Gaya News: गया मेडिकल कॉलेज में लावारिस मरीजों की दुर्दशा, अस्पताल प्रशासन की लापरवाही उजागर
गया के अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज में लावारिस मरीजों की हालत बदतर होती जा रही है। अस्पताल प्रशासन की लापरवाही के कारण मरीज खुले में रहने को मजबूर हैं।

Anugrah Narayan Magadh Medical College Gaya: बिहार सरकार के ड्रीम प्रोजेक्ट में शामिल गया का अनुग्रह नारायण मगध मेडिकल कॉलेज सह अस्पताल (ANMMCH) लगातार स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के दावे करता रहा है। लेकिन जमीनी हकीकत इसके ठीक विपरीत नजर आ रही है। अस्पताल में लावारिस मरीजों की दुर्दशा की तस्वीरें प्रशासन की संवेदनहीनता को उजागर कर रही हैं।
खुले में पड़ा लावारिस मरीज: मानवता पर सवाल
गया मेडिकल कॉलेज के इमरजेंसी वार्ड में एक लावारिस मरीज को खुले में पड़े रहने दिया गया। तस्वीरों में साफ दिखता है कि मरीज गंदगी से भरा हुआ है, उसके शरीर पर मक्खियां भिनभिना रही हैं और बदबू के कारण वहां खड़ा होना भी मुश्किल है।
कैसे हो रही है लापरवाही?
मरीज को इमरजेंसी वार्ड के बाहर खुले में छोड़ दिया गया।
टूटे-फूटे बेड और कबाड़ के बीच उसे जगह दी गई।
कोई डॉक्टर या नर्स उसकी देखभाल के लिए मौजूद नहीं था।
स्वास्थ्य विभाग द्वारा तय किए गए मानकों की पूरी तरह अनदेखी की जा रही है।
अस्पताल प्रशासन की संवेदनहीनता
कुछ समय पहले तक लावारिस मरीजों के लिए एक अलग वार्ड बनाया गया था, लेकिन जगह की कमी का हवाला देकर अब उन्हें सामान्य वार्डों में रखने का निर्देश दिया गया। हालांकि, इस नियम का पालन नहीं किया जा रहा है।
अस्पताल अधीक्षक का गोल-मोल जवाब
जब इस मामले में अस्पताल अधीक्षक डॉ. के.के. सिंह से सवाल किया गया, तो उन्होंने गोल-मटोल जवाब देकर अपना बचाव करने की कोशिश की। उन्होंने लावारिस मरीजों के खुले में पड़े रहने पर कोई ठोस जवाब नहीं दिया और इसे व्यवस्था की कमी बताकर टाल दिया।
स्वास्थ्य सुविधाओं में सुधार के दावे फेल
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के ड्रीम प्रोजेक्ट के तहत गया मेडिकल कॉलेज को एक मॉडर्न मेडिकल फैसिलिटी के रूप में विकसित किया जा रहा है। लेकिन वास्तविकता यह है कि मरीजों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं।
मुख्य समस्याएं:
बेड की भारी कमी – गंभीर मरीजों को खुले में रहना पड़ रहा है।
डॉक्टरों और स्टाफ की लापरवाही – मरीजों की देखभाल में कोताही बरती जा रही है।
साफ-सफाई की बदतर स्थिति – अस्पताल में गंदगी और बदबू फैली हुई है।
प्रशासन का गैर-जिम्मेदाराना रवैया – अस्पताल अधीक्षक ठोस जवाब देने से बच रहे हैं।
बिहार में स्वास्थ्य व्यवस्था पर उठते सवाल
बिहार सरकार स्वास्थ्य सेवाओं के सुधार का दावा करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही बयां करती है। गया मेडिकल कॉलेज में लावारिस मरीजों के साथ हो रहा दुर्व्यवहार बिहार की स्वास्थ्य सेवाओं की बदहाली को उजागर करता है। अगर सरकार और स्वास्थ्य विभाग इस पर तत्काल ध्यान नहीं देते, तो आने वाले समय में जनता का भरोसा सरकारी अस्पतालों से पूरी तरह उठ जाएगा।
रिपोर्ट मनोज कुमार