Darbhanga Job Scam Case: दरभंगा में जिंदा बाप को मारा बताकर अनुकंपा पर नौकरी लेने की बेटे ने किया प्रयास, फर्जीवाड़े का पर्दाफाश, DM ने दिया कार्रवाई का आदेश

Darbhanga Job Scam Case: दरभंगा में जीवित कर्मचारी को मृत बताकर फर्जी मृत्यु प्रमाण पत्र के ज़रिए अनुकंपा पर नौकरी पाने की कोशिश का खुलासा हुआ।

Darbhanga Job Scam Case
नौकरी के लिए फर्जीवाड़ा- फोटो : social media

Darbhanga Job Scam Case: दरभंगा पथ प्रमंडल में मंगलवार को ज़िला अनुकंपा समिति की बैठक के दौरान एक चौंकाने वाला मामला सामने आया, जिसमें एक जीवित कर्मचारी को मृत बताकर उनके बेटे को अनुकंपा के आधार पर नौकरी देने की सिफारिश की गई थी। डीएम कौशल कुमार की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में 30 मई को की गई नियुक्ति अनुशंसा को तत्काल प्रभाव से रद्द कर दिया गया।

इस मामले में सबसे गंभीर आरोप यह है कि विष्णु देव यादव, जो पथ प्रमंडल दरभंगा के चतुर्थ वर्गीय कर्मी हैं, को मृत दिखाकर उनके पुत्र विकास कुमार यादव ने अनुकंपा पर नौकरी पाने का प्रयास किया। जब खुद विष्णु देव यादव जिला कार्यालय में जीवित अवस्था में उपस्थित हुए और आवेदन दिया कि उनके नाम पर मृत्यु प्रमाण पत्र बनाकर फर्जी तरीके से नौकरी के लिए आवेदन दिया गया है, तब मामले की सच्चाई सामने आई।

कौन-कौन दोषी? पदाधिकारियों से लेकर परिजनों तक की मिलीभगत उजागर

1. विकास कुमार यादव और परिवार की भूमिका

विकास कुमार यादव, उनकी माँ शांति देवी और अन्य पर यह आरोप है कि उन्होंने जानबूझकर गलत जानकारी और फर्जी दस्तावेज के माध्यम से नौकरी के लिए आवेदन दिया। इस पूरे कृत्य के पीछे सुनियोजित योजना की आशंका जताई जा रही है।

2. रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु), कलुआही, मधुबनी की लापरवाही

सबसे गंभीर चूक यह पाई गई कि विष्णु देव यादव के जीवित रहते ही उनके नाम से मृत्यु प्रमाण पत्र जारी कर दिया गया, और पुनः सत्यापन के बाद भी उसे "सही" बताया गया। इससे स्पष्ट होता है कि रजिस्ट्रार स्तर पर भी या तो लापरवाही थी या मिलीभगत।

3. कार्यपालक अभियंता की जल्दबाज़ी

इस मामले में कार्यपालक अभियंता द्वारा बिना किसी तथ्यात्मक जांच के फर्जी आवेदन को आगे बढ़ा देना गंभीर प्रशासनिक चूक मानी गई है। डीएम ने इस पर भी नियमानुसार कार्रवाई के निर्देश दिए हैं।

प्रशासन की कार्रवाई: सख्त निर्णय और FIR के आदेश

इस पूरे प्रकरण को गंभीर मानते हुए डीएम कौशल कुमार ने नियुक्ति की अनुशंसा तत्काल प्रभाव से रद्द कर दी।संबंधित विभाग को दोषी कार्यपालक अभियंता पर कार्रवाई हेतु सूचित किया।कलुआही के रजिस्ट्रार (जन्म-मृत्यु) के विरुद्ध कार्रवाई के लिए मधुबनी डीएम को जानकारी भेजी।विकास कुमार यादव, उनकी मां शांति देवी व अन्य पर फर्जी प्रमाण पत्र देने की कोशिश के लिए प्राथमिकी दर्ज करने का आदेश दिया।यह निर्णय न केवल सरकारी पदों की पवित्रता की रक्षा करता है, बल्कि आने वाले समय में इस प्रकार के फर्जीवाड़े को हतोत्साहित भी करेगा।