Bihar News: बिहार सरकार ने नीति आयोग की पहली सलाहकार समिति की बैठक में प्रदेश के विकास और चुनौतियों को लेकर कई महत्वपूर्ण मुद्दों पर केंद्र से सहयोग की मांग की। राज्य के मुख्य सचिव अमृत लाल मीणा ने केंद्र सरकार से बाढ़ नियंत्रण, ग्रामीण सड़कों के निर्माण, औद्योगिक विकास और शिक्षा एवं स्वास्थ्य में सुधार के लिए अतिरिक्त सहायता की अपील की।
Charting the Path for Purvodaya!
— NITI Aayog (@NITIAayog) October 30, 2024
Prof. Ramesh Chand, Hon’ble Member of NITI Aayog, chaired a pivotal meeting with representatives from Purvodaya states to strengthen the roadmap for regional development. Joined by the Secretary of Economic Affairs, Chief Secretaries of Bihar and… pic.twitter.com/rPq4EzBcdP
बिहार के लिए महत्वपूर्ण मांगें और प्रस्ताव
बाढ़ नियंत्रण और नदियों का पुनर्निर्माण:
राज्य के मुख्य सचिव ने केंद्र से कहा कि कोसी, गंडक, सोन जैसी नदियों पर स्थित बांधों की ऊंचाई बढ़ाने और सिल्ट हटाने का कार्य आवश्यक है, ताकि हर वर्ष आने वाली बाढ़ की समस्या को स्थायी रूप से हल किया जा सके।
पुरानी नहरों के पुनर्जीवन और बांधों के निर्माण में भी सहयोग मांगा गया, जिससे जल प्रबंधन और कृषि को बढ़ावा मिल सके।
औद्योगिक और आधारभूत संरचना का विकास:
राज्य में औद्योगिक विकास को प्रोत्साहित करने के लिए 10 हजार हेक्टेयर भूमि का अधिग्रहण किया गया है, जिसमें से 90% भूमि औद्योगिक इकाइयों को आवंटित की जा चुकी है।
10 औद्योगिक नोड की स्थापना और 12 केंद्रीय सड़क परियोजनाओं में से गया की सड़क परियोजना को शीघ्रता से लागू करने की मांग की गई।
शिक्षा और स्वास्थ्य क्षेत्र में सुधार:
प्रत्येक पंचायत में हाई स्कूल खोलने, 16 नए मेडिकल कॉलेज स्थापित करने, और अगले पांच वर्षों में 1500 डॉक्टरों की नियुक्ति का लक्ष्य है। इससे डॉक्टर-मरीज अनुपात में सुधार होगा।
पटना मेट्रो के निर्माण और पर्यटन में विस्तार, विशेष रूप से बोधगया और राजगीर में तीन सितारा होटलों के विकास, पर ध्यान देने का आग्रह किया गया।
मेट्रो और हवाई अड्डों का विकास:
गया, दरभंगा, मुजफ्फरपुर और भागलपुर में मेट्रो परियोजनाओं के लिए समर्थन और पूर्णिया और भागलपुर में हवाई अड्डों के निर्माण की भी मांग की गई, जिससे हर 200 किमी के दायरे में एक हवाई अड्डा उपलब्ध हो सके।
बिहार की विकास दर और संभावनाएँ
बैठक में बिहार की 11% की विकास दर को सराहना मिली, जो राष्ट्रीय औसत 7% से काफी अधिक है। नीति आयोग के सदस्य प्रो. रमेश चंद की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में आंध्रप्रदेश, झारखंड, ओडिशा और पश्चिम बंगाल की भी वर्तमान स्थिति, चुनौतियों और विकास की संभावनाओं पर चर्चा की गई।
बिहार सरकार का मानना है कि केंद्र से आवश्यक सहयोग मिलने पर राज्य के शिक्षा, स्वास्थ्य, पर्यटन, औद्योगिक विकास और आधारभूत संरचना में व्यापक सुधार होंगे, जिससे प्रदेश को एक उन्नत और समृद्ध राज्य बनाने में सहायता मिलेगी।