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बिहार के एकमात्र CAA++ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने का सुनहारा मौका! बस करना होगा ये काम, जानें हर जरूरी बात

दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUSB), जिसे NAAC A++ ग्रेड मिला था, में पीजी कोर्स के लिए एडमिशन शुरू हो गए हैं। CUET स्कोर के आधार पर आवेदन करें। अंतिम तिथि 08 फरवरी 2025 है।

बिहार के एकमात्र CAA++ यूनिवर्सिटी में एडमिशन लेने का सुनहारा मौका! बस करना होगा ये काम, जानें हर जरूरी बात
CUSB - फोटो : SOCIAL MEDIA

CUSB Admission: दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय (CUSB), जिसे NAAC A++ ग्रेड मिला है, ने 2025 के लिए पीजी कोर्सों में एडमिशन की प्रक्रिया शुरू कर दी है। यूनिवर्सिटी को 2017 में असेसमेंट के पहले चरण में 'ए' रेटिंग प्राप्त हुई थी, और अब यह NAAC A++ ग्रेड से सम्मानित बिहार की पहली यूनिवर्सिटी बन गई है।

एडमिशन प्रक्रिया और अंतिम तिथि

CUSB में विभिन्न पीजी कोर्सों में एडमिशन CUET स्कोर के आधार पर होगा। इच्छुक उम्मीदवार 08 फरवरी 2025 तक https://cuetpg.ntaonline.in पोर्टल के माध्यम से आवेदन कर सकते हैं। विस्तृत जानकारी के लिए यूनिवर्सिटी की आधिकारिक वेबसाइट cusb.ac.in पर जा सकते हैं।

उपलब्ध पीजी कोर्स और सीटें

CUSB में कई पोस्ट ग्रेजुएट कोर्स उपलब्ध हैं। यहां कुछ प्रमुख कोर्सों की जानकारी दी जा रही है:

एमएससी बायोटेक्नोलॉजी (35 सीटें)

एमए/एमएससी जियोग्राफी (45 सीटें)

एमए जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन (45 सीटें)

एम.कॉम. (45 सीटें)

एमए इंग्लिश (45 सीटें)

एम.फार्मा (फार्मास्यूटिक्स: 15 सीटें)

एमएससी आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (45 सीटें)

एमए सोशियोलॉजी (45 सीटें)

यूनिवर्सिटी परिसर और सुविधाएं

दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय का परिसर 300 एकड़ में फैला हुआ है और यह गया शहर से 15 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। यूनिवर्सिटी में छात्रों के लिए हॉस्टल, इनडोर और आउटडोर खेलों की सुविधाएं भी हैं।

प्लेसमेंट सेल और जॉब्स

CUSB का प्लेसमेंट सेल छात्रों को विभिन्न प्रतिष्ठित कंपनियों और संगठनों में रोजगार के अवसर प्रदान करता है। CUSB के छात्रों को अजीम प्रेमजी फाउंडेशन, केयर इंडिया (एनजीओ), और गांधी फेलोशिप-पीरामल फाउंडेशन जैसी प्रमुख कंपनियों में जॉब मिल चुकी है।

विश्वविद्यालय का नाम परिवर्तन

CUSB की स्थापना केंद्रीय विश्वविद्यालय अधिनियम, 2009 के तहत केंद्रीय विश्वविद्यालय बिहार (CUB) के रूप में की गई थी। वर्ष 2014 में इसका नाम बदलकर दक्षिण बिहार केंद्रीय विश्वविद्यालय कर दिया गया।

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