Bihar News : ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय ने दरभंगा राज परिवार को नहीं दिया किराया, कोर्ट ने जमीन खाली करने का दिया आदेश, छात्रों ने जमकर किया हंगामा
Bihar News : दरभंगा कोर्ट ने 36 साल बाद फैसला सुनाया है. जिसमें कोर्ट ने ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय को दरभंगा राज परिवार का जमीन खाली करने का आदेश दिया है......पढ़िए आगे
DARBHANGA : दरभंगा कोर्ट के आदेश के बाददरभंगा महाराज के द्वारा दी गई मिथिला विश्वविद्यालय संगीत विभाग को प्रशासन खाली कराने पहुंची थी। लेकिन जैसे ही इस बात कि जानकारी संगीत विभाग के डीन एंव विश्वविद्यालय के पदाधिकारी को लगी वो लोग पहुँच कर हंगामा करने लगे। काफी मशक्कत के बाद दोनों पक्षों को समझाया गया। विश्वविद्यालय ने परीक्षा का हवाला देते हुये 26 दिसंबर तक का समय लिया है।
मिली जानकारी के अनुसार 1987 में ललित नारायण मिथिला विश्वविद्यालय दरभंगा ने संगीत विभाग संचालन के लिए दरभंगा महाराज के वंशज से सात कठ्ठा जमीन किराये पर लिया था। दो साल तक किराया दिया भी गया। लेकिन फिर किराया बंद कर दिया गया। तो एके मिश्रा जो इस के पावर ऑफ एटॉर्नी है। उन्होंने दरभंगा व्यवहार न्यायलय में अपील दायर की। जिसकी केस संख्या 19/89 है।
न्यायालय ने 36 साल के बाद फैसला सुनाते हुये जमीन खाली करने का आदेश जारी किया है। जिसमें कोर्ट के नाजीर सदर एसडीओं विकास कुमार, सदर सीओं रणधीर कुमार सहित भारी संख्या में पुलिस बल मौके पर मौजूद रही। लेकिन छात्रों के भारी विरोध को देखते हुये प्रशासन ने 26 दिसंबर तक की मौहलत दी है।
वहीं ट्रस्ट के मैनेजर पवन कुमार ने बताया की 36 साल से हमलोग केस लड़ रहें है। चार बार डिग्री हुआ है। जब कोर्ट के आदेश पर खाली कराने आते है तो ये लोग छात्र को आगे कर देते हैं। कोर्ट ने विश्वविद्यालय को दस दिन पहले भी जमीन खाली कराने का नोटिस दिया था। वहीं सदर एसडीओ विकास कुमार ने बताया कि कोर्ट का आदेश आया है खाली कराकर देने का। लेकिन विश्वविद्यालय के लोगों के द्वारा परीक्षा होने की बात बताई गई है तो 26 दिसंबर तक का मोहलत दिया गया है। दरअसल 1987 कामेश्वर सिंह धार्मिक ट्रस्ट और मिथिला विश्वविद्यालय के बीच रैंट समझौता हुआ था, जिसके तहत नाटक भवन परिसर की जमीन को दी गई थी। इस पर राज की ओर से दरभंगा व्यवहार न्यायलय में मुकदमा दायर किया गया, जिसके बाद 36 साल बाद कोर्ट ने जमीन खाली कराने का आदेश दिया।
दरभंगा से वरुण ठाकुर की रिपोर्ट