादसे ने उड़ान सेवाओं और एयरलाइंस की अर्थव्यवस्था को कैसे प्रभावित किया।

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अहमदाबाद विमान हादसे का बुरा असर- फोटो : social media

Bihar Airport: अहमदाबाद में हुए विमान हादसे ने देशभर के हवाई यात्रियों के मन में डर और असुरक्षा का भाव पैदा किया है। हालाँकि हादसे का प्रत्यक्ष असर दरभंगा एयरपोर्ट की भौगोलिक सीमा से दूर है, परंतु इसका अप्रत्यक्ष प्रभाव यहां की उड़ान सेवाओं और यात्री मनोवृत्ति पर साफ देखा जा सकता है। लोगों ने हवाई सफर के बजाय ट्रेन और बस जैसे पारंपरिक विकल्पों को वरीयता देनी शुरू कर दी है।

दरभंगा एयरपोर्ट से रोज़ाना 12 से 14 फ्लाइट्स ऑपरेट होती हैं, लेकिन इस हादसे के बाद बुकिंग में लगभग 10% की गिरावट आई है। टिकट कैंसिलेशन की दर भी बढ़ी है, जिससे एयरलाइंस को राजस्व में हानि का सामना करना पड़ रहा है। यह स्थिति दर्शाती है कि कैसे एक दुर्घटना का असर केवल घटनास्थल तक सीमित नहीं होता, बल्कि यह यात्रियों के ट्रस्ट और यात्रा व्यवहार को भी प्रभावित करता है।

 यात्रियों की संख्या में गिरावट: आंकड़े क्या कहते हैं?

विगत वर्ष जून में स्पाइसजेट और इंडिगो की फ्लाइट्स ने कुल 294 बार उड़ानें भरी थीं, जिससे 43,052 यात्रियों ने यात्रा की थी। लेकिन इस वर्ष जून में (हालांकि आकासा एयरलाइंस जैसी नई कंपनियों के जुड़ने के बावजूद) अब तक केवल 36,894 यात्रियों ने सफर किया है। यह लगभग 15% की गिरावट दर्शाता है, जो कि केवल उड़ानों की संख्या से नहीं, बल्कि यात्रियों की मनोदशा से भी जुड़ी है।

दिल्ली, मुंबई, कोलकाता और हैदराबाद जैसे मेट्रो शहरों से दरभंगा की कनेक्टिविटी तो बनी हुई है, लेकिन सीटें खाली रह रही हैं। यात्रियों की संख्या और मांग में यह अंतर दर्शाता है कि लोगों की प्राथमिकताएं कैसे बदल रही हैं।

एयरलाइंस पर आर्थिक असर और प्रतिक्रिया

एयरलाइंस कंपनियों के लिए यह स्थिति घाटे का सौदा बन गई है। फ्यूल चार्ज, ग्राउंड हैंडलिंग और स्टाफिंग की लागत में कोई कमी नहीं आई है, लेकिन यात्री कम हो गए हैं। एक विमानन कंपनी के प्रतिनिधि के अनुसार, यह मंदी "फिलहाल" बनी रहेगी और बुकिंग ट्रेंड्स में भी इसकी झलक मिल रही है।

जहां आकासा एयरलाइंस अप्रैल से नियमित उड़ानों का संचालन कर रही है, वहीं इंडिगो और स्पाइसजेट की फ्लाइट्स को भी यात्री नहीं मिल रहे। इससे कंपनियों को अपनी रणनीति, किराए और प्रचार नीति पर पुनर्विचार करना पड़ रहा है।

स्थानीय प्रशासन और चैंबर ऑफ कॉमर्स की प्रतिक्रिया

जब इस मामले में दरभंगा एयरपोर्ट डायरेक्टर से पूछा गया तो उन्होंने इस पर किसी विशेष जानकारी से इनकार किया। दूसरी ओर प्रमंडलीय चैंबर ऑफ कॉमर्स के अध्यक्ष पवन सुरेका ने कहा कि यह स्थिति स्थायी नहीं है और आगामी समय में यात्री संख्या में सुधार होने की संभावना है।यह प्रतिक्रिया बताती है कि स्थानीय प्रशासन और व्यापार संगठन इस मंदी को अस्थायी मान रहे हैं। लेकिन आंकड़े दर्शाते हैं कि अगर यात्रियों का विश्वास बहाल नहीं किया गया तो यह ट्रेंड लंबा चल सकता है।