गयाजी की धरती पर पहुंचे प्रधानमंत्री मोदी, साल भर में पीएम का 7वां बिहार दौरा

Bihar Election 2025: गया जी के मगध विश्व विद्यालय के परिसर मे कड़ी सुरक्षा के बीच देश प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी पहुचे हैं...

 PM Modi reached the land of Gayaji
गयाजी की धरती पर पहुंचे पीएम मोदी- फोटो : reporter

Bihar Election 2025:  गयाजी की ऐतिहासिक धरा राजनीति और विकास की गवाही बन रही है। मगध विश्वविद्यालय के परिसर में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का भव्य स्वागत हुआ है। कार्यकर्ताओं की भीड़ उमड़ पड़ी और पूरा परिसर नारों से गूंज उठा। यह केवल स्वागत नहीं था, बल्कि चुनावी मौसम से पहले जनता और सत्ता के बीच संवाद का मंच भी था।

प्रधानमंत्री मोदी ने यहां से बिहार को 12,992 करोड़ रुपये की लागत वाली कई महत्वाकांक्षी परियोजनाओं की सौगात देंगे। इनमें सबसे बड़ी उपलब्धि गंगा पर बनने वाला छह लेन का पुल है, जो न केवल यातायात की धमनियों को मज़बूत करेगा, बल्कि बिहार के विकास की रफ़्तार को भी नई दिशा देगा। इसके साथ ही वैशाली से कोडरमा के बीच “बुद्ध सर्किट ट्रेन” की शुरुआत भी हुई, जो बिहार को पर्यटन की वैश्विक मानचित्र पर और चमकदार बनाएगी।

इस ऐतिहासिक मौके पर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार, उप मुख्यमंत्री विजय सिन्हा, सम्राट चौधरी, केंद्रीय मंत्री जितनराम मांझी, पर्यटन मंत्री समेत कई दिग्गज नेता और मंत्री मौजूद  हैं। मंच पर नेताओं की मौजूदगी ने साफ़ कर दिया कि यह महज़ विकास का कार्यक्रम नहीं, बल्कि आने वाले विधानसभा चुनाव से पहले राजनीति की बिसात भी है।

प्रधानमंत्री के आगमन को लेकर सुरक्षा व्यवस्था इतनी सख़्त थी कि “परिंदा भी पर न मार सके।” गया से लेकर मगध विश्वविद्यालय परिसर तक पुलिस और सुरक्षा बलों ने मोर्चा संभाल रखा है। हर आने-जाने वाले की गहन जाँच की जा रही है।

चुनावी माहौल में केंद्र सरकार का यह “विकास पर्व” विपक्ष के लिए चुनौती बन सकता है। पिछले कुछ महीनों से बिहार के लिए खजाने का दरवाज़ा खुला हुआ है चाहे वह आधारभूत संरचना की योजनाएँ हों या धार्मिक-पर्यटन केंद्रों का विकास। मोदी का यह दौरा उस संदेश का हिस्सा है कि “बिहार अब विकास की नई पटरी पर दौड़ेगा।”

गया की जनता ने जिस उत्साह से प्रधानमंत्री का स्वागत किया, वह बताता है कि बिहार की राजनीति में अब विकास, बुनियादी ढांचा और रोज़गार के सवालों को नज़रअंदाज़ करना संभव नहीं होगा। गंगा पर पुल और बुद्ध सर्किट ट्रेन केवल परियोजनाएँ नहीं, बल्कि बिहार की बदलती तस्वीर और संभावनाओं की नई इबारत हैं।

रिपोर्ट- मनोज कुमार