Bihar Politics: राहुल गांधी का दरभंगा में बगावती तेवर! प्रशासन की रोक के बावजूद अंबेडकर छात्रावास में संबोधन, 'शिक्षा न्याय संवाद' के लिए पुलिस से भिड़े!
Bihar Politics: बिहार के दरभंगा में गुरुवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दौरे ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया।

Bihar Politics: बिहार के दरभंगा में गुरुवार को कांग्रेस नेता और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी के दौरे ने सियासी तूफान खड़ा कर दिया। 'शिक्षा न्याय संवाद' कार्यक्रम के लिए दरभंगा पहुंचे राहुल गांधी और जिला प्रशासन के बीच अंबेडकर छात्रावास में आयोजन को लेकर तनातनी इतनी बढ़ गई कि मामला सड़कों पर आ गया। प्रशासन ने कार्यक्रम के लिए टाउन हॉल की अनुमति दी थी, लेकिन राहुल गांधी और उनके समर्थक अंबेडकर छात्रावास में ही कार्यक्रम करने पर अड़े रहे। आखिरकार, पुलिस की रोक और धारा 163 के बावजूद राहुल गांधी पैदल चलकर अंबेडकर छात्रावास पहुंच गए, जहां उन्होंने छात्रों को संबोधित किया। इस सनसनीखेज घटनाक्रम ने बिहार की सियासत को गरमा दिया और सोशल मीडिया पर भी हंगामा मचा हुआ है।
क्या हुआ दरभंगा में?
राहुल गांधी सुबह दरभंगा एयरपोर्ट पर उतरे और अपने काफिले के साथ मोगलपुरा स्थित डॉ. अंबेडकर कल्याण छात्रावास की ओर बढ़े, जहां 'शिक्षा न्याय संवाद' कार्यक्रम प्रस्तावित था। लेकिन कर्पूरी चौक के पास विश्वविद्यालय थाना क्षेत्र में पुलिस ने उनके काफिले को रोक लिया। प्रशासन ने बताया कि अंबेडकर छात्रावास के आसपास भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता (BNSS) की धारा 163 (पूर्व में CRPC की धारा 144) लागू है, जिसके तहत वहां कोई सभा या कार्यक्रम नहीं हो सकता। प्रशासन ने राहुल को टाउन हॉल में कार्यक्रम करने की अनुमति दी थी, लेकिन कांग्रेस नेता और उनके समर्थक अंबेडकर छात्रावास में ही आयोजन की जिद पर अड़े रहे।
राहुल गांधी का बगावती कदम: पैदल चले, पुलिस के पसीने छूटे
काफिला रोके जाने के बाद राहुल गांधी ने गाड़ी से उतरकर पैदल ही अंबेडकर छात्रावास की ओर बढ़ने का फैसला किया। उनके साथ सैकड़ों कांग्रेस कार्यकर्ता और समर्थक भी सड़क पर उतर आए। इस दौरान पुलिस और प्रशासन के सामने व्यवस्था बनाए रखने की बड़ी चुनौती थी। राहुल गांधी राज परिसर के चौरंगी इलाके से होते हुए पैदल ही छात्रावास की ओर बढ़े। रास्ते में उनके समर्थकों ने जेडी(यू)-बीजेपी सरकार के खिलाफ नारेबाजी की। पुलिस ने कई बार उन्हें रोकने की कोशिश की, लेकिन राहुल गांधी नहीं रुके और आखिरकार अंबेडकर छात्रावास पहुंच गए।
अंबेडकर छात्रावास में क्या हुआ?
अंबेडकर छात्रावास के पास पहले से ही सैकड़ों छात्र और कांग्रेस कार्यकर्ता मौजूद थे। वहां एक मंच भी तैयार किया गया था। राहुल गांधी ने वहां पहुंचकर छात्रों को संबोधित किया। उन्होंने अपनी स्पीच में शिक्षा, सामाजिक न्याय, और दलित-पिछड़े वर्गों के मुद्दों पर जोर दिया। राहुल ने बिहार की "डबल इंजन सरकार" पर निशाना साधते हुए कहा कि वह दलित और पिछड़े छात्रों की आवाज को दबाने की कोशिश कर रही है। संबोधन के बाद राहुल गांधी वहां से रवाना हो गए और पटना के लिए प्रस्थान किया, जहां वे सामाजिक सुधारकों ज्योतिबा फुले और सावित्रीबाई फुले पर बनी फिल्म 'फुले' देखने वाले हैं।
प्रशासन का रुख और कांग्रेस का गुस्सा
दरभंगा जिला प्रशासन ने बुधवार देर रात साफ कर दिया था कि राहुल गांधी को अंबेडकर छात्रावास में कार्यक्रम की अनुमति नहीं दी जाएगी। जिला जनसंपर्क कार्यालय के बयान में कहा गया कि सुरक्षा और प्रशासनिक कारणों से टाउन हॉल में आयोजन की मंजूरी दी गई है। लेकिन कांग्रेस ने इसे जेडी(यू)-बीजेपी गठबंधन की साजिश करार दिया। कांग्रेस के राष्ट्रीय मीडिया संयोजक अभय दूबे ने पटना में प्रेस कॉन्फ्रेंस कर आरोप लगाया कि जिला कल्याण अधिकारी ने बिना कोई ठोस कारण बताए अनुमति रद्द की, जो "दलित छात्रों की आवाज दबाने" की कोशिश है। दूबे ने इसे लोकतंत्र पर हमला बताया और प्रशासन से फैसले पर पुनर्विचार की अपील की।
रिपोर्ट- वरुण ठाकुर