Bihar Vidhansabha Election : ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने उम्मीद जताई कि उनकी पार्टी इस साल के अंत में प्रस्तावित बिहार विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करेगी. हैदराबाद के सांसद ओवैसी वक्फ (संशोधन) विधेयक पर संयुक्त संसदीय समिति की बैठक में भाग लेने के लिए पटना आये थे.
ओवैसी ने कहा, मुझे उम्मीद है कि मेरी पार्टी (विधानसभा चुनावों में) अच्छा प्रदर्शन करेगी और उम्मीदवार जीतेंगे और विधायक बनेंगे. एआईएमआईएम के अन्य दलों के साथ गठबंधन करने की संभावना के बारे में पूछे जाने पर उन्होंने कहा, बस इंतजार करें और देखिए क्या होता है.
2020 में ओवैसी का दिखा था जलवा
पिछले विधानसभा चुनाव में बिहार में असदुद्दीन ओवैसी की पार्टी ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन मुस्लिम विधायकों के जीतने में आंकड़े में दूसरे नंबर पर था. AIMIM को बिहार की पांच सीटों पर जीत मिली, जिनमें अमौर, कोचाधाम, जोकीहाट, बायसी और बहादुरगंज सीट रही. ये सीटें सीमांचल के इलाके की थी. पिछले चुनाव में AIMIM ने 20 में से 16 टिकट मुसलमानों को दिया था जिसमें 5 पर जीत मिली थी. हालाँकि बाद में उनके 4 विधायकों ने पाला बदल लिया था.
बिहार में मुसलमान जनसंख्या
साल 2011 की जनगणना के मुताबिक, बिहार में मुस्लिमों की संख्या 17,557,809 थी. वहीं जाति गणना रिपोर्ट 2023 के अनुसार बिहार में सबसे ज्यादा 81.99 फीसदी यानी 107192958 हिंदू हैं, जबकि मुसलमानों की संख्या 17.70 फीसदी यानी 2,31,49,925 है. ऐसे में बिहार में कई विधानसभा की सीटों पर भी मुस्लिम वोटरों की प्रभावशाली उपस्थिति है. हार में मुस्लिमों की सबसे ज़्यादा संख्या किशनगंज, अररिया, और पूर्णिया ज़िलों में है. किशनगंज, बिहार का एकमात्र ज़िला है जहां मुस्लिम बहुसंख्यक हैं. इतना ही नहीं बिहार में प्राचीन शहर सासाराम और शेर शाह सूरी की कब्र जैसे ऐतिहासिक स्थल भी हैं.
47 सीटों पर मुस्लिम अहम
बिहार की 243 विधानसभा सीटों में से 47 सीटें ऐसी हैं जहां मुस्लिम मतदाताओं की भूमिका अहम हो जाती हैं. इन इलाकों में मुस्लिम आबादी 20 से 40 प्रतिशत या इससे भी अधिक है. बिहार की 11 सीटें हैं, जहां 40 फीसदी से ज्यादा मुस्लिम मतदाता हैं और 7 सीटों पर 30 फीसदी से ज्यादा हैं. इसके अलावा 29 विधानसभा सीटों पर 20 से 30 फीसदी के बीच मुस्लिम मतदाता हैं.
वर्ष 2020 में जीते 19 मुस्लिम
बिहार में वर्ष 2020 के विधानसभा चुनाव में कुल मिलाकर 19 मुस्लिम कैंडिडेट ही जीत दर्ज कर सके. बिहार में 1985 के विधानसभा चुनावों में अब तक सबसे ज्यादा 34 मुस्लिम विधायक चुने गए थे. हालांकि उस वक्त बिहार में 325 विधानसभा सीटें थीं और झारखंड को अलग राज्य का दर्जा नहीं मिला था.