Bihar Politics: गोपाल मंडल ने छोड़ा जदयू , चुनाव की घोषणा होते हीं नीतीश कुमार को बड़ा झटका, बताई ये वजह
Bihar Politics: बिहार की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब गोपाल मंडल ने जदयू की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। ...

Bihar Politics: बिहार की सियासत में उस वक्त हलचल मच गई जब जदयू के गोपाल मंडल ने पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे दिया। उन्होंने अपने त्यागपत्र में पार्टी नेतृत्व पर अतिपिछड़ा वर्ग की उपेक्षा का गंभीर आरोप लगाया है।
दरभंगा के पूर्व जिलाध्यक्ष मंडल ने प्रदेश अध्यक्ष को भेजे अपने पत्र में लिखा कि जदयू ने पिछले 20 वर्षों के शासनकाल में अतिपिछड़ा वर्ग से भरपूर समर्थन और वोट तो लिया, लेकिन हर स्तर पर उनकी हक़मारी को नजरअंदाज किया गया। उन्होंने कहा कि पार्टी ने जानबूझकर उन तबकों को दरकिनार किया, जिन्होंने उसकी राजनीतिक जमीन को मजबूत किया था।
गोपाल मंडल ने खास तौर पर कहा कि धानुक जाति के लोग, जो अतिपिछड़ा वर्ग का अहम हिस्सा हैं, अपने को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। उन्होंने आरोप लगाया कि जिस समाजवादी विचारधारा को जननायक कर्पूरी ठाकुर ने जन्म दिया था और जिसे लालू प्रसाद यादव ने आगे बढ़ाया, उस जीवंत धारा को जदयू ने बीते दो दशकों में “सामंती प्रभाव” के अधीन होकर समाप्त कर दिया।
पूर्व जिलाध्यक्ष ने कहा कि जदयू की नीतियों के कारण अतिपिछड़ा वर्ग के लोगों में नीचे से ऊपर तक नेतृत्व उभरने की सारी संभावनाएं खत्म कर दी गईं। पार्टी की नीति और कार्यशैली के कारण आज यह वर्ग आहत और आक्रोशित है।
गोपाल मंडल ने कहा कि वे जन दबाव और समाज के हितों को देखते हुए यह निर्णय लेने को विवश हुए हैं। उन्होंने साफ कहा “अब जदयू में रहना मुनासिब नहीं है।”
उनके इस्तीफे को स्थानीय सियासत में जदयू के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा है। दरभंगा समेत मिथिलांचल के कई जिलों में गोपाल मंडल की एक मजबूत सामाजिक पकड़ मानी जाती है। राजनीतिक हलकों में चर्चा है कि उनका यह कदम आगामी विधानसभा चुनावों से ठीक पहले अतिपिछड़ा वर्ग की नाराज़गी को और बढ़ा सकता है, जिससे एनडीए गठबंधन की स्थिति पर भी असर पड़ सकता है।