Express way in Bihar: बिहार में परिवहन व्यवस्था में क्रांतिकारी बदलाव आने वाला है। केंद्र सरकार से मंजूरी मिलने के बाद राज्य में तीन नए एक्सप्रेसवे का निर्माण जल्द ही शुरू होगा। ये एक्सप्रेसवे बिहार के विकास में एक नई ऊर्जा का संचार करेंगे और राज्य के लोगों के लिए यात्रा को अधिक सुविधाजनक बनाएंगे। तीनों एक्सप्रेसवे का मोदी सरकार से अलाइनमेंट का इंतजार है। अलाइनमेंट मिलते ही इन परियोजनाओं पर कार्य शुरु हो जाएगा।
कौन-कौन से एक्सप्रेसवे बनेंगे?
गोरखपुर-सिलीगुड़ी एक्सप्रेसवे- यह एक्सप्रेसवे उत्तर प्रदेश, बिहार और बंगाल को जोड़ेगा। बिहार में यह सड़क 416.2 किलोमीटर लंबी होगी और आठ जिलों से होकर गुजरेगी। ये आठ जिले पश्चिम चंपारण, पूर्वी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मधुबनी, सुपौल, अररिया और किशनगंज हैं। इस सड़क के बनने से सिलीगुड़ी से दिल्ली और यूपी-उत्तराखंड का सफर आसान हो जाएगा। दिल्ली से पूर्वोत्तर के राज्यों यानी सिक्किम, असम, नागालैंड, मणिपुर, मिजोरम, मेघालय, त्रिपुरा आने-जाने में भी आसानी होगी।
रक्सौल-हल्दिया एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे बिहार के नौ जिलों से होकर गुजरेगा और बिहार होते हुए झारखंड के रास्ते हल्दिया पहुंचेगा। बिहार में यह सड़क 367 किलोमीटर लंबी होगी। यह बिहार के पूर्वी चंपारण, पश्चिमी चंपारण, शिवहर, सीतामढ़ी, मुजफ्फरपुर, बेगूसराय, लखीसराय, जमुई और बांका जिले से गुजरेगी।
पटना-पूर्णिया एक्सप्रेसवे
यह एक्सप्रेसवे पटना से पूर्णिया तक 282 किलोमीटर लंबा होगा। इस सड़क के बन जाने से पटना से पूर्णिया पहुंचने में लगने वाला समय आधा हो जाएगा। यह एक्सप्रेसवे पटना के आगे दिघवारा से NH31 हाजीपुर, छपरा रोड से शुरू होकर NH322 होते हुए रोसड़ा NH 527 से गुजरेगा। दरभंगा के कुशेश्वरस्थान से सहरसा के सोनवर्षा कचहरी होते हुए यह सड़क पूर्णिया के डगरुआ के पास जाकर समाप्त होगी।
इन एक्सप्रेसवे से क्या फायदे होंगे?
इन एक्सप्रेसवे के बनने से बिहार के विभिन्न हिस्सों के बीच यात्रा का समय काफी कम हो जाएगा। ये एक्सप्रेसवे राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे। इससे व्यापार और उद्योग को बढ़ावा मिलेगा और रोजगार के नए अवसर पैदा होंगे। ये एक्सप्रेसवे बिहार को देश के अन्य हिस्सों से बेहतर तरीके से जोड़ेंगे। ये एक्सप्रेसवे पर्यटन को बढ़ावा देने में भी मदद करेंगे।
अगला कदम क्या है?
केंद्र सरकार से अलाइनमेंट मिलने के बाद इन एक्सप्रेसवे के लिए जमीन अधिग्रहण की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके बाद टेंडर के माध्यम से निर्माण एजेंसी का चयन किया जाएगा। उम्मीद है कि जल्द ही इन एक्सप्रेसवे का निर्माण कार्य शुरू हो जाएगा।