गौरा बौराम सीट पर महागठबंधन में बढ़ी उलझन, पहले चरण के वोटिंग के 48 घंटे पहले मुकेश सहनी के भाई ने चुनाव लड़ने से किया इनकार, इस कारण से लिया फैसला

बिहार चुनाव में पहले चरण की वोटिंग से पहले महागठबंधन में बड़ा ड्रामा देखने को मिला है। वीआईपी प्रमुख मुकेश सहनी ने अपने भाई को चुनाव से पहले ही बैठा दिया है। अब महागठबंधन ने राजद से निकाले जा चुके कैंडिडेट को समर्थन दिया है।

गौरा बौराम सीट पर महागठबंधन में बढ़ी उलझन, पहले चरण के वोटिं

Darbhanga  - बिहार विधानसभा चुनाव के पहले चरण की वोटिंग के चुनाव प्रचार थम गई है। वहीं वोटिंग से पहले मुकेश सहनी की वीआईपी ने गौरा बौराम विधानसभा सीट अपने प्रत्याशी संतोष सहनी को चुनाव से अलग कर दिया है। मुकेश सहनी ने खुद इसकी घोषणा की है। इस दौरान उनके भाई संतोष सहनी भी मौजूद रहे।

इस कारण से लिया फैसला

गौरा बौराम विधानसभा सीट पर महागठबंधन में कंफ्यूजन की स्थिति थी। एक तरफ महागठबंधन ने वीआईपी के संतोष सहनी को अपना अधिकृत कैंडिडेट घोषित किया था। लेकिन उससे पहले राजद के राजद के कद्दावर नेता अफजल अली को लालू यादव ने सिंबल दे दिया था। संतोष सहनी के नाम की घोषणा से पहले अफजली अली ने राजद के सीट पर अपना नामांकन कर दिया। तेजस्वी के कहने के बाद भी उन्होंने अपना नाम वापस नहीं लिया। 

यहां तक कि मुकेश सहनी ने उन्हें एमएलसी का ऑफर भी दिया, लेकिन अफजल अली इसके लिए तैयार नहीं हुए। वहीं एक दिन पहले ही अफजल अली को राजद ने छह साल के लिए बाहर कर दिया। 

ऐसे में अफजल अली के चुनाव में बने रहने से कहीं न कहीं महागठबंधन को यह एहसास हो गया था कि चुनाव में उन्हें नुकसान हो सकता है, जिसके बाद मुकेश सहनी ने ही अपने भाई को अपने कदम पीछे करने के लिए कहा।

आज मुकेश सहनी ने हमलोगों ने बहुत कोशिश की, लेकिन वह नहीं समझे। दोनों मेरे छोटे भाई हैं। एक भाई को त्याग करना था। संतोष सहनी ने त्याग करने का फैसला लिया। हम नहीं चाहते कि एक सीट का नुकसान हो। 

मुकेश सहनी ने माना कि पहले चरण की वोटिंग में कुछ घंटे का समय बाकी है। इसलिए इस फैसले के कारण कुछ सौ वोटों का नुकसान हो सकता है। लेकिन सोशल मीडिया के कारण हमलोगों का फैसला जनता के बीच समय रहते पहुंच जाएगा। 





Report - Sonu sahni