Gaya water crisis: गया में जल संकट से निपटने के लिए प्रधान सचिव ने समीक्षा बैठक की, जिसमें अधीक्षण अभियंता मनोज कुमार सिंह सहित कई अधिकारी मौजूद थे। बैठक का मुख्य फोकस बोरवेल, जल-नल योजना और अन्य योजनाओं पर रहा, जो जल समस्या के समाधान के लिए बनाई गई हैं।
जल-नल योजना और बोरवेल पर फोकस
बैठक के दौरान शेरघाटी और गया क्षेत्र की पानी की किल्लत को लेकर चिंता जताई गई। मार्च के बाद जल स्तर गिरने से पानी की समस्या बढ़ सकती है। इस दौरान बोरवेल और चापाकल की दक्षता पर चर्चा की गई। प्रधान सचिव ने कहा कि बोरवेल फेल होने की संभावना को देखते हुए टैंकर और अन्य व्यवस्थाओं पर काम किया जा रहा है।
मोटर मरम्मत और बिजली पैनल का निरीक्षण
प्रधान सचिव ने बताया कि नवंबर में किए गए सर्वे के अनुसार, मोटर खराब होने की मुख्य वजह बिजली के पैनल की समस्या है। उन्होंने कहा कि बिजली पैनल की मरम्मत से मोटर ठीक काम कर रहे हैं। सभी मोटरों की मरम्मत कराई जा रही है ताकि जलापूर्ति में कोई समस्या न हो।
आर्सेनिक और आयरन से प्रभावित जल स्रोतों पर काम
बिहार के 33 जिलों में पानी में आर्सेनिक और आयरन की अधिकता को लेकर प्रधान सचिव ने बताया कि इन क्षेत्रों में ट्रीटमेंट प्लांट लगाए गए हैं। इसके अलावा, पटना में करोड़ों रुपयों की मशीन लगाई गई है, जो पानी में मौजूद खतरनाक तत्वों का पता लगाने का काम करती है।
इस समीक्षा बैठक में जल समस्या के समाधान के लिए विभिन्न योजनाओं पर विचार किया गया, जिससे भविष्य में होने वाली जल किल्लत से निपटा जा सके। प्रधान सचिव ने इस दिशा में ठोस कदम उठाने और योजनाओं को समय पर पूरा करने की बात पर जोर दिया।