DMCH Student Murder Case: इश्क का कत्ल, बाप ने दमाद को सीने में उतारी गोली, बेवा दुल्हन ने मांगी फांसी की सजा

बीएससी नर्सिंग के दूसरे साल के छात्र राहुल कुमार को उसी के ससुर, प्रेम शंकर झा ने सबके सामने गोली मारकर मौत के हवाले कर दिया। इल्ज़ाम के मुताबिक़, गुनाह बस इतना था कि राहुल ने उनकी बेटी तन्नु प्रिया से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था।

DMCH Student Murder Case: इश्क का कत्ल,  बाप ने दमाद को सीने
इश्क का कत्ल- फोटो : reporter

DMCH Student Murder Case: दरभंगा का डीएमसीएच, जहां मरीजों की सांसें बचाने का दावा किया जाता है, 9 अगस्त की दोपहर एक खौफ़नाक वारदात का गवाह बन गया। बीएससी नर्सिंग के दूसरे साल के छात्र राहुल कुमार को उसी के ससुर, प्रेम शंकर झा ने सबके सामने गोली मारकर मौत के हवाले कर दिया। इल्ज़ाम के मुताबिक़, गुनाह बस इतना था कि राहुल ने उनकी बेटी तन्नु प्रिया से अंतरजातीय प्रेम विवाह किया था।

सहरसा के बनगांव का रहने वाला राहुल, तन्नु (पूर्व नाम अनुप्रिया) के साथ कई साल से मोहब्बत के रिश्ते में था। जब लड़की ने अपने पिता से शादी की इजाज़त मांगी, तो सख़्त इंकार मिला। इश्क़ के इस बग़ावत भरे सफ़र में, दोनों ने चार महीने पहले कोर्ट मैरिज कर ली। यही कदम तन्नु के परिवार के लिए बग़ावत और “इज़्ज़त का सवाल” बन गया।

वारदात के दिन, अस्पताल में अचानक पहुंचे प्रेम शंकर झा। आंखों में ग़ुस्सा और हाथ में मौत उन्होंने बिना किसी बहस के सीधा राहुल के सीने पर गोली चला दी। खून से लथपथ राहुल वहीं ढेर हो गया। तन्नु प्रिया के मुताबिक़, इस पूरी साज़िश में उसके पिता के साथ उसकी मां, भाई और बहन भी शामिल थे। घटना के बाद उसने घरवालों को फ़ोन लगाया, लेकिन किसी ने कॉल रिसीव तक नहीं किया।

सोमवार को तन्नु प्रिया ने दरभंगा पुलिस के सामने अपना बयान दर्ज कराया। एसएसपी जगुनाथ रेड्डी जलारेड्डी को पूरी कहानी सुनाई और कहा—"जिसने मेरे शौहर की जान ली, उसे फांसी की सज़ा मिलनी चाहिए।" तन्नु की आवाज़ कांप रही थी, आंखों में आंसू थे, मगर इरादा साफ़ इंसाफ़ चाहिए, चाहे कीमत कुछ भी हो।

पुलिस का कहना है कि बयान दर्ज कर लिया गया है और जांच तेज़ की जा रही है। एसडीपीओ को निर्देश दिए गए हैं। तन्नु का दावा है कि उसने पहले ही कोर्ट में याचिका दायर कर दी थी, क्योंकि उसे अपने ही घरवालों से जान का खतरा था। लेकिन उसके चेतावनी भरे अल्फ़ाज़ काग़ज़ों में ही दबकर रह गए और नतीजा—प्यार का ये किस्सा खून में नहा गया।

दरभंगा की इस वारदात ने एक बार फिर सवाल खड़ा किया है क्या हमारे समाज में आज भी मोहब्बत का अंजाम सिर्फ़ लाश और मातम है? और क्या इज़्ज़त के नाम पर बग़ावत करने वालों का हश्र हमेशा यही होगा?