Darbhanga news: दरभंगा में साइबर ठगी का सनसनीखेज खुलासा, ऐसे उड़ा लिया 1.16 करोड़ रुपए, मास्टरमाइंड गिरफ्तार
Darbhanga news: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर लोगों को मोटा मुनाफा देने का लालच देकर 1 करोड़ 16 लाख रुपये की ठगी करने वाले साइबर अपराधी नितेश कुमार झा को दरभंगा साइबर थाना पुलिस ने पटना के कंकड़बाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया है।

Darbhanga news: क्रिप्टोकरेंसी के नाम पर लोगों को मोटा मुनाफा देने का लालच देकर 1 करोड़ 16 लाख रुपये की ठगी करने वाले साइबर अपराधी नितेश कुमार झा को दरभंगा साइबर थाना पुलिस ने पटना के कंकड़बाग इलाके से गिरफ्तार कर लिया है। मधुबनी जिले के बिस्फी थाना क्षेत्र के चहूंटा गांव निवासी नितेश पिछले दो वर्षों से फरार चल रहा था। इस ठगी के मामले में उसका साथी अजय कुमार राय पहले ही गिरफ्तार हो चुका है। फर्जी कंपनी 'वेलफेयर' (WEFALC) के जरिए दोनों ने सैकड़ों लोगों को अपने जाल में फंसाया और करोड़ों रुपये की ठगी को अंजाम दिया।
फर्जी कंपनी और लालच का जाल
पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि नितेश कुमार झा और अजय कुमार राय ने 'वेलफेयर' (WEFALC) नाम की एक फर्जी कंपनी बनाई थी। इस कंपनी के जरिए दोनों accused क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के नाम पर लोगों को 24 घंटे में दोगुना और सात महीने में चार गुना मुनाफे का झांसा देते थे। दरभंगा, मधुबनी, समस्तीपुर, मुजफ्फरपुर, और पटना सहित कई जिलों के लोग इस लालच में फंस गए। आरोपियों ने पीड़ितों से नकद और बैंक ट्रांसफर के जरिए करीब 1 करोड़ 16 लाख रुपये वसूले। कुछ समय तक बहानेबाजी करने के बाद दोनों ने कंपनी बंद कर दी और फरार हो गए।
मामले की शुरुआत और प्राथमिकी
इस साइबर ठगी का खुलासा तब हुआ, जब दरभंगा के विवेकानंद झा महाराज ने 9 दिसंबर 2023 को साइबर थाना में शिकायत दर्ज कराई। उनके लिखित आवेदन के आधार पर कांड संख्या 98/23 दर्ज किया गया। प्राथमिकी में नितेश कुमार झा और अजय कुमार राय को आरोपी बनाया गया। दोनों के खिलाफ भारतीय दंड संहिता (IPC) की धारा 420 (धोखाधड़ी), 379 (चोरी), 467 (जालसाजी), 471 (जाली दस्तावेज), 504 (अपमान), 34 (साझा इरादा), और सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम (IT Act) की धारा 66D के तहत मामला दर्ज किया गया।पीड़ित विवेकानंद झा ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए लालच देकर 1 करोड़ 16 लाख रुपये ठग लिए। इस राशि में दरभंगा, मधुबनी, और अन्य जिलों के कई अन्य पीड़ितों के पैसे भी शामिल थे।
पुलिस की कार्रवाई और पहली गिरफ्तारी
प्राथमिकी दर्ज होने के बाद दरभंगा साइबर थाना पुलिस ने त्वरित कार्रवाई शुरू की। 24 अप्रैल 2024 को पुलिस ने बेगूसराय जिले के चकिया थाना क्षेत्र के अमरपुर गांव निवासी अजय कुमार राय को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। हालांकि, दूसरा आरोपी नितेश कुमार झा फरार था और लगातार अपनी लोकेशन बदल रहा था। पुलिस ने तकनीकी और मैन्युअल इनपुट के आधार पर उसकी तलाश जारी रखी।
मास्टरमाइंड की गिरफ्तारी
साइबर डीएसपी सह थानाध्यक्ष राहुल कुमार के नेतृत्व में अनुसंधानक नवीन कुमार और सिपाही रजनीश कुमार की टीम ने नितेश कुमार झा की लोकेशन का पता लगाया। 1 मई 2025 को पटना के कंकड़बाग इलाके से उसे धर दबोचा गया। डीएसपी राहुल कुमार ने बताया कि नितेश लंबे समय से फरार था, और उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस लगातार छापेमारी कर रही थी। गिरफ्तारी के बाद नितेश से पूछताछ शुरू की गई है, ताकि ठगी के नेटवर्क और अन्य संभावित आरोपियों का पता लगाया जा सके।
ठगी का तरीका और पीड़ितों की संख्या
पुलिस के अनुसार, नितेश और अजय ने फर्जी कंपनी WEFALC के जरिए एक सुनियोजित तरीके से ठगी को अंजाम दिया। वे लोगों को पहले भरोसे में लेते थे और फिर क्रिप्टोकरेंसी में निवेश के लिए प्रेरित करते थे। कई पीड़ितों ने बताया कि आरोपियों ने उन्हें फर्जी वेबसाइट और दस्तावेज दिखाकर भरोसा दिलाया। ठगी के शिकार लोगों में दरभंगा के कमतल निवासी पप्पू बैठा (5 लाख), बहादुरपुर के तारालाही निवासी मिथिलेश कुमार (1.5 लाख), ओझौल निवासी अशोक साह (35 लाख), मनीगाछी निवासी संतोष कुमार महासेठ (8 लाख), और मधुबनी के जयनगर निवासी अरविंद कुमार (6 लाख), शंकर राय (24 लाख), और पंकज साह (23 लाख) शामिल हैं। कुल मिलाकर 50-60 लोगों से 1 करोड़ 16 लाख रुपये की ठगी की गई।
पुलिस की चेतावनी और आगे की कार्रवाई
साइबर डीएसपी राहुल कुमार ने कहा, "यह एक संगठित साइबर अपराध था, जिसमें आरोपियों ने फर्जी कंपनी बनाकर लोगों को ठगा। नितेश की गिरफ्तारी के बाद पूछताछ जारी है, और हम अन्य संभावित पीड़ितों और सह-अपराधियों का पता लगाने की कोशिश कर रहे हैं।" उन्होंने लोगों से अपील की कि वे क्रिप्टोकरेंसी या अन्य निवेश योजनाओं में पैसा लगाने से पहले उनकी विश्वसनीयता की जांच करें।
पुलिस अब नितेश से पूछताछ के आधार पर ठगी के पैसे के उपयोग और अन्य संभावित ठिकानों की जांच कर रही है। साथ ही, यह भी पता लगाया जा रहा है कि क्या इस गिरोह में अन्य लोग भी शामिल थे।
रिपोर्ट-वरुण ठाकुर