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बिहार में 400 मीटर का बन रहा बड़ा बराज,7 किमी लंबी नहर का भी निर्माण,5 जिले के लोगों को होगा फायदा,किया जाएगा बिजली उत्पादन

महानंदा नदी पर बराज निर्माण का रास्ता साफ हो गया है। राज्य सरकार ने इस महत्वाकांक्षी परियोजना को मंजूरी दे दी है। लगभग 20 करोड़ रुपये की लागत से बनने वाले इस बराज के दोनों ओर नहरों का निर्माण भी होगा।

Mahananda River
बराज का होगा निर्माण- फोटो : hiresh Kumar

Barrage will be constructed on Mahananda river: किशनगंज जिले के पोठिया प्रखंड में तैयब्पुर के निकट महानंदा नदी पर एक बराज का निर्माण किया जाएगा। इस परियोजना को कैबिनेट द्वारा मंजूरी मिल चुकी है। लगभग 20 करोड़ रुपए की लागत से बनने वाले इस बराज के दोनों किनारों पर नहर का निर्माण भी किया जाएगा। बराज की लंबाई लगभग 400 मीटर होगी, जबकि इसके बाईं ओर 18 किलोमीटर और दाईं ओर लगभग 7 किलोमीटर लंबी नहर का निर्माण किया जाएगा। इस कार्य के लिए डीपीआर तैयार करने की जिम्मेदारी पटना की पीपी सेल कंसल्टेंसी को सौंपी गई है। बंगाल के मॉडल पर यहां भकिय में एक पावर स्टेशन स्थापित कर बिजली उत्पादन की संभावनाएं भी तलाशी जा रही हैं। नहर के माध्यम से आसपास के किसानों को सिंचाई की सुविधा मिलेगी। इसके अलावा, बराज के जरिए नदी में पानी को रोका जाएगा और आवश्यकता पड़ने पर नहर में पानी भेजा जाएगा। बराज का फाटक खोलकर पानी को डिस्चार्ज करने की भी व्यवस्था होगी, जिससे बाढ़ की समस्या से क्षेत्र के निवासियों को काफी राहत मिलेगी।

जिले में नदियों का एक विस्तृत नेटवर्क है। यहां महानन्दा, रतुआ, मेची, डॉक, कनकई और अन्य नदियां बहती हैं, लेकिन इनमें से किसी पर भी तटबंध नहीं है। बरसात के मौसम में नेपाल के पहाड़ों से आने वाले पानी के कारण हर साल जिले में सैकड़ों घर नदी में समाहित हो जाते हैं। इससे जानमाल को भी नुकसान होता है। कई एकड़ उपजाऊ भूमि नदी के गर्भ में चली जाती है। अब बराज के निर्माण के बाद, महानंदा नदी के पानी को रोककर नहर में मोड़ने की सुविधा मिलेगी। आवश्यकता पड़ने पर बराज के फाटक खोलकर इसे आगे डिस्चार्ज भी किया जा सकेगा।

जल निस्सरण एवं बाढ़ प्रमंडल के कार्यपालक अभियंता धनन्जय कुमार ने बताया कि टीम जल्द ही स्थल का सत्यापन करने आएगी। उन्होंने कहा कि केबिनेट से मंजूरी मिलने के बाद कार्य में तेजी आने की संभावना है। डीपीआर पटना में तैयार की जा रही है। नहर की लंबाई में वृद्धि के बारे में विशेषज्ञों की टीम जल्द ही यहां आकर स्थल का निरीक्षण करेगी और इसे अंतिम रूप देगी।

वर्तमान में जिले में एक भी नहर नहीं है, जिसके कारण किसानों को फसल की सिंचाई के लिए पंप सेट का सहारा लेना पड़ता है। लेकिन जब बराज के दोनों ओर नहरें बन जाएंगी, तो किसानों को सिंचाई की बेहतर सुविधा मिलेगी। इससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार होगा और उन्हें कम लागत में सिंचाई के साधन उपलब्ध होंगे।किशनगंज जिले में महानंदा, रतुआ, मेची आदि नदियां बहती हैं। इन नदियों में बाढ़ के कारण हर साल जान-माल की क्षति होती है और हजारों हेक्टेयर कृषि भूमि बर्बाद होती है। इस बराज निर्माण परियोजना से जिले के लोगों को बाढ़ से स्थायी राहत मिलेगी और कृषि क्षेत्र में क्रांति आएगी।

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