Bihar Land Reform: बिहार में भूमि सुधार प्रक्रिया की समीक्षा तेज, राजस्व मंत्री संजय सरावगी ने दिया अंचल अधिकारियों को सख्त निर्देश
Bihar Land Reform: राजस्व व भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी ने समाहरणालय में समीक्षा बैठक कर ऑनलाइन म्यूटेशन, बसेरा योजना, ई-मापी और लगान भुगतान के लंबित मामलों पर नाराजगी जताई और अंचल अधिकारियों को निर्देश दिए।

Bihar Land Reform: बिहार सरकार की भूमि सुधार प्रक्रिया को डिजिटल और पारदर्शी बनाने के प्रयासों के तहत शुक्रवार को राजस्व व भूमि सुधार मंत्री संजय सरावगी की अध्यक्षता में समाहरणालय सभागार में एक अहम समीक्षा बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में ऑनलाइन म्यूटेशन, ई-मापी, परिमार्जन प्लस, अभियान बसेरा-2, ऑनलाइन लगान भुगतान, सरकारी भूमि म्यूटेशन और आधार सीडिंग जैसे तमाम महत्त्वपूर्ण बिंदुओं पर गहन समीक्षा की गई।
बैठक में सबसे प्रमुख फोकस लंबित म्यूटेशन और लाभुकों को भूमि वितरण में आ रही बाधाओं पर रहा। मंत्री ने स्पष्ट किया कि जनता को डिजिटल भूमि सेवाओं का लाभ समय पर मिलना चाहिए, वरना प्रशासनिक कार्रवाई तय है।
किन अंचलों में सबसे ज़्यादा लंबित हैं मामले?
समीक्षा में यह सामने आया कि बहादुरपुर, सदर, हनुमाननगर, कुशेश्वरस्थान पूर्वी और सिंहवाड़ा अंचल में सबसे ज्यादा म्यूटेशन और बसेरा योजना से जुड़े आवेदन 20 दिनों या उससे अधिक समय से लंबित हैं। मंत्री संजय सरावगी ने इस पर गंभीर नाराजगी जताई और संबंधित अधिकारियों से 7 दिनों के अंदर स्पष्टीकरण और प्रतिवेदन देने को कहा।साथ ही यह भी निर्देश दिया गया कि नॉट फीड आवेदन (जिन्हें बिना कारण के अस्वीकार किया गया है) की जांच जिला स्तरीय टीम द्वारा की जाएगी ताकि योग्य लाभुकों को भूमि उपलब्ध कराई जा सके।
मंत्री संजय सरावगी के विशेष निर्देश
समीक्षा के दौरान मंत्री ने कई निर्देश अधिकारियों को दिए, जो जमीन संबंधित कामों की गति और पारदर्शिता को सुधारने के लिए बेहद अहम माने जा रहे हैं। तीन से चार दिनों में लंबित आवेदनों का निराकरण किया जाए।एक ही बार में सभी त्रुटियों को आवेदक को दिखाएं, ताकि दोबारा त्रुटि सुधार के लिए परेशान न होना पड़े।अंचलाधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे सेम डेट में आदेश और सुनवाई न करें, जिससे पारदर्शिता बनी रहे।हर 10 दिनों में डीसीएलआर (DCLR) द्वारा अंचलाधिकारी के साथ समीक्षा बैठक होनी चाहिए।जमाबंदी पंजी को शीघ्र स्कैन कर ऑनलाइन किया जाए।
ई-मापी, ऑनलाइन लगान भुगतान और पोर्टल सुविधा
मंत्री ने ई-मापी के ऑनलाइन प्रतिवेदन पर जोर देते हुए कहा कि अब किसी को सरकारी दफ्तर में बार-बार चक्कर लगाने की जरूरत नहीं है। पोर्टल के माध्यम से कोई भी व्यक्ति कहीं से भी भूखंड की मापी रिपोर्ट निकाल सकता है,ऑनलाइन लगान भुगतान कर सकता है और अपने आवेदन की स्थिति भी देख सकता है।यह व्यवस्था सरकार की डिजिटल बिहार मुहिम को मजबूती देने वाला कदम है।
फर्जीवाड़े पर सख्ती और जांच
बैठक में यह मुद्दा भी सामने आया कि कई बार एक ही मोबाइल नंबर से बार-बार आवेदन किए जा रहे हैं, जिससे सिस्टम पर अनावश्यक दबाव पड़ता है। मंत्री ने इसपर जांच और कार्रवाई के निर्देश दिए। साथ ही जिन मामलों में फर्जी आधार कार्ड या कागज़ात लगाकर लाभ लेने की कोशिश की जा रही है, उनकी विधिवत जांच कर कानूनी कार्रवाई का आदेश दिया गया है।
डेटा संधारण और मुख्यालय की प्राथमिकता
राजस्व सचिव जय सिंह ने सभी अंचलाधिकारियों को निर्देशित किया कि 31 मई 2025 तक सभी लंबित डेटा कार्य पूर्ण करें। साथ ही मुख्यालय से प्राप्त परिवाद पत्रों का जवाब 7 दिनों में भेजना अनिवार्य होगा।मंत्री ने स्पष्ट कहा कि 10% से अधिक आवेदन रिजेक्ट नहीं होने चाहिए, अन्यथा संबंधित अधिकारी के खिलाफ कड़ी कार्रवाई होगी।”